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यू-ट्यूब पर कुख्यात मोदी की भारी बेइज्जती

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यू-ट्यूब पर कुख्यात मोदी की भारी बेइज्जती

एक पागल शासक खुद के साथ साथ अपने पद की गरिमा भी मिटा देता है. यह बात भारत के कुख्यात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर चरितार्थ होता है. भारत के कुख्यात शासक नरेन्द्र मोदी के फर्जी लोकप्रियता की पोल तब खुल गई जब उसने ‘मन की बात’ के तहत एक विडियो सोशल मीडिया ‘यू-ट्यूब’ पर डाल कर अपना गुणगान करवाना चाहा. यह कुख्यात हत्यारा नरेन्द्र मोदी को सपने में भी गुमान न था कि उसके इस विडियो का यह हश्र होगा.

इसके साथ ही विभिन्न सड़ांध गिद्ध मीडिया के आये दिन होने वाले फर्जी पोलो और उसकी विश्वसनीयता की भी कलई उतर गई गई, जो वह देश के जनता की गाढ़ी कमाई की लूट में अपना हिस्सा पा रही थी और इस कुख्यात बदमाश की गुणगान जोर-शोर से कर रही थी.

विदित हो कि ‘मन की बात’ के इस कुख्यात फर्जी खेल में हजारों करोड़ का वारा-न्यारा होता है. परन्तु, इस बार जब मोदी के इस खेल को यू-ट्यूब जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट पर डाला गया तो अद्भुत सा बूम आया और हजारों लोगों ने अपने मन की भड़ास निकाली. जम कर गालियां दे डाली. बात यहीं नहीं खत्म हुई, वरन एक कदम और आगे बढ़कर विडियो को 1 पसंद के बदले 8 लोगों ने नापसंद किया, यानी 1 लाख पसंद करने वाले के मुकाबले 8 लाख लोगों ने नापसंद किया, जो यू-ट्यूब के इतिहास में एक बदनाम कीर्तिमान स्थापित किया.

इस विडियो के कमेंट्स सेक्शन में लोगों के सवालों और गालियों की बौछारें इस कदर आने लगी की, घबराकर भाजपा आईटी सेल के गुर्गों ने कमेंट्स सेक्शन को ही बंद कर दिया. इससे पहले की हजारों कमेंट्स को यू-ट्यूब से हटा दिये जायें, हम यहां कुछ कमेंट्स को पाठकों के सामने रखते हैं.

दीक्षांत वडेसेरा लिखते हैं, ‘2020 का वर्ष तो यूं ही बहुत खराब गया. कोई भी प्रधानमंत्री मोदी को सुनना नहीं चाहता, जो अपने घमंड में देश की जनता की कोई बात नहीं सुनता. भारत का अबतक का सबसे गिरा हुआ प्रधानमंत्री है.’ इसके जवाब में एक दर्शक लिखते हैं, ‘मोदी अनपढ़ मूर्ख है.’ वहीं एक अन्य जवाब देते हैं कि मुझे लगता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा आदमी बन गया है देश की सारी दौलत लूटकर.’

अरशद सिद्दीकी ने शायराना अंदाज में लिखा है, ‘कर के बड़े-बड़े वादे तोड़ देते हो बार बार, यह बताओ तुम माशूका हो या मोदी सरकार.’ वहीं गौरव श्रीवास्तव लिखते हैं, ‘जेईई, नीट, एनडीए छात्र : हम चुनौतियों से नहीं, फेकु और टेकु प्रधानमंत्री जैसे चुतियों से परेशान हैं.’ राजेश प्रजापति लिखते हैं, ‘बहुत हुई मन की बात, अब करो रोजगार की बात. एनटीपीसी ग्रुप डी एक एक्जाम डेट क्लियर करो.’

भारी संख्या में मोदी के मन की बय को लोगों के द्वारा नापसंद किये जाने पर अताउल्लाह रहमानी व्यंग्य करते हुए लिखते हैं, ‘यूपी के बाबाजी ने कड़ा फैसला लेते हुए डिसलाइक का नाम बदल कर दसलाईक कहा जायेगा. कैबिनेट में प्रस्ताव पारित.’ अबुजार अंसारी लिखते हैं, ‘अगला प्रधानमंत्री शादीशुदा होना चाहिए, जो मन की बात अपनी बीबी से करे और काम की बात जनता से.

