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गर्व से कहो कि हम गर्व कर सकते हैं

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गर्व से कहो कि हम गर्व कर सकते हैं

मुझे गर्व करने का कांसेप्ट बहुत दिलचस्प लगता है. यह सबको एक समूह में बांंध लेता है. एक आदमी काम करता है, पीछे बारह निठल्ले गर्व करते हैं. ऐसे में वो एक सामूहिक भांग में मस्त हो जाते हैं.

भैया के पड़ोस गांंव से कोई आईएएस हुवा है. भैया हाई स्कूल फेल है मगर जर्दा चुंगलियाए गर्व कर रहे हैं. लड़का इनको जानता भी नहीं, फिर भी उसने उसका नाम रौशन किया है. ये गौरवान्वित हैं. दुआरे पे बैठे हैं, गोबर फेंकना है थोड़ी देर में. गोबर हाथ में लबेड़े दुखी ही थे कि इतने में मैसेज आया है, ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं.’ गोबर फेंकते-फेंकते सीना चौड़ा हो गया है. चेहरे पर मुस्कान निखर आई है. मेहारू डाउट में है.

चार महीने से काम और आमदनी ठप्प है. लड़कियों के मास्टर ऑनलाइन क्लास की फीस मांंग रहे हैं. कुछ जुगाड़ नहीं है, ऐसा समय आया है. तभी उसके फोन में वीडियो आया कि ‘गर्व से कहो कि हम इस महान समय के साक्षी बन रहे हैं.’ वह चहक उठा है. इतना इंसटैंट सुख केवल इंसानों के पास है.

सोचता हूंं कि ईश्वर ने आदमी के अलावा बाकियों को भी गर्व करने की क्षमता दी होती तो कैसे-कैसे नारे देखने को मिलते ? ‘गर्व से कहो हम अमीबा हैं !’ ‘अखिल भारतीय काकरोच युवा वाहिनी’, ‘जमात-ए-जूंं.’

दूसरे भू-भाग के होमोसेपियन पूछते हैं, ‘आज मेरे पास दौलत है, गाड़ी है, बंग्ला है, अच्छी शिक्षा-स्वास्थ्य-सुविधा है, तुम्हारे पास क्या है ?’ ‘हमारे पास गर्व करने की वजह है !’ है तुम्हारे पास ये जिगरा ? इतना बड़ा दिल किसी के पास नहीं है. हम मौत के जलजले के बीच गर्व कर सकते हैं, गरीबी के कहकहे के बीच गर्व कर सकते हैं. यह सुविधा, यह सौभाग्य और किसी के पास नहीं है. गर्व से कहो कि हम गर्व कर सकते हैं.

खैर, ‘ये ऐतिहासिक गर्व का दिन है’, ऐसा इस भू-भाग के कुछ होमोसेपियंस कह रहे हैं. चौराहे पर बैठे हैं. गले में मास्क लगाए, सुबह से गर्व कर रहे हैं. कुछ बिस्तर पर लेटे-लेटे गर्व कर रहे हैं. चेक कर रहे हैं कि कौन-कौन गर्व नहीं कर रहा है ? बगल में बच्चा रो रहा है. बहुत रो रहा है. उसको एक लात जमा के वापस गर्व करने लगे हैं. उनके गर्व में किसी ने खलल डाला उसे भी लतिया सकते हैं. इतने गौरवान्वित हैं !

  • शशांक भारतीय

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ROHIT SHARMA

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