Home गेस्ट ब्लॉग मोदी विफलताओं और साम्प्रदायिक विद्वेष की राजनीति का जीता-जागता स्मारक

मोदी विफलताओं और साम्प्रदायिक विद्वेष की राजनीति का जीता-जागता स्मारक

41 second read
0
0
708

मोदी विफलताओं और साम्प्रदायिक विद्वेष की राजनीति का जीता-जागता स्मारक

गिरीश मालवीय

मोदी जी ने मन की बात में देशवासियों से अपील की है कि, ‘2022 तक देश के लोग स्थानीय सामानों को खरीदने पर जोर दें’, पर मोदी जी एक दिक्कत है इसमे, लोकल माल हम खरीदे कैसे ? क्योंकि अब तो ज्यादातर माल इंपोर्ट होकर ही आ रहा है. आप जो अपने पहले कार्यकाल में मेक इन इंडिया स्कीम लाए थे, वो तो बिल्कुल फ्लॉप हो गयी है.

आपको याद दिलाऊं कि 2014 में जब आप पहली बार चुनकर आए थे तो आपने देश को क्या-क्या सपने दिखाए थे. स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया, स्मार्ट सिटी, स्टैंडअप इंडिया आदि-आदि जैसी अनेक योजनाएं बनी थी. अब तो आप उनके बारे में कोई बात करना भी पसंद नहीं करते. दूसरे कार्यकाल में तो आपका ध्यान प्रदर्शनकारियों के कपड़े देखने में जाया हो रहा है.

अब आपको थोड़ी न याद आएगा कि आपने 25 सितम्बर, 2014 को मेक इन इंडिया स्कीम देशी और विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में ही वस्तुओं के निर्माण पर बल देने के लिए बनाई थी. ‘मेक-इन इंडिया’ को शुरू हुए पांच साल बीतने के बावजूद बड़ी विनिर्माता कंपनियों ने भारत में कारखाने लगाने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है. यहां तक की अमेरिका चीन के बिगड़ते रिश्तों के कारण चीन से पलायन कर रही कंपनियां भी भारत में अपना कारखाना लगाने को तैयार नही है. जिन गिनी चुनी मोबाइल कंपनियों ने आपके राज में यहां कारखाने लगाए हैं, वो सिर्फ यहां पुर्जे असेम्बल कर रही है, चीन छोड़ रही कंपनियां की भारत आने में कोई रूचि नहीं है.

पिछले छह साल में मेक इन इंडिया के तहत कोई बड़ा डिफेंस प्रॉजेक्ट शुरू नहीं हो पाया है. देश के वायुसेना प्रमुख आर. के. एस. भदौरिया भी स्वीकार करते हैं कि ‘मेक इन इंडिया’ पर बातें बहुत की जाती हैं, पर काम धीमा है.[1]

L&T के ए. एम. नाईक ने कुछ दिनों पहले ही कहा है कि प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया योजना के बारे में बहुत कहा गया और किया गया, लेकिन हम अभी भी सामान निर्यात करने के बजाय नौकरियां निर्यात कर रहे है.[2]

‘कुछ दिनों पहले ही आरटीआई ऐक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘नमामि गंगे’ और ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में जानकारी मांगी थी लेकिन पीएमओ ने उन्हें जवाब दिया है कि ‘इन योजनाओं के संबंध में पीएमओ के पास कोई जानकारी नहीं है.'[3]

सरकार के मेक इन इंडिया अभियान मेडिकल डिवाइस बनाने के मोर्चे पर असफल दिखाई दे रहा है. इस बाद का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि घरेलू मैन्यूफैक्चर्स मेडिकल उपकरणों का आयात करने को मजबूर हैं.[4]

आपके राज में देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में महज 0.6 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की जा रही हैं जबकि मेक इन इंडिया का लक्ष्य विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर हर साल 12-14 फीसदी सालाना तक बढ़ाना रखा गया था. इस योजना का एक बड़ा लक्ष्य 2022 तक मेन्युफेक्चरिंग के क्षेत्र में 10 करोड़ रोजगार का सृजन करना था और आज यह हालत है कि बेरोजगारी 45 साल के चरम पर पुहंच गयी है, देश मे निजी निवेश 16 साल के निचले स्तर पर आ गया है.

मोदी जी, सच तो यह है कि आपकी बड़ी बड़ी महत्वाकांक्षी योजनाओं की तरह ‘मेक इन इंडिया’ भी पूरी तरह से विफल हो गया है और इसीलिए आप ओर आपकी पार्टी दूसरे टर्म में साम्प्रदायिक विद्वेष की राजनीति करने पर उतारू है ताकि जनता का ध्यान आपकी विफलताओं पर नही जाए.

सन्दर्भ –

[1] https://navbharattimes.indiatimes.com/…/72326562.cms ; 

https://www.amarujala.com/india-news/air-force-chief-rks-bhadauria-says-work-for-maje-in-india-is-slower-than-expected?fbclid=IwAR1BnHzxwt6XPzLVwwyajNu_xkSqF8pHS-wCLMw3Unv1k4uhgPT-z3m56lk

[2] https://www.jansatta.com/…/lt-chairman-nsdc…/1123034/

[3] https://navbharattimes.indiatimes.com/…/72694626.cms

[4] https://www.jansatta.com/national/economic-crisis-pharma-psu-hindustan-antibiotics-limited-said-not-able-to-revive-modi-govt-penicillin-production-plan/1180085/?fbclid=IwAR2P0DUQIs7Ie1gUDYGziaErgG27Oz35exXKJpW4TEqp

Read Also –

फेल होने की कागार पर GST
102 करोड़ लोग बाहर होंगे CAA-NRC के कारण
प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक आम नागरिक का पत्र
देश को खून में डूबो रहा है मोदी-शाह की जोड़ी
पूंजीपतियों के मुनाफा के लिए मजदूरों का शोषण करती सरकार
आखिर क्यों और किसे आ पड़ी जरूरत NRC- CAA की ?

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

कामरेडस जोसेफ (दर्शन पाल) एवं संजीत (अर्जुन प्रसाद सिंह) भाकपा (माओवादी) से बर्खास्त

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पंजाब और बिहार के अपने कामरेडसद्वय जोसेफ (दर्शन पाल…