Home कविताएं इसमें आश्चर्य क्या है

इसमें आश्चर्य क्या है

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इतने दावे
कि गिनती
भूल जाता हूं

गनीमत कि
डेढ़ घंटे ही लगे

एलईडी की दूधिया रौशनी में
हाई वे चमक रहा है

पर्दा पर जो है
जमीन पर
नहीं दीखता है

वे नहीं
मैं अंधा हूं और सालों
मोतियाबिंद से परेशान हूं

कल जब खजाना
लुटाया जा रहा था
आप कहां थे
रहते तो
मालामाल हो जाते

पता इसको
उसको
सबको है
कहता कोई नहीं

बोलने
चुप रहने
की
कीमती आजादी
सब को है

नफरत और प्रेम का
ऐसा पवित्र गंठजोड़
धरा दुर्लभ है

एक प्रश्न के उत्तर
हजार प्रश्न
इससे
बेहतर और नायाब
तरीका क्या हो सकता है

आप सुप्रीम हो
या निचली पायदानपर
आप एक प्यादा से ज्यादा
कुछ नहीं हो
आप का फर्ज
फैसला नहीं
लिखित आदेश
पढ़ना है

हमला
एक बेहतर बचाव है
और
सब का समान अधिकार है
और यही वैष्णव पंथ है

कभी भीख
कभी तपस्या
बहुरुपिया भी
परेशान है

जो हो रहा है
नहीं होना था
जो नहीं हो रहा है
वह तो तय था

पर्दा के आगे
पीछे
सब पारदर्शी है

इसमें आश्चर्य क्या है

  • राम प्रसाद यादव

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