हिटमैन 45 नाम के दर्शक लिखते हैं, ‘खिलौना से इकोनॉमी बनानी थी न साहब, आपने तो इकोनॉमी को ही खिलौना बना दिया.’ विनोद सिंह सिसोदिया लिखते हैं, ‘मोदी जी पहले इंसानों के बेरोजगार नस्लों का प्रावधान करो, फिर कुत्तों के नस्लों के बारे में सोचना.’ वहीं आदित्य लिखते हैं, ‘कभी बेरोजगारी की बात भी कर लिया करो, यह देश के युवाओं का सवाल है.’ सत्येन्द्र चौहान लिखते हैं, ‘मोदी जी, आप पुतले के समान हो गये हैं. युवाओं को बर्बाद कर दिये हैं. आपको इसका जवाब युवाओं के द्वारा दिया जायेगा.’ वहीं एक अन्य लिखते हैं, ‘पहले रोजगार फिर सरकार, यही है युवाओं की पुकार.’ सत्येंद्र चौहान साफ कहते हैं, ‘आप युवाओं के भविष्य को चुराकर युवाओं को बर्बाद कर दिये हैं.’

अब्दुल मजीद संस्कृत श्लोक में उलटफेर कर लिखते हैं, ‘यदा यदा ही मोदीस्य, नष्ट करति भारतः, तदा तदा ही अंधभक्तस्यः, नंगे नाचती युगे-युगे.’ प्यारेलाल लिखते हैं, ‘मित्रों, आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे कि जुमलेबाजी में मेरा कोई टक्कर नहीं ले सकता है, मैं खुद हैरान हूं जी.’ रंजन यादव कहते हैं, ‘अब भाईलोग, इनको सोचना चाहिए देश की तरक्की, युवाओं को रोजगार, शिक्षा के बारे में. यहां तो मंदिर और टॉयलेट पर सरकार टिकी है. अब तो होश में आओ अंधभक्तों.’

अनिल हसानी लिखते हैं, ‘जब ग्लेशियर पिघल जायेंगे, शहर डूब रहे होंगे, एलियंस हमला कर रहे होंगे, दुनिया तबाह हो रही होगी, तब भी यह आदमी रविवार को मन की बात करता हुआ मिलेगा.’ अवधेश यादव मोदी को ‘बिक्रेता’ कहते हुए लिखते हैं, ‘अब आपको प्रणाम करके विदा करने का वक्त आ गया है.’

मोदी और उसके आईटी सेल द्वारा यू-ट्यूब से ‘डिसलाइक’ की भारी संख्याओं को लाखों रुपये खर्च कर बार-बार हटाया जा रहा है ताकि कुख्यात मोदी की और ज्यादा बेइज्जती न हो. लेकिन डिसलाइक के माध्यम से लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसी बात पर एक यूजर लिखते हैं, ‘दोस्तो, डिसलाइक को हटाने में लाखों रुपये खर्च किया जा रहा है. उनकी मेहनत को बेकार मत जाने दो. जमकर डिसलाइक करो.’ क्योंकि ‘मन की बात में कोई बेरोजगारी, मंहगाई, गरीबी, आरक्षण, अमीर और बलात्कारियों को बढ़ावा देना, देश के जवानों को मरवाने और दंगा पर कोई बात नहीं करेगा.’

वहीं, प्रशांत वासनिक लिखते हैं, ‘वीडियो को कोई नहीं देख रहा है. सब डिसलाइक करके चले जा रहे हैं क्योंकि यह विडियो किसी के काम का है नहीं, सब फालतू का बात है.’ जबकि महेन्द्र राव इसे दूसरे अंदाज में कहते हैं, ‘मोदी – नीचे डिसलाइक का बटन है. जनता – हां है, दबा दिया. मोदी – नहीं दबाना था न.’ निलेश चेतावनी देते हुए लिखते हैं, ‘सुधर जाओ रे, बुढापे में पानी भी कोई नहीं देगा – बेरोजगार के कलम से.’ महेन्द्र राव लिखते हैं, ‘2014 के बाद अंबानी अमीरों के लिस्ट में 99 से 5 पर आ गया है जबकि देश भूखमरी में 117वें से 102वेंं नम्बर पर आ गया है. ये है देश का इकलौता विकास.’

