Home गेस्ट ब्लॉग 3 अक्टूबर : देशभर में मजदूरों और किसानों ने आक्रोशपूर्ण तरीके से मनाया गया Black-day

3 अक्टूबर : देशभर में मजदूरों और किसानों ने आक्रोशपूर्ण तरीके से मनाया गया Black-day

2 second read
0
0
357
3 अक्टूबर : देशभर में मजदूरों और किसानों ने आक्रोशपूर्ण तरीके से मनाया गया Black-day
3 अक्टूबर : देशभर में मजदूरों और किसानों ने आक्रोशपूर्ण तरीके से मनाया गया Black-day (तस्वीर : उत्तर प्रदेश में एक प्रदर्शन के दौरान)

आज संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर बिहार के लाखों किसानों और मजदूरों ने लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार को चिन्हित करते हुए सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया और जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. दो वर्ष पहले आज ही के दिन, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र टेनी ने लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में, तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन से लौट रहे किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा कर उन्हें रौंद डाला था. इस ‘पूर्वनियोजित’ हत्याकांड में पांच किसान और इसके साथ एक निर्दोष पत्रकार की भी जान चली गई.

आज इस नृशंस हत्याकांड के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी वे शहीद किसान और उनका परिवार न्याय से वंचित है. इस नरसंहार के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र टेनी अंतरिम जमानत पर बाहर घूम रहे हैं. वहीं, कई निर्दोष किसानों पर झूठा मुकदमा दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. किसानों की गुहार के बावजूद मोदी सरकार ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने से मना कर दिया और न ही शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजा ही दिया गया.

इस परिप्रेक्ष्य में संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय श्रमिक संगठनों ने 24 अगस्त को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘अखिल भारतीय मजदूर किसान संयुक्त राष्ट्रीय सम्मेलन’ में 3 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रव्यापी काला दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया था. आज किसान और मज़दूर संगठनों ने एक संयुक्त कार्रवाई में देश के सभी जिला मुख्यालयों पर लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार को चिन्हित करते हुए विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है. बिहार के सभी जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रमिक संगठनों के बैनर तले जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

पटना में संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने एक संयुक्त प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया. यह मार्च पटना के जीपीओ गोलंबर से बुलंद नारों के साथ निकली और जिला समाहरणालय तक गई, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका और एक सभा का आयोजन किया गया. सभा की अध्यक्षता किसान महासभा के राज्य सचिव कॉमरेड उमेश सिंह और सीटू के गणेश शंकर सिंह ने संयुक्त रूप से किया, जिसमें कार्यक्रम में शामिल सभी किसान और मजदूर संगठन के प्रतिनिधियों ने आपनी बातें रखी और ज्ञापन के जरिए लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार से जुड़ी दो मांग राष्ट्रपति के सामने रखी गई  –

  1. लखीमपुर खीरी जिला के तिकोनिया में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए.
  2. लखीमपुर खीरी हत्याकांड में जो निर्दोष किसान जेल में कैद हैं, उनको तुरन्त रिहा किया जाए और उनके ऊपर दर्ज फर्जी मामले तुरन्त वापस लिए जाएं. शहीद किसान परिवारों एवं घायल किसानों को मुआवजा देने का सरकार अपना वादा पूरा करे.

वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर उत्तर प्रदेश के जिले में सक्रिय किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से कलेक्टेरेट गेट पर केन्द्र सरकार का पुतला फूंकने का प्रयास किया. किसान लखीमपुर के शहीद किसानों के लिए न्याय की मांग करते हुए केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी एवं सजा की मांग कर रहे थे तभी संयुक्त किसान मोर्चा के नेता शशिकान्त सहित कई नेताओं के साथ पुलिस ने बलप्रयोग कर पुतले को कब्जे में कर लिया. इसके बाद आक्रोशित किसानों ने कलेक्टेरेट गेट पर ही केन्द्र और राज्य सरकार सहित पुलिस के दमनात्मक रवैये के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

विरोध सभा को संबोधित करते हुए क्रांतिकारी किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश राज्य प्रभारी शशिकान्त ने कहा कि लखीमपुर के शहीद किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि उनकी हत्या के दोषियों सजा दिलाना होगा. किसान तब तक संघर्ष करेगा जब तक कि किसानों के हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी नहीं होती है. बेरोजगार मजदूर किसान यूनियन के अध्यक्ष अशोक प्रकाश का कहना था कि हम ऐसे दौर में है जब सरकारें हत्यारों और बलात्कारियों को बचाने में जुटी है. सभी संवैधानिक की हत्या जारी है. किसान-मजदूर आज देश बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

किसान सभा के इदरीश मोहम्मद ने नफरत और हिंसा की राजनीति करने वालों के खिलाफ व्यापक जनगोलबन्दी करने की जरूरत पर जोर दिया. विरोध सभा एवं पुतला दहन का प्रयास करते हुए किसान संगठनों में काफी आक्रोश था. विदित हो कि 3 आक्टूबर 2021 को केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने साजिश के तहत थार गाड़ी से चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल कर मार दिया. इस घटना में 10 से अधिक किसान बुरी तरह घायल भी हो गए लेकिन केन्द्र सरकार के उल्टे हत्या के दोषियों को बचाने के प्रयास से किसानों में नाराजगी है. किसान और मजदूर संगठनों ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि यह मांगे नहीं पूरी की जाती हैं, तो इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

Read Also –

लखीमपुर से आगे : जहां आंदोलन का सिर्फ बीज था वहां अब बरगद उगेगा
एसआईटी की रिपोर्ट : लखीमपुर खीरी में पांच लोगों की हत्या, दुर्घटना नहीं साज़िश थी
संयुक्त किसान मोर्चा : लखीमपुरखीरी की घटना और सुप्रीम कोर्ट के रवैये पर जवाब
लखीमपुर खीरी नरसंहार मोदी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुआ है ?

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

नारेबाज भाजपा के नारे, केवल समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए है !

भाजपा के 2 सबसे बड़े नारे हैं – एक, बटेंगे तो कटेंगे. दूसरा, खुद प्रधानमंत्री का दिय…