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हिसाब

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हिसाब

उधर से इधर
कोई नहीं आया
इधर से उधर
कोई नहीं गया
हम वहीं हैं
जहां कल थे
वो वहीं है
जहां कल था
ये कुछ सुफेद
आवारा ध्रुवीय भालू हैं
जो हिमाच्छादित चोटियां
अतिक्रमण कर जाते हैं
इधर मुल्क में भ्रम फैलाते
हर रात नींद हराम करते
कुछ जहरीले मच्छर भी हैं
लेकिन, हम सक्षम हैं
तैयार हैं
ईंट के जवाब
पत्थरों की कोई कमी नहीं है
हम में जब धैर्य है
तो शौर्य भी है
आप कीचन में, बस
अपनी दाल देखिए
ध्यान रखिए, जले नहीं
यहां, कृपया
मजमा मत लगाइए
सवाल पूछने से
सवाल हल नहीं होते
बेहतर है गंदे हाथ
आंख – कान, मुंह – नाक, न छुएं
घर रहिए
सुरक्षित रहिए
जो मिलता है
नहीं मिलता है
संतुष्ट रहिए
खून कितना जमीन पर गिरा
कितना रक्त बैंक में है
हमारे पास
एक एक कतरे का हिसाब है

  • राम प्रसाद यादव

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