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आम लोगों को डराता जीएसटी का भूत

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अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जीएसटी नोटबंदी से भी भयानक आर्थिक संकट को जन्म देगी. भारत सरकार जीएसटी बिल को जिस अबूझ तरीके से लागू करने जा रही है उसके बारे में सोशल मीडिया पर प्रचलित एक कहानी सटीक बैठता है. आइए जरा उस कहानी को सुन लेंः

जीएसटी पीड़ित व्यापारी निराश हाल में समंदर किनारे भटक रहा था. तभी उसे पानी में तैरती एक बोतल दिखी. उसने बोतल उठाई और ढक्कन खोला. फ़ौरन एक जिन्न प्रकट हुआ. बोला- “तुमने मुझे आजाद किया लेकिन तुम्हारी पहली इच्छा पूरी कर सका, तभी मुझे मुक्ति मिलेगी. बोल क्या चाहिए ?”

व्यापारी बोला- “मुझे जीएसटी समझा दो.”

जिन्न ने जादू से जीएसटी की किताब मंगाई. काफी देर उलट-पुलट के बाद रोने लगा.

व्यापारी हैरान. पूछा- “क्या हुआ ?”

जिन्न बोला- “मैं खुद ही नहीं समझ सका, तो तुझे क्या समझाऊं ! अब फिर मुक्ति के लिए एक साल इंतजार करना होगा.”

“एक साल क्यों ?” व्यापारी ने पूछा.

जिन्न- “मुझे एक साल में मुक्ति का एक ही मौका मिलता है. मुक्त करने वाले की पहली मांग पूरी करना जरूरी है. लेकिन देखो पांच साल में मेरे साथ कितना बुरा हुआ- 2014 में आजाद करने वाले ने पूछा था कि “अच्छे दिन कब आएँगे ?”, मैं बता नहीं पाया. 2015 में आजाद करने वाले ने पूछा था कि “15 लाख कब मिलेंगे ?” मैं नहीं बता पाया. 2016 में पूछा गया कि “नोटबंदी से क्या लाभ हुआ ?” मैं यह भी नहीं बता नहीं पाया. तुमने जीएसटी पूछकर 2017 ख़राब किया. देखूँ, अगले साल किस्मत में क्या लिखा है ?”

रोता हुआ जिन्न वापस बोतल में घुस गया. व्यापारी ने उसके कहे मुताबिक बोतल में ढक्कन लगाकर समन्दर में फेंक दिया.

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यह कहानी नरेंद्र मोदी के द्वारा देश के अर्थव्यवस्था के साथ किए जा रहे भयानक खिलवाड़ को अच्छी तरह प्रस्तुत करता है. अंबानी और अदानी जैसे कॉरपोरेट घरानों को अपने कंधे पर बिठा कर दुनिया भर में उसके कारोबार को बढ़ाने के लिए दिन-रात एक कर रही मोदी सरकार ने कांग्रेस द्वारा लाई जाने वाली जीएसटी बिल जिसमें मनमोहन सिंह 14% कर लगाने के लिए कहा था पर मोदी ने घूम-घूमकर उसका मजाक उड़ाया था और देश को लूटने वाला बिल बताया था. और अब वही मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद उसी जीएसटी बिल को अलग-अलग प्रतिशत के साथ 28 प्रतिशत तक करने की लूटेरी साजिश कर रही है. जबकि आंकड़े बताते हैं कि दुनियाभर में जीएसटी का ऐसा स्वरूप कहींं नहींं है. दुनिया भर में जीएसटी की दरें इस प्रकार हैः

ऑस्ट्रेलिया —-10%
बहरीन —– —–5%
कनाडा —- —–15%
चीन ————–17%
जापान — ——-8%
कोरिया — ——10%
कुवैत—— —–5%
मलेशिया — —-6%
मॉरिसस— —–15%
मेक्सिको — —-16%
म्यांंमार ———-3%
न्यूजीलैंड— —-15%
फिलीपीन्स– —12%
राशियान्( fed)-18%
सिंगापुर——– 7%
साउथ अफ्रीका-14%
थाईलैंड —— —7%
UAE ————-5%
अमेरिका(usa) –7.5%
वियतनाम ——10%
जिम्बाबे —- —-15%

महान भारत – 28 % तक

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भारत में लागू होने वाले जीएसटी में से पट्रोल को बाहर रखा गया है क्योंकि इस पर पहले से ही 50% लूट की जा रही है. पेट्रोल को जीएसटी में शामिल कर मोदी सरकार भला क्योंकर 22 % अपनी आमदनी कम करे ?

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नोटबंदी जहां पहले ही देश के अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ चुकी है, वहीं जीएसटी बिल देश में किसानों, छोटे व्यापारियों को तबाही के कागार पर लाने और अंबानी अडानी जैसे बड़े कारपोरेट घरानों को और ज्यादा अमीर बनाने में मददगार होगी. सूरत में व्यापारियों ने एक स्वर से जीएसटी लेने से साफ तौर पर इंकार कर हड़ताल का आह्वान किया था. आने वाले वक्त में यह आंदोलन और भी बड़े और व्यापक पैमाने पर उभरेगा क्योंकि जीएसटी का भूत अभी तक पूरी तरह सामने नहीं आया है पर जितना ही सामने आया है देश को डराने के लिए पर्याप्त है.

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2 Comments

  1. S. Chatterjee

    June 19, 2017 at 5:33 pm

    It will prove a disaster for already strained economy of India and Waterloo for the unabashed hypocrite that Midi is.

    Reply

  2. cours de theatre

    September 30, 2017 at 10:10 am

    Muchos Gracias for your blog.Really looking forward to read more. Really Great.

    Reply

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