भारतीय जनता पार्टी आज जिस निर्लज्जता, उदंडता और वहसीपन का परिचय अपने विभिन्न कार्यकलापों के माध्यम से दे रही है उसकी अन्यत्र कहीं मिशाल नहीं मिलती. हंसना, रोना, ताली पीटना, नाचना आदि जैसे नौटंकी के सहारे जिस तरह आम जनों के बीच मसखरों की तरह पेश आ रही है, इसके बारे में तो कुछ कहना ही व्यर्थ है. इसके साथ ही नये-नये जुमले गढ़े गये. मैंने अगर 100 दिनों में काला धन नहीं लाया तो फांसी पर लटका देना, मैंने अगर ये नहीं किया तो लात मारकर भगा देना ये किसी प्रधानमंत्री के मुंह से तो भारत के अलावे और कहीं नहीं ही सुना गया है.
अरविंद केजरीवाल के कुशल और व्यवहारिक नेतृत्व के सहारे भ्रष्टाचार के विरूद्ध किये गये देशव्यापी आंदोलन जिसका मुखौटा अन्ना हजारे थे, के लहर पर सवार होकर सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी पदों की गरिमा के तमाम मापदण्डों को तोड़ती हुई जिस प्रकार बेहिचक झूठ बोलती है और फिर पलट जाती है, अथवा ‘‘जुमले हैं’’, कहकर बच निकलती है, वह अपने-आप में किसी अजूबे से कम नहीं है.
तथ्य बताते हैं कि ‘‘हिन्दुत्व’’ के नाम पर ब्राह्मणवादी और काॅरपोरेट घरानों की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी कभी तो मुसलमानों के खिलाफ मोर्चा खोलता है और फिर मुसलमानों के साथ किसी मस्जिद में जाकर नवाज पढ़ लेता है. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने के लिए सवाल उठाता है पर जब सांसद में एक निर्दलीय सांसद पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश करता है तो कहता है कि पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित नहीं कर सकते उल्टे उस पर से फेवरेट नेशन का दर्जा भी हटाने को तैयार नहीं. भारत में हुए हर आतंकी हमले को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई0एस0आई0 से जोड़ते हैं फिर अपने खुफिया जगहों की जांच उसी आई0एस0आई0 के जासूसों से करवाती है. छात्र-नौजवानों को देशद्रोही घोषित तो करता है पर खुद के द्रेशद्रोही गतिविधियों को देशभक्ति घोषित कर देता है. भारत को माता कहना और इस पर हमले करने वाले के साथ प्रगाढ़ संबंध बनाना, एक बेहतरीन नाटकीय कला है, जिसमें भाजपा माहिर हो चुकी है. हर्षद मेहता तक के साथ उनका दोस्ताना संबंध है.
गाय को माता बनाकर देश भर में भय का माहौल बनाये हुए है परन्तु उसके ही सांसद और बड़े हिन्दु काॅपोरेट घराना प्रतिदिन 60 लाख किलोग्राम गोमांस का विदेशों में निर्यात करता है. इतना ही बल्कि इस गोमांस के निर्यात को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि इसके बदले भारतीय जनता पार्टी को ज्यादा से ज्यादा धन (चंदा) मिल सके. लोकसभा चुनाव के पूर्व सबके खाते में 15 लाख रूपये डालने का वादा करने वाली भाजपा सरकार में आते ही पूरी निर्लज्जता से बेहिचक बोल गये कि जुमला था. बाद में बोलते हैं कब और कहां बोले थे, सबूत दो. अभी उत्तरप्रदेश विधानसभा के चुनाव पूर्व पहली ही बैठक में किसानों कर्ज को माफी करने का वादा किया था, अब बोलता है कर्ज माफी नहीं होगा उल्टे रोमियो स्क्वायड बनाकर आम लोगों को परेशान किया जा रहा है. उन्हें पुलिस का भय दिखा कर ठगा जा रहा है.
काॅरपोरेट घरानों के भारी कर्ज जो तबकरीबन साढे़ आठ लाख करोड़ रूपया का होता है, में से डेढ़ लाख करोड़ को माफ कर दिया. इससे जब बैंकों की अर्थव्यवस्था चरमराई तो नोटबंदी जैसा आत्मघाती कदम उठा कर सौ से ऊपर आम लोगों को मौत के मूंह में धकेल दिया. बैंकों में आम जनता की गाढ़ी कमाई आते ही सबसे पहले उन काॅरपोरेट घरानों का कर्ज माफ किया यहीं नहीं 9 हजार करोड़ रूपये को लेकर भागने वाले माल्या को भी कर्ज वसूलने के बजाय माफ कर दिया. जबकि किसानों के कर्ज तो बहुत ही कम हैं, उसको माफ करने को तैयार नहीं. वादा करके मुकर गया. यही नहीं हर साल दो करोड़ रोजगार पैदा करने की बात करनी वाली भारतीय जनता पार्टी नोटबंदी के चंद दिनों में ही 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को बेरोजगार कर दिया.
कहना न होगा भारतीय जनता पार्टी जितनी निलज्र्जलता और बहसीपन के साथ काम कर रही है, निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था पर भारी घातक प्रभाव पड़ेगा जिसकी भरपाई कैसे होगी यह तो आगामी वक्त ही बतायेगा.
cours de theatre
September 30, 2017 at 5:45 am
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