देश के प्रधानमंत्री के द्वारा दिये गये ब्यान की एक अहमियत होती है. उनके ब्यान को देश के लोगों के साथ-साथ विश्व समुदाय के लिए भी एक संदेश माना जाता है, जो अधिकारिक होता है. चुनावी रंग में बुरी तरह घुल-मिल चुके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इलाहाबाद के एक जनसभा में विरोधी पर निशाना साधते हुए जब मंच से ऐलान करते हैं कि यहां शाम के सात बजे के बाद महिलायें असुरक्षित हो जाती है. जो महिला किसी काम-काज से बाहर निकलती भी है तो उसे यह नहीं पता रहता कि घर लौटते वक्त उसकी इज्जत और जान भी बचेगी या नहीं. तो यह विश्व के तमाम देशों को यह अधिकारिक संदेश होता है कि भारत में महिलायें शाम सात बजे के बाद असुरक्षित हो जाती है.
ऐसे में विश्व समुदाय के बीच भारत की सामाजिक छवि बेहद ही खराब पेश हुई है. इसके साथ ही भारत में महिला सुरक्षा के नाम पर एक बदनुमा धब्बा पर लगा दिया है.
यह अनायास ही नहीं है कि यू0एन0ओ0 ने इसे बेहद ही गंभीर मसला माना है और कहा है कि यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम विश्व समुदाय को सचेत करें कि वे जब भारत जाये तो सोच समझकर जायें क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री खुद ही कह रहे हैं कि हमारे देश में लड़कियां शाम होने के बाद अपने घर से नहीं निकल सकती क्योंकि बाहर निकलने पर उनकी इज्जत लूट ली जाती है और कई बार तो उन्हें मार भी दिया जाता है. महिलायें और लोग जब सुरक्षित नहीं है, तो वहां सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा ?
शुरूआत से ही देश के छवि को बट्टा लगाने के लिए प्रसिद्ध भारत के प्रधानमंत्री के इस ताजा ब्यान ने विश्व के देशों के बीच भारत के छवि को न केवल खराब ही किया है बल्कि भारत को अपनी छवि को सुधारने में काफी वक्त भी लगेगा.
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