Home गेस्ट ब्लॉग मुसलमानों के हाथों पांच मुस्लिम वैज्ञानिकों का भाग्य

मुसलमानों के हाथों पांच मुस्लिम वैज्ञानिकों का भाग्य

10 second read
0
0
467
मुसलमानों के हाथों पांच मुस्लिम वैज्ञानिकों का भाग्य
मुसलमानों के हाथों पांच मुस्लिम वैज्ञानिकों का भाग्य

मुसलमानों के हाथों मुस्लिम वैज्ञानिकों का भाग्य स्वयं जनता को नहीं बताया जाता है बल्कि गर्व से कहा जाता है कि ज्ञान का कोई धर्म नहीं होते हुए भी वे हमारे मुस्लिम वैज्ञानिक थे. इनमें से पांच वैज्ञानिकों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है.

1. याकूब अल-किंडिक

याकूब अल-किंडिक
याकूब अल-किंडिक

वह दर्शनशास्त्र, भौतिकी, गणित, चिकित्सा, संगीत, रसायन विज्ञान और खगोल विज्ञान के विशेषज्ञ थे. जब अल-किंडी के विचारों के विरोधी खलीफा को सत्ता मिली तो मुल्ला को खुश करने के लिए अल-किंडी के पुस्तकालय को जब्त कर लिया गया और साठ साल की उम्र में उसे सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए. अल-किंडी की हर कोड़े से दर्द से चीख उठती और दर्शक हंस पड़ते.

2. इब्न रुश्दी

इब्न रुश्दी
इब्न रुश्दी

यूरोप के पुनर्जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रसिद्ध अंडालूसी विद्वान इब्न रुश्द को नास्तिक घोषित कर दिया गया और उनकी पुस्तकों को जला दिया गया. एक परंपरा के अनुसार, उन्हें जामिया मस्जिद के एक खंभे से बांधा गया था और उपासकों ने उनके चेहरे पर थूक दिया था. इस महान विद्वान ने अपने जीवन के अंतिम दिनों को अपमान और गुमनामी की स्थिति में बिताया.

3. इब्न सिना

इब्न सिना
इब्न सिना

आधुनिक चिकित्सा के संस्थापक इब्न सिना को भी एक विधर्मी और धर्मत्यागी घोषित किया गया था. विभिन्न मुस्लिम शासक उसका पीछा कर रहे थे और वह जीवन भर छिपते रहे. उन्होंने अपनी पुस्तक लिखी, जिसे पूर्व और पश्चिम के विश्वविद्यालयों में छह सौ वर्षों तक पढ़ाया जाता था, यानी अल-क़ानून फ़ि अल-तब्ब, गुप्त रूप से.

4. ज़कारिया अल-रज़िक

जकारिया अल-रज़ी
जकारिया अल-रज़ी

महान दार्शनिक, कीमियागर, खगोलशास्त्री और चिकित्सक जकारिया अल-रज़ी को झूठा, नास्तिक और काफिर घोषित किया गया था. हकीम वक़्त ने हुक्म दिया कि रज़ी की किताब को उसके सिर पर तब तक मारा जाए जब तक या तो किताब फट न जाए या रज़ी का सिर न फट जाए. इस प्रकार रज़ी बार-बार किताबों से सिर पर वार करने से अंधा हो गये और उसके बाद उसकी मृत्यु तक कभी नहीं देख सके.

5. जाबिर इब्न हय्यान

जाबिर बिन हयान
जाबिर बिन हयान

पश्चिमी दुनिया के लोग उन्हें आधुनिक रसायन विज्ञान का जनक कहते हैं, जिन्होंने रसायन विज्ञान, चिकित्सा, दर्शन और खगोल विज्ञान पर काम किया, जिनकी किताब कीमिया और सातवीं किताब सिर्फ पश्चिम के पुस्तकालयों में मिलती है.

जाबिर बिन हयान के खिलाफ हकीम वक़्त का बदला व्यवहार, जाबिर की बढ़ती प्रसिद्धि जाबिर के शासनकाल के दौरान गिरने लगी, इसलिए जाबिर के लिए खुरासान में रहना मुश्किल हो गया. उनकी मां को कोड़े मारे गए और शहीद हो गए. जाबिर ने अपनी पुस्तकों और प्रयोगशाला का सारांश दिया. उसने अपना सामान पैक किया और इराक के बसरा शहर चले गये.

  • वसीम अल्ताफ

Read Also –

आपबीती दास्तान – फैज़ अहमद फ़ैज़
मोहब्बत और इंक़लाब के प्रतीक कैसे बने फ़ैज़ ?
भारत से समस्त मुसलमानों को 1947 में ही पाकिस्तान भेजने वाली बात भारत-द्रोह और राष्ट्रघात
दुनिया में मुसलमानों के पतन के कारण
अंग्रेजों के खिलाफ स्वाधीनता संघर्ष में मुसलमानों की भूमिका
अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्षों में मुसलमानों की भूमिका (1763-1800)
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, तमाम धार्मिक आतंकवाद का विरोध करो 

[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

Donate on
Donate on
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…