Home गेस्ट ब्लॉग समझिए आंकड़ों के इस खेल को

समझिए आंकड़ों के इस खेल को

2 second read
0
0
660

समझिए आंकड़ों के इस खेल को

वास्तविक संख्याओं और पर्सेंटेज को अपनी बात साबित करने के लिए बड़ी सुविधा से उपयोग किया जाता है. इसे जानना बड़ा मजेदार है.

समझिये कि अमरीका की अर्थव्यवस्था हमसे दस गुनी है. हमारा साइज सौ है, तो उनका एक हजार. अब अगले साल में हम सौ से बढ़कर 110 हो जाते हैं, और अमरीका हजार से बढ़कर 1050.

हमारे यहां परसेंट ग्रोथ का जश्न मनेगा. आखिर हमारी परसेंट ग्रोथ 10% थी, और अमरीका की 5%. हम अमेरिका से दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं. वाहवाही, तालियां.

उधर ट्रम्प बाबू ग्रोथ पॉइंट गिनाएंगे, इंडिया 10 बढ़ा, हम 50 बढ़े. हम इंडिया से पांच गुना रफतार से बढ़ रहे हैं. वाहवाही, तालियां. सब पॉवरपॉइंट है बबुआ.

अब पॉपुलेशन ग्रोथ पर आ जाइये. 108 करोड़ हैं हिन्दू जो 2.13 की परसेंट से ग्रोथ कर रहे हैं. 24 करोड़ मुस्लिम 2.61% की रफ्तार से बढ़ रहे हैं. डर गए ? वही डराया भी जा रहा है.

डरिये ! लेकिन थोड़ा हिसाब भी कर लीजिये. 108 करोड़ का 2.13% निकाल लीजिए, और फिर 24 करोड़ का 2.61 पसरेंट. अजी 60 लाख मुस्लिम पैदा होंगे, तो ढाई करोड़ हिन्दू. याने एक मुस्लिम के पीछे चार हिन्दू पैदा कर रहे हो, ऊपर से पाकिस्तान बंगलादेश और अफगानिस्तान से भी आयात कर रहे हो, फिर भी खतरे में हो ?? पगला गए हो बे ?? सब पावरपॉइंट है !

थ्योरिटिकली ग्रोथ रेट हाई होने के लिहाज से ग्राफ बनाकर बताया जा सकता है कि ग्रोथ रेट में अंतर से एक दिन उनकी से संख्या ज्यादा हो जाएगी. सही है, वर्तमान दरें मेंटेन रही, तो ऐसा हो भी सकता है, कोई 1400 साल में. हिसाब लगा लो.

ध्यान रहे, 1400 साल का वक्त रेट मेंटेन रहने पर है. सरकारी सर्वे बताता है कि रेट गिर रही है. हिन्दुओं से डबल गिर रही है. हमारी गिरी 0.46% तो उनकी गिरी 0.79%.

चिल करो बे..!! और तुम्हारी पावर के पॉइंट के चुने हुए प्रेजेंटेशन का खिलवाड़ हमें मत समझाओ.

  • मनीष सिंह

Read Also –

हिंदू आंगन में मुस्लिम बारात
मोदी-शाह चाहता है कि इस देश में नागरिक नहीं, सिर्फ उसके वोटर रहें
सबसे सुखी इंसान गधा : अच्छा है याद नहीं रहता

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…