Home ब्लॉग सत्येंद्र जैन पर भाजपा द्वारा प्रायोजित मसखरे सीबीआई के रेड का सच

सत्येंद्र जैन पर भाजपा द्वारा प्रायोजित मसखरे सीबीआई के रेड का सच

6 second read
1
5
1,067

 

कहा जाता है नंगों का नकाब उतारने के लिए एक ईमानदार आदमी ही काफी होता है. आम आदमी पार्टी के के स्थापना काल अथवा योंं  कहें अरविंद केजरीवाल के उत्कर्ष काल से ही सीबीआई आदि जैसी संस्था नंगे होने पर उतारू हो गई है. इनकी नंगई इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब यह एक जोकर या मसखरे से ज्यादा और कुछ भी नहीं दिखता है.

आम आदमी पार्टी के खाते में इस बात का भी एक पॉइंट शामिल हो सकता है कि आम आदमी पार्टी भारत में एकमात्र वह पार्टी है जिसने सीबीआई के मसखरेपन को आम जनता के सामने ले आई है. आम आदमी पार्टी के ऊपर सीबीआई जिस कदर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है और बदले में उसे कुछ मफलर और कुछ चप्पलें ही मिल रही है, सीबीआई की स्थिति हास्यास्पद होने लगी है. अब सीबीआई जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मालिक का तोता कहा था, जो अपने मालिक के हुक्म से सोता और जागता है, पूरी तरह बदनाम हो चुका है.

ताजा मामले में मनीष सिसोदिया पर सीबीआई छापेमारी के तुरंत बाद ही आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन पर हवाला के जरिए पैसों के लेन देन के मामले में सीबीआई ने छापामारी की स्थिति में बिल्कुल ही मनगढ़ंत आरोप लगाया गया था, सीबीआई के मसखरेपन को साबित करने के लिए पर्याप्त है.

सत्येंद्र जैन पर केंद्र की भाजपा सरकार ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन के यहां 2 लोग काम करते थे. उनके नाम क्रमशः संजय और सुरेश था. भाजपा सरकार का आरोप है कि यह दोनों शख्स सत्येंद्र जैन के यहां 2010 से अभी तक काम कर रहे हैं. इसमें आरोप लगाया गया है कि यह दोनों सख्स कोलकाता के हवाला व्यापारियों से फोन पर बात कर के हवाला के पैसे भेजते थे.

अब वास्तविकता यह है ऐसे दो शख्स संजय और सुरेश दुनिया में है ही नहीं. भाजपा ने दो मनगढ़ंत किरदार प्रस्तुत किए हैं. ऐसे किसी शख्स ने सत्येंद्र जैन के यहां कभी काम नहीं किया था. सत्येंद्र जैन ने बार-बार कहा कि इन दोनों को प्रस्तुत किया जाए लेकिन आज तक भाजपा की आयकर विभाग और मसखरा सीबीआई इन दोनों को प्रस्तुत नहीं कर पाई है.

भाजपा का आरोप है यह दोनों सख्स दिल्ली के 011-273 14231 नंबर के माध्यम से कोलकाता के हवाला व्यापारियों को फोन करते थे. भाजपा कहना है कि 2010 से 2016 तक इस फोन से कोलकाता के हवाला व्यापारियों को कई बार फोन किए गए.

जब वास्तविकता की तलाश की गई तो पाया गया कि इस फोन पर कभी STD लागू था ही नहीं. वहीं 2014 से ही यह फोन बंद पड़ा है. जब 2010 से 2014 के कॉल रिकॉर्ड निकाल लिए गए तो उस दौरान एक भी कॉल कोलकाता नहीं हुआ था.

भाजपा के आयकर विभाग का आरोप है कि 4 लोगों ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ गवाही दी है जबकि जब सच्चाई सामने आई तो पता चला कि यह चारों गवाही झूठी और गवाहों को दबाव में डाल कर ली गई थी.

सत्येंद्र जैन ने कहा कि उन चारों को आमने-सामने कराओ. भाजपा के आयकर विभाग ने उनमें से बबलू पाठक को सत्येंद्र जैन के सामने किया. 5 मिनट में ही बबलू पाठक ने मान लिया कि सत्येंद्र जैन का इससे कोई लेना देना नहीं है. तब सत्येन्द्र जैन ने कहा कि बाकी तीन लोगों को भी आमने-सामने खड़ा करो, तो आयकर विभाग ने लिखित में बांकी के इन तीनों गवाहों को आमने-सामने करने से मना कर दिया.

इस पूरे प्रकरण से एक बात तो साबित जाती है भाजपा जिस प्रकार सीबीआई और आयकर विभाग का इस्तेमाल कर आम आदमी पार्टी को झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए मनगढंत आरोप लगाकर कर रही है, यह सीबीआई और आयकर विभाग को बदनाम करने के सिवा और कुछ भी नहीं होगा. हमाम में सभी विभाग जोकर साबित हो रहे हैं लेकिन सीबीआई और आयकर विभाग तो पूरी तौर पर नंगे जोकर ही साबित हुए हैं.

Related Blog :
दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पर ‘‘तोता’’ की छापेमारी
आखिर क्यों अरविन्द केजरीवाल को भ्रष्ट साबित करने पर तुली है भाजपा की केन्द्र सरकार?
आखिर अरविन्द केजरीवाल ही क्यों?

Load More Related Articles

Check Also

ट्रंप ने भारत को 26% का तोहफा-ए-ट्रंप आखिर क्यों दिया होगा ?

ट्रंप के टैरिफ को लेकर कुछ दुविधा भारतीय लिबरल बुद्धिजीवी तबके में बनी हुई है. कई लोगों को…