Home गेस्ट ब्लॉग लॉकडाऊन 30 जून तक कंफर्म है ?

लॉकडाऊन 30 जून तक कंफर्म है ?

10 second read
0
1
1,059

लॉकडाऊन 30 जून तक कंफर्म है ?

पं. किशन गोलछा जैन, ज्योतिष, वास्तु और तंत्र-मंत्र-यन्त्र विशेषज्ञ

भारत में अभी दो तरह के लोग हैं, पढ़िये और डिसाइड कीजिये कि आप किस केटेगिरी में हैं ? एक वो जो सचमुच के देशभक्त है और मोदी से सवाल करते हैं कि आपने छह सालों में भारत को बर्बाद करने के अलावा क्या किया है ? और आपने 70 साल, पाकिस्तान, देशद्रोही जैसे शब्दों का इस्तेमाल अपने विरोधियों के लिये करने के अलावा क्या किया है ?

दूसरे केवल वे जो ‘मोदी मोदी’ करते हैं अर्थात मोदीभक्त हैं ! दो चार मिनट का मौन उन बिचारे भटके हुए नौजवान भक्तों के लिये जो एनडी मोदी के चक्कर में क्रांति लाने चले थे. क्रांति तो हुई नहीं क्रांति की जगह कोरोना जरूर हो गया है. अब ये बाय डिफ़ॉल्ट है या एनडी मोदी का नसीब, जो हमेशा ही उलटी चीज़ें हो रही है, ये तो ऊपरवाला ही जाने.

अब देखो न बेचारे मोदी का नसीब, देश की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन करना चाहते थे और मोदी केयर के नाम पर भीख मांगने की नौबत आ गयी है. जैसे क्रांति की जगह कोरोना हुआ वैसे ही पहले भी विकास की जगह महंगाई हुई थी, सो तो आपको याद ही होगा !

मोदी के ऐसे ही गलत फैसलों के कारण हमेशा से देश में नुकसान हुआ है (हवाई जहाज भर-भर के विदेशों में रहने वाले इन्फेक्टेड लोगों को बिना चेकिंग किये उनके घरों को भेज दिया और भारत को कोरोना जैसी महामारी की चपेट में लाकर पुरे देश को घर में कैद कर दिया. बेचारे गरीब लोगों को पैदल घर जाने पर भी पुलिस डंडे बरसा रही है जबकि वो इन्फेक्टेड भी नहीं है !

अच्छा है लोगों को अब पता चल ही जायेगा कि उन्होंने खुद ही अपने ताबूत में अंतिम कील ठोकी है और क्रांति और विकास के चक्कर में उन्होंने एक तानाशाह को भारत की सत्ता पर बिठा दिया है.

अतः ‘At least he is doing something’ का नारा अब छोड़ दीजिये, वरना कोरोना से तो बाद में मरोगे पहले पुलिस ही मार देगी. और ये जो मोदी के चक्कर में तुम्हारी उम्र निकल रही है न, वो वापिस नहीं आयेगी. कोरोना से बच भी गये तो सरकार के पास नौकरियांं तो वैसे ही नहीं है. बीतती उम्र के साथ मांं-पिताओं के पास छोकरिया भी नहीं मिलेगी. फिर मोदी की तरह आरएसएस की शाखा में जाकर झाड़ू ही लगाना पड़ेगा !

और अब सबसे खास बात. आप लोग जो ये सोचे बैठे हैं कि कोरोना से 14 अप्रैल को देश को मुक्ति मिल जायेगी और आप लोग अपने अपने काम-धंधे में लग जायेंगे तो अपनी गफलत दूर कर लीजिये क्योंकि ये लॉक-डाउन जून से पहले ख़त्म होने वाला नहीं है और इसका सबूत ये देखिये – सरकार द्वारा जारी स्पेशल पास जिसमें वेलिडिटी डेट पहले से ही जून तक की दी गयी है (इससे ज्यादा कुछ और लिखने की जरूरत नहीं है).

Read Also –

उत्तर कोरोना दौर में दुनिया का तमाम राजनीतिक तंत्र इतिहास की कसौटियों पर होगा
वैश्वीकरण-उदारीकरण का लाभ अभिजात तबकों के तिजौरी में और हानियां वंचित तबकों के पीठ पर लाठियां बन बरस रही है
कोरोना वायरस से लड़ने में मोदी सरकार की ‘गंभीरता’
एक मूर्ख दंगाबाज हमें नोटबंदी, जीएसटी और तालबंदी के दौर में ले आया
कोराना संकट कितना प्राकृतिक, कितना मानव निर्मित
कोरोना से लड़ने के दो मॉडल
कोराना संकट : असल में यह हत्यारी सरकार है
कोरोना व जनता कर्फ्यू तथा लॉक डाउन की हकीकत

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

कामरेडस जोसेफ (दर्शन पाल) एवं संजीत (अर्जुन प्रसाद सिंह) भाकपा (माओवादी) से बर्खास्त

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पंजाब और बिहार के अपने कामरेडसद्वय जोसेफ (दर्शन पाल…