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भाजपा का ‘राष्ट्रवाद’ !

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हिन्दुओं, ब्रिटिश से लड़ने में अपनी ताकत को बर्बाद मत करो. अपनी ताकत हमारे भीतरी दुश्मनों यानि मुसलमानों, ईसाइयों और कम्युनिस्टों से लड़ने के लिए बचाकर रखो. – एम.एस. गोलवरकर

कभी-कभी चिंता होती है कि हम अपने देश को देखते नहीं हैं, देश की विविधताओं को जानते नहीं, समझते नहीं, बहारी चकाचैंध के प्रभाव में आकर विदेशों में ही TOUR करना पसंद करते हैं. आप दुनिया-भर में जाएं, मुझे कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन कभी अपने घर को भी जरूर देंखे. – मन बात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, 24 सितम्बर, 2017

राष्ट्रवाद हरामजादों की शरणस्थली है – सैम्युल जाॅनसन

जेएनयू के छात्रों को देशद्रोही बताकर डस्टबिन में कंडोम गिनने वाले भाजपा के नेता ‘कैम्पस में लड़कों द्वारा ‘छेड़खानी और हस्तमैथुन’ के खिलाफ शिकायत करने वाली छात्राओं को बीएचयू के संघी कुलपति के रूप में ‘राष्ट्रवाद’ की शिक्षा देते हुए बीएचयू की छात्राओं को देशद्रोही घोषित कर देते हैं. छात्राओं के धरना को बाहरी लोगों के हस्तक्षेप की संज्ञा देते हुए पुलिस से बर्बर हमला करवाकर 1200 छात्र-छात्राओं पर मुकदमा दर्ज करवाते हैं.

भाजपा का संघी राष्ट्रवाद मनुस्मृति से प्रेरित होने के कारण वह खुले तौर पर हिन्दुत्व की खाल में ब्राह्मणवाद को स्थापित करना चाह रहा है. यह ब्राह्मणवाद देश में दलित-आदिवासियों और महिलाओं को खुले तौर पर शिक्षा-स्वास्थ्य से वंचित रखना चाहता है. देश भर में ‘राष्ट्रवादिता’ की ढोंग के तहत सर्वाधिक जागरूक शिक्षण संस्थानों पर एक के बाद एक हमले करवाये जा रहे हैं. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी देश के इतिहास को पूरी तरह बदल डालना चाहती है. इसके इस काम में सबसे बड़ा रूकावट वह शिक्षण संस्थान है जहां दलित-आदिवासी और महिलायें उच्च शिक्षा हासिल करती है और इनके इतिहास बदलने की कुत्सिक प्रयास को बेनकाब करती है. हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक दलित छात्र रोहित बेमुला की संस्थानिक हत्या को जायज ठहराने के लिए पूरे विमर्श को रोहित के दलित होने और न होने के सवाल पर उलझा दिया, जेएनयू के छात्रों को देशद्रोही होने का तगमा देकर भाजपा डस्टबीन में कंडोम गिनने लगा. इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए जादवपुर विश्वविद्यालय, बीएचयू आदि से होते हुए देश भर में शैक्षणिक संस्थानों पर हमले होने लगे. एक शिक्षित व्यक्ति ही सही गलत का फैसला बेहतर कर सकता है इसलिए संघी राष्ट्रवादी भाजपा देशभर में शिक्षा व्यवस्था को ही खत्म करने पर उतारू हो गया है. यही कारण है कि शिक्षा पर बजट लगातार कम किया जा रहा है. हजारों स्कूलों को बंद किया जा रहा है. स्कूल-काॅलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा है.

