गुरूचरण सिंह
झारखंड की एक चुनावी रैली में अपने ‘ना भूतो ना भविष्यति’ प्रधानमंत्री मोदी जी कहते हैं कि ‘NRC का नागरिकता कानून से कोई सम्बंध नहीं है.’ अगर आपकी बात सही है तो फिर ये छात्र नाहक में परेशान क्यों हैं ? हंगामा क्यों बरपा हुआ है सड़कों पर ? क्यों लोग बेरहम सर्द हवाओं और पुलिस की लाठी गोली की परवाह न करते हुए नए-नए नारे बुलंद कर रहे हैं सड़कों पर – ‘पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से.’
मेरे घर से कुछ ही दूरी पर निज़ामुद्दीन बस्ती से इस कानून का विरोध करने के लिए इतवार को निकले जलूस में लगा था यह नारा. मतलब यह कि गुस्सा केवल इस कानून को लेकर ही नहीं है, सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भी है यह गुस्सा; महंगाई बेरोजगारी के खिलाफ भी है यह गुस्सा !!
और अगर प्रधानमंत्री जी की ही बात सच है तो उन्हें सबसे पहला काम तो यह करना चाहिए कि वे तत्काल अपने गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा लें क्योंकि वे तो साफ-साफ बोल रहे हैं कि पहले नागरिकता कानून और उसके बाद में NRC लागू किया जाएगा. पहले तो वे अपने ही प्रधानमंत्री के खिलाफ बोल रहे हैं, दूसरे उन्हें झूठा साबित कर रहे हैं लेकिन एक बात तो सच है कि कोई एक तो झूठ बोल ही रहा है इन दोनों में. अगर प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं तो मान लेना होगा कि पिछले साढ़े पांच साल तक उन्होंने केवल और केवल झूठ ही बोला था. हम तो बोल ही रहे थे कब से यही बात. फिर भी जनता उन्हें संदेह का लाभ दिए जा रही थी. अब तो मौका भी है और दस्तूर भी है कि उनके सामने सच आए और आज की भारतीय राजनीति के दोनों शीर्ष पुरुष आज आमने सामने खड़े हैं. कौन झूठा है, कौन गुमराह कर रहा है देश की जनता को – देश के सामने यह आना जरूरी हो गया है.
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