Home ब्लॉग राम रहीम बनाम पीड़ित लड़की की गुमनाम चिट्ठी

राम रहीम बनाम पीड़ित लड़की की गुमनाम चिट्ठी

4 second read
0
0
1,541

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को भारी जद्दोजहद और 15 साल बीत जाने के बाद सीबीआई की कोर्ट ने बलात्कार का दोषी मान लिया है. कोर्ट ने अपने अगले आदेश तक गुरमीत सिंह राम रहीम को हेलीकाॅप्टर से जेल भेज दिया और उसके समर्थन गुण्डे सड़कों पर मौत और बदहाली का नंगा नाच शुरू कर दिया.

13 मई, 2002 ई. में जब एक गुमनाम पत्र भारत सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को लिखा गया था जो गुरमीत सिंह आतंक को ही दर्शाता है. इस गुमनाम पत्र को अपने छोटे से अखबार में प्रकाशित करने वाले साहसी पत्रकार स्व. रामचन्द्र की चन्द दिनों बाद ही सरेआम हत्या कर दी गई. हत्यारों पर सरकारी अनुकम्पा इस कदर हावी था कि स्व. रामचन्द्र का मृत्यु पूर्व बयान तक तत्कालीन सरकार ने नहीं होने दिया. हम यहां उस गुमनाम पत्र को यहां प्रकाशित कर रहे हैं जिसमें पीड़ित लड़की ने इस गुमनाम चिट्ठी में डेरे के अंदर हो रहे गुनाहों का पूरा लेखा जोखा लिखा है. पूरी चिट्ठी इस प्रकार है –

माननीय प्रधानमंत्री जी,

श्री अटल बिहारी वाजपेयी, भारत सरकार,

विषय – डेरे के महाराज द्वारा सैकड़ों लड़कियों से बलात्कार की जांच करें.

श्रीमान जी,

बता दें कि मैं पंजाब की रहने वाली हूं और अब पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा (हरियाणा, धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा) में साधु लड़की के रूप में कार्य कर रही हूं. मेरे जैसी यहां सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती हैं. हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है. साथ में डेरे के महाराज गरुमीत सिंह द्वारा यौनिक शोषण, बलात्कार किया जा रहा है. मैं बीए पास लड़की हूं. मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंधश्रद्धालु हैं, जिनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी.

साधु बनने के दो साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की प्रेमाशया साधु गुरजोत ने रात के 10 बजे मुझे बताया कि महाराज ने गुफा (महाराज के रहने के स्थान) में बुलाया है. मैं क्योंकि पहली बार वहां जा रही थी. मैं बहुत खुश थी. यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है. गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा महाराज बेड पर बैठे हैं. हाथ में रिमोट है, सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है. बेड पर सिरहाने की ओर रिवॉल्वर रखा हुआ है. मैं ये सब देख कर हैरान रह गई. मेरे पांव के नीचे की जमीन खिसक गई. यह क्या हो रहा है. महाराज ऐसे होंगे, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था. महाराज ने टीवी बंद किया व मुझे साथ बिठाकर पानी पिलाया और कहा कि मैंने तुम्हें अपनी खास प्यारी समझकर बुलाया है. मेरा यह पहला दिन था. महाराज ने मेरे को बाहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं. तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन मन धन सब सतगुरु के अर्पण करने को कहा था. सो अब ये तन मन हमारा है. मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि कोई शक नहीं हम ही खुदा हैं. जब मैंने पूछा कि यह खुदा का काम है, तो उन्होंने कहाः

1. श्री कृष्ण भगवान थे, उनके यहां 360 गोपियां थीं. जिनसे वह हर रोज प्रेम लीला करते थे. फिर भी लोग उन्हें परमात्मा मानते हैं. यह कोई नई बात नहीं है.

2. यह कि हम चाहें तो इस रिवॉल्वर से तुम्हारे प्राण पखेरू उड़ाकर दाह संस्कार कर सकते हैं. तु्म्हारे घर वाले हर प्रकार से हमारे पर विश्वास करते हैं व हमारे गुलाम हैं. वह हमारे से बाहर जा नहीं सकते, यह तेरे को अच्छी तरह पता है.

