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मुख्यधारा की दलाल-बिकाऊ मीडिया पर भारी छोटी वैकल्पिक मीडिया

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तिहाड़ी सुुधीर चौधरी, अरनब गोस्वामी, अंजना ओम मोदी (कश्यप) आदि जैसे भारी-भरकम दलाल पत्रकार दलाली करने और देश की जनता को झूठी और अनर्गल खबरें देकर एक ओर जनता को गुमराह करती है तो वहीं जनता की मुख्य समस्या शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, भ्रष्टाचार आदि को दबाने का काम पूरी निर्लज्जतापूर्वक करती है. ये तमाम तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया इसके बदले में भारी कमाई करती है और मोदी और भाजपा के तलबे चाटती है. वही छोटी मीडिया, छोटे वेबसाईट्स, सोशल मीडिया के माध्यम से देश जनता अपनी खुद की आवाज को उठाती है और मुख्यधारा की तलबाचाटू मीडिया को आईना दिखा जाती है.

खबरों और सच्चाई के लिए देश की जागरूक जनता अब इन तलबाचाटू मीडिया की मोहताज नहीं रही है. दलाल मीडिया के भारी-भरकम प्रयासों के बाद भी जब सच्चाई किसी न किसी रूप में देश की जनता तक पहुंच जाती है, तब अपनी विश्वसनीयता की संकट से घिरे ये दलाल पत्रकार और मीडिया संस्थान किसी तरह उन खबरों को दबाने या झुठलाने में जुट जाती है. अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान भी भारत की मुख्यधारा की मीडिया को सर्वाधिक भ्रष्ट और दलाल घोषित कर चुकी है.

‘द वायर’ जैसी छोटी वेबसाईट्स ने जब अमित शाह के पुत्र के कारोबार में 16,000 प्रतिशत की उच्चकोटि की बेहिसाब बढ़ोतरी की खबरों को प्रसारित किया तब भाजपा और उसके तमाम दलाल मीडिया संस्थानों के हाथ-पैर फुल गये और इस खबरों को झुठलाने की कोशिश पूरी ताकत से करने लगे तो वहीं अमित शाह के बेटे जय शाह की वकालत करते हुए भारत सरकार के एक मंत्री पीयूष गोयल इस खबरों का सामना करने के वजाय निर्लज्जतापूर्वक हंसते हुए ‘द वायर’ के ही खिलाफ 100 करोड़ रूपये के मानहानि का मुकदमा दर्ज करने बात प्रेसवार्ता में करने लगे.

विदित हो कि पूर्व में ही यह खबर आ चुकी है कि भाजपा के महज 3 साल के शासनकाल में अमित शाह की सम्पत्ति में जहां 300 गुना की बढ़ोतरी हुई है, वहीं भाजपा के तमाम नेताओं, मंत्रियों, विधायकों के सम्पत्ति में 300 प्रतिशत से 21,000 प्रतिशत की बढ़ोतरी की खबरें सामने आ चुकी है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल उठाया है. देश की जनता के टैक्स से जमा की गई सार्वजनिक सम्पत्ति की इतनी बड़ी लूटखसोट की भारत के समूचे इतिहास में अब तक अनसुनी है. अंग्रेज भी अपने 200 साल के शासनकाल में इतनी भारी लूट-खसोट नहीं मचाई जितनी भाजपा के साढ़े तीन साल में भाजपा के नेता और मंत्रियों ने मचाई है. ‘70 साल, 70 साल’ का राग अलापते हुए देश को मध्ययुग में धकेल देने वाली भाजपा आज देश भर में लाखों लोगों को बेरोजगार कर दिया है, हजारों किसानों को आत्महत्या पर मजबूर कर दिया है, हजारों स्कूल-काॅलेजों को बंद करा दिया है, भ्रष्टाचार के गहरे भंवर में देश को फंसा दिया गया है, भाजपा के नेता हत्या, बलात्कार, बच्चा चोरी, स्मगलिंग, नकली नोट छापने, देश की खुफिया सैन्य जानकारी विदेशी जासूसों को बेचने आदि जैसे अवैध और देशविरोधी गतिविधि में लिप्त है. औरतों और लड़कियों पर हमले बढ़ गये हैं.

सरकार के बनते ही विकास की चकाचैंध दिखाते हुए मोदी ने मई, 2014 के बाद से अबतक के 40 माहों में 12 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा का कर्ज बैंक से ले चुकी है. देश के आम खाताधारकों का पैसा बैंकों के माध्यम से मोदी सरकार के देश के 100 काॅरपोरेट घरानों को रेबड़ी की तरह बांट चुकी है. रिजर्व बैंके के आंकड़ों के अनुसार सरकार ने देश के बैंकों से 42 लाख करोड़ का भारी कर्ज ले रखा है, जो कि रिजर्व बैंक द्वारा जारी प्रचलित करेंसी की तुलना में 280 प्रतिशत है. वहीं बैंक अपने कर्ज की भरपाई के लिए आम खाताधारकों पर नये नये तरीके से वसूली कर रही है.

नोटबंदी जैसे घातक प्रयोग से तत्काल जहां सैकड़ों लोग मौत के मूंह में चले गये हैं, तो वहीं देश की जीडीपी गिर कर 3 प्रतिशत आ पहुंची है. व्यापार और उद्योग बंद हो गये. लाखों लोग बेरोजगार हो गये. एक रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रतिदिन 12,500 लोग बेरोजगार हो रहे हैं और भारत सरकार के मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि यह अच्छा संकेत हैं. असल में नोटबंदी देश में अबतक का सबसे भारी घोटाला है जिसमें तकरीबन 8.5 लाख करोड़ रूपये का गबन हुआ है. भ्रष्ट मोदी ने भ्रष्टाचार को ही देश का आचार घोषित कर जीएसटी जैसी गैर-जरूरी टैक्स प्रणाली को लाकर देशभर में हाहाकार मचा दिया और हाथ-पैर नचाते हुए अभिनय करते हुए देश को गलत जानकारी देकर गुमराह किया है. आय पर लगने वाले टैक्स को बंद कर अब वस्तु और सेवा पर टैक्स लगाकर देश की तमाम मध्यवर्ग और निम्नवर्ग को जहां भारी टैक्स चुकाने पर बाध्य कर दिया है तो वही देश की 100 सर्वाधिक अमीर परिवारों को टैक्स से बाहर कर और भी ज्यादा अमीर बना दिया है. यह देश की विडंबना ही है कि देश की जनता ने अंबानी के दलाल और सैल्समैन को देश का प्रधानमंत्री बना दिया.

ये सारे सवाल मुख्यधारा की दलाल बिकाऊ मीडिया के विमर्श से बाहर है. वहीं वैकल्पिक मीडिया छोटी वेबसाईट्स, सोशल मीडिया पर नियंत्रण करने और धमकाने की कवायद भाजपा सरकार और मुख्यधारा की तलबाचाटू मीडिया लगातार चला रही है.

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

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One Comment

  1. S. Chatterjee

    October 9, 2017 at 11:17 am

    फासीवाद पूंजीवाद का सबसे घृणित रूप है जो अब खुलकर सामने आ गया है।

    Reply

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