भाजपा का राष्ट्रवाद ‘मनुस्मृति’ है, जो दलित-आदिवासियों और महिलाओं की स्वायतत्ता पर सीधा हमला करता है. परन्तु आज की मौजूदा हालात में पूरी ताकत लगाने के बाद भी भाजपा को एक भारी प्रतिरोध का सामना कर रहा है. इसके बचाव के लिए वह हर ऐसे मुद्दे उठा रहा है, जिससे लोगों के प्रतिरोध को किसी और दिशा में मोड़ा जा सके. इसके लिए उसने सर्वप्रथम देश की र्मीिडया संस्थानों को खरीद कर अपना जरखरीद गुलाम – दलाल – बना लिया. जो मीडिया संस्थान बिकने को तैयार नहीं, उसे देश की विभिन्न संवैधानिक संस्थानों के द्वारा प्रताड़ित कर रही है और उस पर नित नये हमले संगठित कर रही है. छोटे-छोटे वेबसाईट्स, सोशल मीडिया के माध्यम से उठ रहे विरोध के स्वर को नियंत्रित करने के लिए नये-नये तरीके अपना रही है, जिसमें कानून बनाना, प्रतिबंध लगाना, गुंडे बिठाकर विरोधी स्वर को गाली-गलौज कर बंद करना, डराना, हत्या करने की धमकी देना और हत्या तक कर देना शामिल है. इसके अलावे मानहानि का मुकदमा जैसे नाजायज हथकंडे अपनाकर न्यायपालिका के आड़ में अपने कुत्सित प्रयासों को एक मोड़ देता है.

इसके अलावे भाजपा अपने अन्य गुंडे संगठनों के माध्यम से देश भर में हर दिन लगातार दंगे भड़काने का प्रयास चला रही है. खुद से मंदिरों में गौमांस फेंक कर मुसलमानों के खिलाफ दंगे भड़का रही है. बहुसंख्यक हिन्दुओं के भावनाओं को उकसाते हुए उनकी श्रद्धा व भक्ति के साथ खुलेआम खिलवाड़ करते हुए गोहत्या, गोमांस, गोरक्षा, गाय, गोबर, सेना आदि से निकलते हुए कभी पाकिस्तान तो कभी चीन के खिलाफ लोगों के ध्यान को भटका रहा है ताकि लोगों की मूल समस्या शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार को ओझल किया जा सके.

भाजपा के प्रधानमंत्री मोदी विदेश भ्रमण में रहते हैं, जहां वह देश की सर्वाधिक लुटेरी काॅरपोरेट घरानों के व्यापार को बढ़ाने के लिए सेल्समैन की तरह काम कर रहे हैं. जब कभी वह चंद दिनों के लिए देश लौटते हैं तो विरोधी राजनीतिक पार्टियों की शासनवाली राज्यों में अवैध तरीके से घुसपैठ कर उस पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त कर अपना राज्य स्थापित करते हैं या उसे तंग करते हैं. फिर चुनावी तैयारी में व्यस्त हो जाते हैं. वह देश की जनता की मौलिक जरूरत शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की समस्या को हल करने के वजाय उसे पूरी तरह खत्म करने पर उतारू दिखते हैं. अपने नाटकीय अंदाज में देश की जनता का मजाक उड़ाते हैं और हंसते हैं और रोते हैं.

देश भर में भाजपा के नेता, मंत्री, विधायक हत्या, बलात्कार और धनलोलुपता में लगे हुए हैं. लाखों करोड़ के भ्रष्टाचार से आकंठ डूबे हुए हैं. और यही उसका ‘राष्ट्रवाद’ भी है. जो कोई व्यक्ति या संस्था उनके इस धनलोलुप राष्ट्रवाद का विरोध करते हैं, उसे देशद्रोही ठहरा कर उसे तंग-तबाह करते हैं और बाजरूरत उनकी हत्या तक करवाते हैं और उस हत्या को महिमामंडित करते हैं.

‘राष्ट्रवाद बदमाशों की शरणस्थली है’, सैम्युल जाॅनसन के शब्द भाजपा के राष्ट्रवाद पर सटीक तरीके से बैठता है. इसके सिवा भाजपा के संघी राष्ट्रवाद को समझने का आसान और कोई शब्द नहीं है.

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