हिमांशु कुमार, गांधीवादी कार्यकर्ता
सोनी सोनी पर जब भाजपा सरकार की मिलीभगत से कल्लूरी ने षड्यंत्र करके चेहरे पर एसिड फिंकवाया था, उस घटना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई थी तथा भाजपा की छत्तीसगढ़ सरकार की बहुत फजीहत हुई थी. तब बदनामी से बचने के लिए तत्कालीन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भारी दबाव में आकर सोनी सोरी को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने पर मजबूर हुए थे.
तब से आज तक पुलिस सोनी सोरी की सुरक्षा का कम, सोनी सोरी की गतिविधियों पर रोकथाम लगाने का काम ज्यादा कर रही है. सोनी सोरी के सुरक्षा गार्ड भी सोनी सोरी पर दबाव डालते हैं कि अगर आप बिना सूचना दिए आदिवासियों से मिलने जायेंगी तो हम आपके खिलाफ एफआईआर करायेंगे.
पुलिस विभाग द्वारा सोनी सोरी को बार-बार नोटिस दिए जाते हैं कि आप पहले से सूचना दिए बिना आदिवासियों से मिलने क्यों गई ? सोनी सोरी के पास पुलिस द्वारा दिए गए ऐसे नोटिसों की एक बहुत मोटी फाइल बन चुकी है. नमूने के तौर पर एक आज ही मिला नोटिस नीचे संलग्न है.
सोनी सोरी ने पुलिस विभाग को सूचित किया था कि कल वह बीजापुर जिले के सरकेगुड़ा गांव जाएंगी जहां पर सुरक्षाबलों ने 17 निर्दोष आदिवासियों की हत्या कर दी थी..कल उनकी बरसी का कार्यक्रम है, जहां पर आदिवासियों की स्मृति में एक स्मारक का निर्माण होना है.
अभी थोड़ी देर पहले रात के समय पुलिस विभाग के व्यक्ति ने आकर सोनी सोरी के घर पर यह नोटिस दिया है जिसमें लिखा है कि आप वहां नहीं जा सकती. यह साफ-साफ सोनी सोरी की गतिविधियों पर रोकथाम लगाने का मामला है पुलिस नहीं चाहती कि सोनी सोरी अपना मानवाधिकारों का कार्य करें तथा आदिवासियों से मिले-जुले.
इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को भी लिखा जाएगा और यदि छत्तीसगढ़ सरकार पुलिस विभाग की इन गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाती है तथा सोनी सोरी के जनता से मिलने जुलने पर बंदिश लगाने की कोशिशें जारी रहती है तो सरकारी सुरक्षा रखने के मामले पर पुनर्विचार किया जा सकता है.
दंतेवाड़ा पुलिस मानव अधिकार कार्यकर्ता सोनी सोरी की हत्या करना चाहती है. 2 दिन से सोनी सोरी के घर पर बार-बार नोटिस भेजकर उनसे कहा जा रहा है कि वह घर से बाहर कहीं नहीं जाएगी.
असल में बीजापुर के सारकेगुड़ा में जहां सीआरपीएफ ने 17 आदिवासियों की हत्या की थी, वहां आदिवासी एक स्मारक बनाना चाहते हैं. पुलिस नहीं चाहती थी कि सोनी सोरी वहां जाए. इसके अलावा भी अलग-अलग कई जगह से आदिवासी सोनी सोरी को अपने आंदोलनों और अपने साथ होने वाले दमन के खिलाफ बुला रहे हैं. पुलिस सोनी सोरी को रोकना चाहती हैं.
कल थानेदार ने व्यापारियों और टैक्सी मालिकों को बुलाकर धमकाया और कहा कि वे सोनी सोरी को अपनी गाड़ी किराए पर ना दें और आज सुबह से ही सोनी सोरी का पुलिस की एक जीप बिना नंबर प्लेट के संदिग्ध हालत में पीछा कर रही है. सोनी सोरी ने हिम्मत से उस जीप के सामने जाकर पुलिस वालों को चुनौती दी और कहा कि ‘आओ मुझे जान से मार दो मैं तैयार हूं’, इसके बाद वह पुलिस वाले दुम दबाकर भाग गए.
सोनी सोरी का आज थोड़ी देर पहले का यह वीडियो देखिए, जो घटना पुलिस अधीक्षक तथा कलेक्टर के बंगले के सामने की है.
पड़ोसी जिले बीजापुर में करीब 10 हजार आदिवासी इकट्ठा है वह सोनी सोरी को नेतृत्व करने के लिए बुला रहे हैं. पुलिस नहीं चाहती कि सोनी आदिवासियों का नेतृत्व करें लेकिन सरकार और पुलिस को यह समझना चाहिए कि दमन और धमकी से कभी जीत नहीं मिलती.
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