देश के सर्वाधिक भ्रष्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी की मौजूदगी में उसके ही संसदीय क्षेत्र बनारस में विशुद्ध हिन्दु बेटियों पर जिस बेरहमी के साथ पुलिस ने लाठी बरसाये हैं, वह बेहद ही शर्मनाक है. हिन्दुत्व की जिस मनुस्मृति की अवधारणा के साथ आरएसएस ब्रांड भाजपा के प्रधानमंत्री मोदी देश को हिन्दु राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाना चाहती है वह पूरी तरह लड़कियों और महिला विरोधी है.
21 सितम्बर को एक बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ छेड़खानी के बाद छात्राओं ने जब कुलपति गिरिश चन्द्र त्रिपाठी, जिसे आरएसएस ब्रांड कुलपति भी कहा जाता है, से शिकायत करने की कोशिश की, तब कुलपित न केवल छात्राओं से मिलने से ही इंकार कर दिया वरन् छात्राओं को देशद्रोही बताते हुए उसके विरोध को कुचलने के लिए पुलिस बल का जमकर इस्तेमाल किया. यह भारतीय हिन्दु समाज व्यवस्था के लिए बेहद ही शर्मनाक है जब छात्राओं को उनकी सुरक्षा की मांग के कारण बेरहमी से पीटा गया. छात्राओं को ही बल्कि पत्रकारों को भी पीटा गया है.
छात्राओं के विरोध को कुचलने के लिए आई पुलिस बल के एक अधिकारी पत्रकार के साथ एक अनौपचारिक बातचीत में कहते हैं, ‘‘बहुत बकचो … वीसी है यार. मिल ले. कम से कम तात्कालिक आराम तो दे दे. यह सब करने की नौबत तो नहीं आएगी लेकिन तना हुआ है गधा कहीं का.’’ पुंलिस बल के अधिकारी का बयान भाजपा के मोदी-जोगी शासन को बखूबी उजागर करता है कि भाजपा के शासक मोदी-जोगी अपने स्तर से छात्राओं पर लाठी के प्रहार की अनुमति दिया हो. यह कतई नहीं हो सकता कि दुराचारी मोदी और उसके कुकर्मी सहयोगी मुख्यमंत्री योगी जिस पर अनेक हत्या और बलात्कार के मुकदमे दर्ज हैं, उसे नहीं मालूम हो. निःसंदेह पुलिस अधिकारी को छात्राओं को अपनी सुरक्षा खातिर किये गये विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए मुख्यमंत्री योगी और उस वक्त बनारस में मौजूद देश के प्रधानमंत्री मोदी की सहमति और आदेश जरूर होगी.
विदित हो कि लोगों की हत्या से रंगे हाथ वाले देश के प्रधानमंत्री और उसके गुर्गें आये दिन देश भर में हत्या और बलात्कार जैसे दुष्कर्म को अंजाम दे रहे हैं. इतना ही नहीं अपनी भतीजी तक को अपने हवस का शिकार बना रहे हैं. बलात्कार करने वाले बलात्कारी को प्रशासनिक तौर पर न केवल संरक्षण ही प्रदान कर रही है वरन् उसे ऊंचे पदों पर बिठाकर पुरस्कृत भी कर रही है. स्वयं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सरकारी तंत्र का दुरूपयोग कर लड़कियों का पीछा करवाने और उसका उपभोग अपने शयनकक्ष में करने के पुख्ता प्रमाण देश के सामने आ चुका है.
बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय की छात्राओं पर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की सहमति से रात्रि के 1 बजे कराये गये भयानक लाठीचार्ज यह साफ तौर पर देश को एक चेतावनी देता है कि लड़कियों को अपने साथ होने वाले दुष्कर्म के खिलाफ नहीं बोलना होगा. लड़कियों साथ होने वाले छेड़छाड़ को भाजपा प्रशासन की पूरी सहमति है. बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं जैसे नारे भाजपा के केवल हाथी के दांत हैं, जुमले हैं. असल में तो यह बेटी के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार की खुली छूट देता है. सबसे बढ़कर यह लड़कियों के लिए मनुस्मृति को लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम है, जिसके तहत् लड़कियों को शिक्षा से बंचित करना और उसे बच्चा पैदा करने की मशीन में बदल डालना चाहती है. यही कारण है कि छात्राओं की छेड़छाड़ के खिलाफ विरोध को बलपूर्वक खत्म करने के लिए आरएसएस ब्रांड कुलपति त्रिपाठी ने छात्राओं को देशद्रोही और राजनीतिक करने वाला बता दिया है. सवाल उठाता है छात्राओं के खिलाफ छेड़छाड़ को देशभक्ति के पैमाने पर कौन रखना चाहता है ? जाहिर है बलात्कारी. स्पष्टतः इसके जरिये सरकार ने यह जता दिया है कि बलात्कार करना देशभक्ति है. छेड़छाड़ और बलात्कार का विरोध करना देशद्रोह. यहां तक भाजपा के सुब्रमणियम स्वामी अब इस विरोध प्रदर्शन को नक्सलवादियों तक से जोड़ रहे हैं.
इस बलात्कारियों के सरकार को इसी जनता ने गफलत में आकर देश के सत्ता पर बिठाया है. यही की छात्रा 6 महीने पहल मोदी-जोगी का प्रचार कर रही थी, अब मोदी-जोगी की सरकार ने इन छात्राओं को अच्छी तरह बता दिया है कि मोदी-जोगी असल में देशद्रोहियों और बलात्कारियों का जमाबड़ा है, इसे जितनी जल्दी समझ जायें, खुद के भविष्य के लिए बेहतर है.