जंगल पर्यावरण संतुलन के लिए सबसे जरूरी घटक है. परन्तु केन्द्र सरकार अदानी अंबानी का जेब भरने के लिए एक ओर जहां देश का खजाना लुटा रही है, वहीं उसके लिए देश के जंगलों को बेहरमी से काट रही है. इसके लिए वह एक तरफ तो जंगल पर निर्भर आदिवासी समुदायों को विस्थापित कर रही है, और विरोध करने पर उनकी बेहरमी से हत्या करवा रही है. जंगल है तो हम हैं, अन्यथा पर्यावरण के बिगड़ते दौर में मानव का अस्तित्व ही संकट में पड़ जायेगा. अदानी-अंबानी के इशारे पर यह क्रूर शासक आदिवासियों की हत्या पर उतारू है, के खिलाफ सशक्त जन-प्रतिरोध बेहद जरूरी है, अन्यथा गुड्डी कुंजाम और पोदमा की ही तरह उन तमाम लोगों को यह क्रूर शासक मिटा देगी. प्रस्तुत है प्रसिद्ध गांधीवादी कार्यकर्त्ता हिमांशु कुमार की यह रिपोर्ट –
कल रात पोदिया और उसके साथी को पुलिस ने गोली से उड़ा दिया. यह दोनों आदिवासी युवा छत्तीसगढ़ के बैलाडीला में अडाणी का विरोध कर रहे थे. इससे पहले इनके साथी गुड्डी को भी पुलिस ने गोली से उड़ा दिया था.
गुड्डी ने अडाणी के लोगों द्वारा पेड़ काटना बंद करवा दिया था. अडाणी ने बैलाडीला की नंद राज पहाड़ी पर 2000 पेड़ काट डाले थे. गुड्डी ने पेड़ काटने वाले लोगों को वहां से भगा दिया था. इसके बाद पुलिस ने जाकर गुड्डी को गोली से उड़ा दिया.
सोनी सोरी जब दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव से मिलने गई. तभी अभिषेक पल्लव ने कह दिया था कि मैं गुड्डी के साथी पोदिया को भी गोली से उड़ा दूंगा. सोनी सोरी ने फ्रंटलाइन की महिला पत्रकार को पहले ही बता दिया था कि एसपी अब पोदिया की हत्या करेगा और कल रात एसपी ने पोदिया को गोली से उड़वा दिया.
जो आदिवासी आपके बच्चों की सांसें बचाने के लिए इस देश के जंगलों को बचा रहे हैं, बड़े पूंजीपतियों से पैसा लेकर पुलिस अधिकारी उन आदिवासियों को गोली से उड़ा रही है. आपको बताया जा रहा है कि यही विकास है लेकिन इसमें तो सिर्फ अडाणी का विकास होगा.
बस्तर के आदिवासी मारे जाएंगे और आपके बच्चे बिना ऑक्सीजन के तापमान बढ़ने से मारे जाएंगे लेकिन खेल देखिए. आप आदिवासी के मरने पर आवाज नहीं उठाएंगे और आप अडाणी के पक्ष में बोलेंगे. पुलिस की जय जयकार करेंगे. आप अपने बच्चे का गला खुद घोटेंगे और इसे विकास तथा राष्ट्रवाद से जोड़ कर पुलिस और अडाणी की जय बोलते रहेंगे.
आदिवासियों ने सोनी सोरी और बेला भाटिया को गांव बुलाया है. वे लोग पोदिया और उसके साथी की मौत की हत्या की एफआईआर कराने की कोशिश करेंगे. हम जानते हैं पुलिस एफआईआर नहीं करेगी. इस मामले को कोर्ट में ले जाया जाएगा. लेकिन बहुत सारे मामले पहले भी कोर्ट में ले जाए गए. न्याय तो वहां से भी नहीं मिला.
इस समय आदिवासी ही खतरे में नहीं है. आप भी खतरे में है. आपका लोकतंत्र संविधान विकास सब खतरे में है लेकिन आप समझ नहीं रहे हैं.
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Ritika Ahuja
September 16, 2019 at 4:13 pm
Upar Subroto Chatterjee ka quote likha hai. Subroto Chatterjee kaun hai? Iss quote ka bhaavaarth samajh mein nahi aaya. Par blog achha hai 👌
Rohit Sharma
September 17, 2019 at 8:35 am
सुब्रतो चटर्जी एक विद्वान व्यक्ति हैं, जो कविता लिखते हैं और देश की बदलती विभिन्न घटनाओं पर अपनी टपण्णी करते हैं. मैं आपको उनके फेसबुक अकाउंट दे रहा हूं, उनसे सम्पर्क कर सकते हैं.
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