Home ब्लॉग गुजरात चुनाव को सामने देखकर भाजपा के काले चेहरे को ढ़कने के लिए गढ़ा गया ‘ताजमहल’ का शिगूफा

गुजरात चुनाव को सामने देखकर भाजपा के काले चेहरे को ढ़कने के लिए गढ़ा गया ‘ताजमहल’ का शिगूफा

9 second read
0
0
856

अंबानी-अदानी और मोदी गठबंधन

जब अरविन्द केजरीवाल कहते थे कि ‘‘भाजपा सत्ता और पैसे के लालची लोगों की पार्टी है’’, तब बहुत से लोगों को यह बात सहज नहीं लगी. परन्तु मोदी सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल ने अरविन्द केजरीवाल को सही साबित कर दिया है. देश की तमाम संसाधन चंद काॅरपोरेट घरानों और भाजपा नेताओं की निजी सम्पत्ति के बतौर माना जा रहा है, जिसका वह पूरी तरीके से निजी हितों में इस्तेमाल कर रहे हैं. देश की जनता के मेहनत की कमाई जिसे विभिन्न टैक्सों के रूप में केन्द्र की सरकार वसूल रही है और जिसका उद्देश्य देश की जनता के हितों के लिए सड़क, बिजली, पानी, रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था करना होता है, मोदी सरकार ने इसे सिरे से उलट दिया है. जनता की इस विशाल धनराशि का इस्तेमाल अंबानी-अदानी जैसे निजी काॅरपोरेट घरानों का खजाना भरने और विश्व भर में इसके व्यापार को बढ़ाने के लिए विदेशों का चक्कर काटने में किया जा रहा है. देश की जनता का इस विशाल धनराशि पर अब न तो कोई हक है और न ही उसके हित में इस्तेमाल ही होता है. इसके उलट देश की जनता से और ज्यादा धन की उगाही करने के लिए विभिन्न तरीके अपनाया जा रहा है. चाहे वह दिल्ली की जनता की पसंदीदा सवारी मेट्रो के किराया में भारी बढ़ोतरी करना हो या बैंक खातों में न्यूनतम मासिक राशि के नाम पर काटी जा रही देश की गरीब जनता की मेहनत की जमाराशि हो.

देश की भाजपा की सरकार अपने धन की लालसा में हर वह कार्य कर रही है, जिससे वह सरकारी धन का निजी तरीके से उपभोग कर सके. चाहे वह अमित शाह के बेटे के कारोबार में 16 हजार गुना का हिसाब हो या देश भर में भाजपा नेताओं के घोटाले-घपले हो, जिसमें हजारों-लाखों करोड़ की धनराशि सीधे निगल ली जाती है और इसे वह देशभक्ति के नाम पर ‘भारत माता की जय’ कहते हुए किसी भी आरापों से साफ बच भी जाते हैं.

मोदी सरकार के कार्यकाल 2014 से 2017 तक के कुछ चुनिंदे भारी घोटालों की जिक्र करते हैं. 2014 में सरकार बनते ही ललित मोदी गेट घोटाला का पर्दाफाश हुआ था, जिसमें भाजपा नेताओं ने ललित मोदी जिनकी वित्तीय अनियमितता में कई मामलों में तलाश थी, को देश से भाग जाने में मदद की. सहारा-बिड़ला डायरी में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर करोड़ों रूपये रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, पर इस मामलों में भी लीपापोती कर दी गई. गोवा में मिरामर-डोना पाउला रोड के निर्माण का अनुबंध बेतरतीब ढंग से किया गया, जिसे जीएसआईडीसी ठेकदारी घोटाला के नाम पर जाना गया. राजस्थान सरकार ने खनन घोटाला किया जिसमें उचित नीलामी के बिना खनन के लिए 45 हजार करोड़ रूपये की कीमत वाली जमीन का आवंटन अनुबंध पर हस्ताक्षर किये. जीएसआईडीसी परामर्शदाता घोटाला में गोवा सरकार ने सड़क परियोजना की देखरेख के लिए काली सूची में दर्ज कम्पनी को 10 करोड़ रूपये का भुगतान किया.

नोटबंदी में बदहाल जनता

2015 में एनयूएलएम घोटाला के तहत गरीबों के घर बनाने के लिए लिए 1 हजार करोड़ रूपये में से केवल 200 घर बनाने में खर्च किया. पीडीएस घोटाले में 36 हजार करोड़ रूपये के बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया. भाजपा के मंत्री महादेव नाईक ने गोवा में आवास योजना का दुरूपयोग कर आवास ऋण घोटाला किया. मध्यप्रदेश में भाजपा सदस्य राजेन्द्र सिंह की देखरेख में 10 हजार करोड़ रूपये का एडमिशन घोटाला (डिमैट) किया. बिना निविदा आमंत्रित किये ही स्कूली बच्चों के लिए 206 करोड़ रूपये का चिक्की कांट्रैक्ट किया गया. जीएसपीसी ने 20 हजार करोड़ रूपये का केजी बेसिन घोटाला को अंजाम दिया. कामंग हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में 600 मेगावाट की परियोजना के लिए बांधों के निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया. महाराष्ट्र में अग्निशमन यंत्र खरीद करने के लिए बिना निविदा आमंत्रित किये ही 191 करोड़ रूपये का अनुबंध कर लिये. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने दालों की बढ़ती कीमतों को रोकने में लापरवाही बरती जिसमें हजारों करोड़ का घोटाला हुआ और देश की जनता तबाह हो गई.

