यह कैसा समय है भाई ?
जब जानते हुए भी आप
नहीं कह सकते
चोर को चोर.
और जो
सच कहा
तो मचे
राष्ट्रद्रोही का शोर.
यह कैसा समय है भाई
जब चोरी का उत्तर देने के लिए
चोरी को ही उदाहरण बनाया जाता है
गर्व के साथ.
यह कैसा समय है भाई
जब बेशर्मी का उत्तर दिया जा रहा है
बिना किसी शर्म के.
यह कैसा समय है भाई
जब अपनी मुक्ति गाली लगती है
और दूसरों की सलाह
धारदार हथियार.
यह कैसा समय है भाई
जब रहने को अभिशप्त है
एक ईमानदार व्यक्ति भी
पागल / अपराधी / बेशर्म / चोर के साथ.
ये चुनौती भरा समय है भाई
मिलकर मारो जोर हथौड़ा
इस पिंजड़े को तोड़ दो भाई.
- संजय श्याम
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