उत्तर प्रदेश में भाजपा ने ईवीएम पर भरोसा कर के एक तरफ जहां सत्ता हासिल कर ली वहीं राज्य की जनता को श्मशान और कब्रिस्तान देने का वादा भी किया था. अब भाजपा अपने वादों पर पूरी तौर पर खड़े उतरते हुए उत्तर प्रदेश की जनता को हर दिन थोक में श्मशान और कब्रिस्तान पहुंचा रही है. विगत दिनों आॅक्सीजन की सप्लाई बन्द करवाके 68 मासूमों को कब्रगाह या श्मसान पहुंचा चुकी है. पर यह सिलसिला आगे भी मजे से चला जा रहा है. कुछ दिन बाद ही फर्रुखवाद में 49 बच्चे, गोरखपुर में 357 बच्चों के मौत का तांडव केवल उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं रहा यह तमाम भाजपा शासित राज्यों में फैल गया. एक बार तो आॅक्सीजन की जगह जहरीली गैस की सप्लाई भाजपा नेता के आॅक्सीजन सप्लाई केन्द्र से ही कर दी गई. इन सबमें सबसे खास बात यह है कि किसी को भी दोषी नहीं पाया गया और दण्डात्मक कार्रवाई भी नहीं हुई. अगर की भी गई तो केवल हाथी के दांत की तरह, दिखावे के तौर पर.
इसी तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा ने किसानों के कर्जों को सत्ता में आते ही पहली ही बैठक में माफ करने का भी वादा किया था. पर भारी नानुकुर और जद्दोजहद के बाद अब जाकर भाजपा ने किसानों के कर्जों को माफ करने की पहल की है. गौरतलब हो कि किसानों के कर्जों को माफ करने के लिए जो कदम उठाये गये हैं वह किसानों का भद्दा मजाक उड़ाने के लिए ही पर्याप्त है. एक ओर जहां भाजपा औद्यौगिक घरानों के लाखों करोड़ के कर्ज को पलक झपकते माफ कर देते हैं और फिर से नया कर्ज प्रदान कर देते हैं वहीं किसानों को कर्ज माफी के तौर पर दिया गया चेक किसानों का मजाक उड़ा रहा है.
पहले तो जोगी सरकार किसानों का कर्जमाफी करना ही नहीं चाह रही थी, अब जब विभिन्न किन्तु-परन्तु से गुजरते हुए कर्ज माफी कर भी रही है तो सरकार किसानों को चेक की राशि दे रही है, उस चेक की लागत भी उस पर अंकित राशि से ज्यादा है. फसल ऋण माफी योजना के तहत बिजनौर में 8 सितम्बर को प्रभारी मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने वर्धमान डिग्री काॅलेज में किसानों के ऋण मोचन कार्यक्रम में बिजनौर के 22,156 किसानों को ऋण माफी के प्रमाण-पत्र दिये थे. इस योजना में जिले के कई किसानों को कर्ज माफी के नाम पर 9 पैसे और 84 पैसे तक कर्ज माफ किया गया है. इससे ज्यादा खर्च तो उक्त मंत्री द्वारा सभा आयोजित करने में ही खर्च कर दिया गया होगा और चेक लेने आये उक्त किसान का उस दिन कार्यक्रम में शामिल होने आने का खर्च भी उक्त चेक से कही ज्यादा हुआ होगा.
भाजपा नेताओं द्वारा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारे को कुछ इस कदर विकसित कर दिया है कि उसका आयाम बढ़कर कुछ इसतरह हो गया लगता है: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और भाजपा नेता के आगे परोस दो’. देश भर में भाजपा नेताओं के महिलाओं के साथ किये जा रहे दुराचार की खबरें प्रचारित हो रही है. उत्तर प्रदेश की जोगी सरकार भी इस मामले में कम नहीं है. बेहतर हो, योगी आदित्यनाथ जिन पर पहले से ही हत्या और बलात्कार जैसे संगीन की धाराओं के तहत् मुकदमे चल रहे हैं, के खिलाफ कार्रवाई किया जाये और प्रदेश की बदहाल कानून व्यवस्था पर दुरूस्त करने की कार्रवाई किया जाये ताकि बुरी तरह बेनकाब हो चुकी इस व्यवस्था पर सुधार की पैबंद लगाई जाय जब तक की नया विकल्प मजबूती से सामने नहीं आ जाता.