2016 में डसाल्ट-अंबानी से मंहगी कीमत पर 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद की गई, जिसमें भारी घोटाले हुए. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन घोटाले में महाराष्ट्र में एनएचएम मानदंडों को नजरअंदाज करके 287 करोड़ रूपये की दवाईयों की खरीद के लिए निविदाएं जारी की गई. सीबीआई के लुकआउट नोटिस के बावजूद विजय माल्या को विदेश भगा दिया गया, जिसपर भारतीय बैंकों से 9 हजार करोड़ ले भागने का आरोप है. बड़े काॅरपोरेट घरानों के बड़े उद्योगपतियों को 83 हजार 492 करोड़ रूपये की भारी कर्ज माफी केन्द्र की मोदी सरकार ने दी.

2017 में भाजपा नेता नालिया सेक्स रैकेट में शामिल. बिना अधिसूचना जारी किये निविदाएं दी गई और जालसाजों के माध्यम से उम्मीदवारों को नीट की परीक्षा पास कराई गई. गरीबों के लिए बनाई गई उज्ज्वला योजना के तहत् एलपीजी कनेक्शन सांसदों और विधायकों के बीच बांट दी गई. केन्द्रीय सड़क परिवहन और नौवहन मंत्रालय ने दागी बीएसपी विधायक की कम्पनी को करोड़ों का अनुबंध दिया. जाली नोटों की छपाई में भाजपा नेता गिरफ्तार किया गया. केरल के भाजपा नेता ने एक मेडिकल काॅलेज की मंजूरी के बदले 5.60 करोड़ रूपये की रिश्वत लेकर एमसीआई घोटाला किया. छत्तीसगढ़ में ट्रकों और ट्रैक्टरों की बजाय कार और बाईक की नम्बर प्लेटों पर 4900 फर्जी राॅयल्टी जारी करके अवैध खनन को छुपाया. रिसाॅर्ट बनाने के लिए वन भूमि का अधिग्रहरण और सरकारी भूमि का अतिक्रमण किया गया. स्मृति ईरानी के पति जुबिन ईरानी के शेयर वाली कम्पनी ने मध्य प्रदेश में एक स्कूल की जमीन हड़प ली. महाराष्ट्र में उचित निविदाओं के बिना ही आदिवासी बच्चों के लिए रेनकोट खरीद कर घोटाला को अंजाम दिया. सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को अनुचित रूप से मंहगी कीमत पर एलर्डडी बल्व की आपूर्ति ठेकेदार किया. डीआरआई की रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि 50 हजार करोड़ रूपये के कीमत की आयातित बिजली संयंत्र उपकरणों के दाम बढ़ा-चढ़ा कर दिखाये गये.

इन सबसे बड़ा साढ़े 8 लाख करोड़ का नोटबंदी घोटाला मोदी सरकार ने अंजाम दिया, जिसका दर्द भारत की जनता वर्षों भोगती रहेगी. इस नोटबंदी के महाघोटाले में लाखों करोड़ के नकली पांच सौ और हजार रूपये नोटों को असली नोटों में बदल कर जालसाजों को लाभ पहुंचाया गया और देश की जनता कतारों में मरती गई. एक ही झटके में लाखों मजदूरों को बेरोजगार कर दिया. हजारों उद्योगों को बंद करा कर मोदी ने नाम कमाया तो वहीं आनन-फानन में जबरदस्ती जीएसटी लागू कर देश के व्यापारियों की कमर ही तोड़ दी.

भुख से बच्ची की मौत

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार ही नोटबंदी के दौरान बंद कराये गये 500 और 1000 के नोटों का 99 प्रतिशत हिस्सा वापस आ गया. पर यह भी सच नहीं है. यह वापसी 100 प्रतिशत से भी बहुत ज्यादा है, जो लाखों करोड़ नकली नोटों से आये हैं, जिसे असली नोटों में बदल दिया गया. मोदी सरकार असली आंकड़े तक जनता के सामने नहीं रखती, यह बात कई बार साबित हो चुकी है. भाजपा के ही नेता यशवंत सिन्हा ने साफ तौर पर कहा है. नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद जारी सरकारी आंकड़े जीडीपी के 5.7 प्रतिशत ने होकर असल में 3.5 या इससे भी नीचे है. आज देश की आम जनता बदहाल की कागार में खड़ी है, वहीं अंबानी-अदानी जैसे काॅपरपोरेट घरानों का व्यापार दिन-दूनी, रात-चैगुनी बढ़ रही है. खुद अमित शाह की सम्पत्ति 300 गुनी बढ़ी है तो वहीं उसके बेटे जय शाह की सम्पत्ति में 16 हजार गुना उछाल हुआ है.

देश की करोड़ों जनता को बेरोजगारी और भूखमरी की अंधकूप में धकेलने वाले प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी भाजपा आज जब गुजरात में चुनाव सामने है तब गोमांस के विक्रेता भाजपा नेता संगीत सोम के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी और उसके मुख्य संगठन आरएसएस देश में ताजमहल का मामला उछालकर देश की जनता को हिन्दु-मुस्लिम विवाद में उलझाना चाह रही है क्योंकि अब उसके सारे जुमले धरातल पर गोबर में तब्दील हो गये हैं. उन जुमलों की एक-एक कर पोल खुल चुकी है. ‘नाटकीय तरीके से पहले तो अकड़ता है, फिर नाकामी देखकर रोने लगता है, फिर हमला करने लगता है’, अब मोदी के इस नाटकीय अंदाज की भी पोल खुल चुकी है. गर्त में देश को ले जा चुकी भाजपा की राह अब इतनी भी आसान नहीं रह गई है कि वह देश की जनता का ध्यान बेरोजगारी, भूखमरी और सम्मान की लड़ाई से भटका सके.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

कामरेडस जोसेफ (दर्शन पाल) एवं संजीत (अर्जुन प्रसाद सिंह) भाकपा (माओवादी) से बर्खास्त

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पंजाब और बिहार के अपने कामरेडसद्वय जोसेफ (दर्शन पाल…