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तूतीकोरिन में पुलिस की बर्बरता

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1. 18 जून की रात को तूतीकोरिन के सांताकुलम क्षेत्र में पुलिस ने दुकानदारों को समय से दुकान बंद करने को कहा. कथित तौर पर किसी ने पुलिस पर कमेंट पास किया. पुलिस को लगा कि जयराज ने कमेंट मारा. पुलिस जयराज (59 वर्ष) को थाने उठा ले गई. परेशान इमेनुएल बेनिक्स (31 वर्ष) भी अपने पिता के लिए थाने पहुंचा. वहां पुलिस ने दोनों बाप-बेटे को खूब पीटा. यहां ‘पीटा’ बहुत छोटा शब्द है, उनका पुलिस ने सेक्सुअल टाॅर्चर किया. पुलिस ने बाप और बेटे दोनों को नंगा कर के लाठियों से पीटा. चेहरों को दीवार से पटका. उन्हें थाने के ऐसी जगह पर ले जाया गया, जहां पर कोई सीसीटीवी कैमरे न लगे हों. उनके मलाशय में लाठी डाली गई. उनके गुप्तांगों को चोट पहुंचाया गया. दरअसल चोट नहीं, उनके गुप्तांगों को चीर दिया गया. ‘द फेडरल’ नाम की वेबसाइट से बातचीत में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उनके गुप्तांगों से भयावह खून बह रहा था. इतना खून कि सात लुंगियां खून से लथपथ हो गई.

बेनिक्स की बहन पेरसी ने बताया, ‘दोनों के आगे और पीछे कुछ भी नहीं बचा था. मैं महिला और एक बहन होने के नाते इससे ज्यादा कुछ भी नहीं बता सकती.’ दोनों पिता पुत्र की मौत हो चुकी है. इस हृदयविदारक घटना के प्रकाश में आने के बाद सांताकुलम थाने के सभी पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर और मुरूगन और मुथ्थूराज को सस्पेड किया गया है. ये कस्टोडियल किलिंग है. पुलिस की संरक्षण में हुई हत्या.

 

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