मोदी सरकार को चुनने की अपनी गलती पर पश्चाताप करते हुए एक यूजर लिखते हैं, ‘भगवान बचा लो देश को, जो गलती 2019 में किया है जिन्दगी में कभी नहीं करुंगा.’ वैसे भी मोदी सरकार तो यह मान ही ली है कि यह देश भगवान भरोसे ही चल रही है. अरुण कुमार यादव लिखते हैं, ‘इतना गिरा हुआ झूठा प्रधानमंत्री भारत की बदनसीबी नहीं तो और क्या है.’ शिव प्रकाश गुस्से से लिखते हैं, ‘देश को बेचकर मरेगा क्या ?’

दिनेश लिखते हैं, ‘जिसके हाथ में केतली देनी थी उसके हाथ में देश दे दिया. एक अनपढ़ को प्रधानमंत्री बनाओगे तो यही होगा.’ राघव भारतीय मोदी फर निशाना साधते हुए लिखते हैं, ‘कुर्सी पर जो बैठा है, बुजदिल है फौलाद नहीं, युवाओं का दर्द वह क्या जाने जिसकी कोई औलाद नहीं.’ रामानंद सिंह लिखते हैं, ‘कोलकाता रेलवे जोन में बहुत सारे रेलवे स्टेशनों का निजीकरण कर दिया है. पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को उसका काम बदल दिया है. ये सब छात्र के भविष्य के साथ अन्याय है. पहले बेरोजगार थे अब लगता है बेरोजगार ही रहेंगे. पहले मोद जी की बहुत इज्जत किया करते थे, अब किया ही नहीं जाता.’

अंकित कुमार अजय मोदी को वोट देने और दूसरों को भी देने के लिए प्रेरित करने के लिए माफी मांगते हुए लिखते हैं, ‘2019 में वोटर लिस्ट में नाम आने के बाद बीजेपी को अपना पहला वोट इस लिए दिए थे कि हम युवा को रोजगार मिलेगा, लेकिन सभी सरकारी संपत्ति को प्राइवेट कंपनी देकर बहुत बड़ा गलती कर दिया है. सारा सरकारी नौकरी खत्म कर दिया है. आज के बाद कभी भी बीजेपी को वोट नहीं देंगे. मै भी बीजेपी का कार्यकर्ता एवं समर्थक था. अब तो बीजेपी का विरोधी बन गया हूं. घर-घर जाकर वोट मांगे थे बीजेपी के लिए. अब शर्म आ रहा हैं कि खुद का वोट तो बर्बाद किए साथ में उन लोगों का भी वोट बर्बाद करवा दिए जो सरकारी नौकरी के इंतजार में था. जो मेरे कहने पर बीजेपी को वोट दिए थे, उनसे मै माफ़ी मांगना चाहता हूं.’ संदीप कुमार मोदी के संघर्ष की कहानी पर लिखते हैं, ‘प्रत्येक प्रसिद्ध राजनेता के शिक्षा और संघर्ष की कहानी होती है लेकिन मोदी जी की तो चाय बेचना और भिक्षा मांगना ही सुना है हमने तो.’ वहीं एक अन्य गिरते जीडीपी पर सवाल करते हुए लिखते हैं, ‘आज तो रिकॉर्ड बना दिया आजादी के बाद , -23.9 % जीडीपी. वाह वाह मोदी. आपका ज्ञान सुन-सुन के कान पक चुके हैं.’

गिद्ध मीडिया द्वारा बेहिसाब डिसलाइक पर विपक्षी साजिश करार देने पर कुमारी रश्मी व्यंग्य करते हुए लिखती है,  ‘मित्रो इस समय इतने डिस्लाइक जो आप देख रहे है, इसके पीछे नेहरू जी का हाथ है, अगर हमारा देश मे IT सेक्टर आता ही नही तो मज़ाल है कोई यूट्यूब चला कर ये विरोधी ऐसा कर पाते (नोट – डिसलाइक करने वाला हर इंसान इनकी नजर में विपक्षी वाला या देशद्रोही है).  दीपक रोजगार के सवाल को प्रमुखता से उठाते हैं, ‘नौकरी की भी बात कर लो ! 3 साल में SSC रिज़ल्ट नहीं दे पा रही. क्या कर रहे हो आप देश के साथ ?’ प्रमोद कुमार बतौर निष्कर्ष बताते हैं, ‘ये मन की बात नहीं है, मन की मनमानी है.’