3. यह कि हमारी सरकार में बहुत चलती है. हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री हमारे चरण छूते हैं. राजनितक हमसे समर्थन लेते हैं, पैसा लेते हैं और हमारे खिलाफ कभी नहीं जाएंगे. हम तुम्हारे परिवार से नौकरी लगे सदस्यों को बर्खास्त करवा देंगे. सभी सदस्यों को मरवा देंगे और सबूत भी नहीं छोड़ेंगे, ये तुझे अच्छी तरह पता है कि हमने पहले भी डेरे के प्रबंधक को वजीर चंद खत्म करवा दिया था, जिनका आज तक अता-पता ना है. ना ही कोई सबूत बकाया है. जो कि पैसे के बल पर हम राजनीतिक व पुलिस और न्याय को खरीद लेंगे. इस तरह मेरे साथ मुंह काला किया और पिछले तीन माह में 20-30 दिन बाद किया जा रहा है.

आज मुझको पता चला कि मेरे से पहले जो लड़कियां रहती थीं उन सबके साथ मुंह काला किया गया है. डेरे में मौजूद 35-40 साधु लड़की 35-40 वर्ष की उम्र से अधिक हैं जो शादी की उम्र से निकल चुकी हैं. उन्होंने परिस्थितियों से समझौता कर लिया है. इनमें ज्यादा लड़कियां बीए, एमए, बीएड पास हैं. घरवालों के कट्टर अंधविश्वासी होने के कारण नरक का जीवन जी रही हैं.

हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख ना उठाकर देखना, आदमी से पांच-दस फुट की दूरी पर रहना महाराज का आदेश है. हम दिखाने में देवी हैं, मगर हमारी हालत वेश्या जैसी है. मैंने एक बार अपने परिवार वालों को बताया कि यहां डेरे में सब कुछ ठीक नहीं है तो मेरे घर वाले गुस्से में कहने लगे कि अगर भगवान के पास रहते हुए ठीक नहीं है, तो ठीक कहां है.

तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं. सतगुरु का सिमरन किया कर. मैं मजबूर हूं. यहां सतगुरु का आदेश मानना पड़ता है. यहां कोई भी दो लड़कियां आपस में बात नहीं कर सकती, घर वालों को टेलीफोन मिलाकर बात नहीं कर सकतीं. घरवालों का हमारे नाम फोन आए तो हमें बात करने का महाराज के आदेशानुसार हमें हुकुम ना है. यदि कोई लड़की किसी डेरे की इस सच्चाई के बारे में बात करती है तो महाराज का हुकुम है कि उसका मुंह बंद कर दो.

पिछले दिनों जब बठिण्डा (पंजाब) की लड़की साधु ने जब महाराज की काली करतूतों का सभी लड़कियों के सामने खुलासा किया तो कई साधु लड़कियों ने मिलकर उसे पीटा.

एक कुरुक्षेत्र जिले की एक साधु लड़की जो घर आ गई है, उसने घर वालों को सब कुछ सच बता दिया है. उसका भाई बड़ा सेवादार था. जो कि सेवा छोड़कर डेरे से नाता तोड़ चुका है. संगरूर जिले की एक लड़की जिसने घर आ कर पड़ोसियों को डेरे की काली करतूतों के बारे में बताया तो डेरे के सेवादार गुंडे बंदूकों से लैस लड़की के घर आ गए. घर के अंदर कुण्डी लगाकर धमकी दी और भविष्य में किसी से कुछ न बताने को कहा. इस प्रकार कई लड़कियां जिला मानसा (पंजाब) फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना की है जो घर जाकर भी चुप है क्योंकि उन्हें जान का खतरा है. इस प्रकार जिला सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, हनुमानगढ़, मेरठ की कई लड़कियां जो कि डेरे की गुंडागर्दी के आगे कुछ नहीं बोल रहीं.

अतः आप से अनुरोध है कि इन सब लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ मार दिया जाएगा, अगर मैं इसमें अपना नाम लिखूंगी क्योंकि मैं चुप नहीं रह सकती और न ही मरना चाहती हूं जनता के सामने सच्चाई लाना चाहती हूं. अगर आप प्रेस के माध्यम से किसी भी एजेंसी से जांच करवाएं तो डेरे में मौजूद 40 से 50 लड़कियां जो कि भय और डर में हैं पूरा विश्वास दिलाने के उपरांत सच्चाई बताने को तैयार हैं.

हमारा डॉक्टरी मुआयना किया जाए ताकि हमारे अभिभावकों को व आपको पता चल जाएगा कि हम कुमारी देवी साधू हैं या नहीं. अगर नहीं तो किसके द्वारा बर्बाद हुई हैं.


(आईचौक से साभार)

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

कामरेडस जोसेफ (दर्शन पाल) एवं संजीत (अर्जुन प्रसाद सिंह) भाकपा (माओवादी) से बर्खास्त

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पंजाब और बिहार के अपने कामरेडसद्वय जोसेफ (दर्शन पाल…