पटेल पुष्पेन्द्र विस्तार से मोदी की नाकामियों को गिनाते हुए कहते हैं, ‘ऐसी अक्षम सरकार कभी नहीं देखी गई. 1. हर सार्वजनिक उपक्रम का निजीकरण. इस देश में अब अंबानी-अडानी का एकाधिकार है. 2. उनके पास नया पर्यावरण कानून है, जो भारत में वनों की कटाई को आसान करेगा और केवल व्यापारी खुश होगा. 3. वे छात्रों की बात नहीं मानते. वे उन्हें राष्ट्रविरोधी कहते हैं. 4. उन्होंने 150 मिलियन डॉलर मूल्य की निजी कंपनियों को ऋण माफी दी है. 5. केंद्र सरकार की सभी नौकरियों के परिणाम जारी हैं. SSC, RAILWAY, RRB, CGL, CHSL हर परीक्षा परिणाम जारी हैं. कोई नौकरी नहीं. 6. राज्य सरकार ने वहां जीएसटी शेयरों को अस्वीकार कर दिया. 1.5 लाख करोड़ कर नहीं दे रहे हैं.
7. 20 लाख करोड़ का पैकेज कहां है ? मोदी जी की अर्थव्यवस्था ‘भगवान के अधिनियम’ से नष्ट नहीं हुई है, यह आपकी सरकार की ‘धोखाधड़ी का अधिनियम’ है.’

अमल साबु लिखते हैं, ‘यह नहीं बताएंगे कि मेरा उद्देश्य क्या होगा या क्या होगा ? यह टिप्पणी बॉक्स आने वाले वर्षों में एक नए भारत के लिए एक उम्मीद देता है. हम किसी के गुलाम नहीं हैं, और न होंगे. यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने देश को किसी भी शक्ति से मुक्त करें, जो संविधान और उसकी सामग्री का विनाश करता है. सभी एजेंसी की शक्ति एक तानाशाह की तरह काम कर रही है लोगों को अपने जीवन को सुरक्षित करने और किसी भी प्रकार की विसंगतियों के बिना देश को स्थिर बनाने के लिए अपने अधिकारों की आवश्यकता है. हम कोई गौरवशाली चाल और प्रदत्त पदोन्नति नहीं देखना चाहते हैं. हम भारतीय हैं और अंत तक हम भारतीय ही रहेंगे.’

रवि कुमार लिखते हैं, ‘मोदी जी, आप इतने ऊंचे स्तर पर बैठ गए हो कि आपको लोगों की गरीबी, बेबसी, बेरोजगारी दिखाई ही नहीं दे रही. क्राइम बढ़ता जा रहा है, पुलिस रिपोट तक नहीं लिखती, आम आदमी की जिंदगी कुत्ते से भी बदतर हालत में है. साइबर क्राइम इतना बढ़ रहा और साइबर क्राइम ब्रांच के लोग मस्त एसी की हवा कहा रहे. कोई काम नहीं करते. जनता को हर तरीके से लुटा जा रहा है लेकिन आपको इनसे क्या मतलब ? आप तो मस्त त्यौहारों की पंचायत में व्यस्त हो.’

राजेश खन्ना नामक यूजर लिखते हैं, ‘झूठ बोलना बंद करो, मीठी जुबान से बात मत करो. आपके सिद्धांत व्यावहारिक और आपके व्यवहार में कई अंतर हैं. आप देश को बेच रहे हैं. युवाओं को बेरोजगारी, श्रमिकों और बिना भोजन के लोगों के गहरे संकट का सामना करना पड़ रहा है. आपके मन की बात एकदम धोखाधड़ी है.’

यह पहली बार है जब सोशल मीडिया पर आईटी सेल के गुंडों आम जनता की बयार के सामने बालू की भीत की तरह ढह गया है. हलांकि बार-बार डिसलाइक के बढ़ते बयार को लाखों रुपया खर्च कर हटाने के बाद भी डिसलाइक बढ़ता ही जा रहा है, जो कुख्यात अपराधी नरेन्द्र मोदी के चरित्र पर जनता का सशक्त हस्ताक्षर साबित हो रहा है. पर यह भी सच है कि निर्लज्ज को लाज नहीं लगती, खासकर अगर निर्लज्ज बलात्कारी और हत्यारा हो और देश का प्रधानमंत्री बन जाये.

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ROHIT SHARMA

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