Home गेस्ट ब्लॉग हउडी मॉबलिंचिंग मोदी : सब अच्छा है, सब चंगा है

हउडी मॉबलिंचिंग मोदी : सब अच्छा है, सब चंगा है

11 second read
0
0
863

हउडी मॉबलिंचिंग मोदी : सब अच्छा है, सब चंगा है
22 अगस्त, 2019 को भारत के प्रधानमंत्री अमेरिका में 8 भाषाओं में इस वक्तव्य को दुहराते हैं कि ‘भारत में सब अच्छा है, सब चंगा है.’ प्रधानमंत्री जिस दिन हउडी, हउडी कर रहे थे, उसी दिन झारखंड के खूंटी जिले में प्रधानमंत्री के सहगोत्र संगठनों के लोगों द्वारा पीट-पीट कर एक विकलांग व्यक्ति की जान ले ली गई और दो लोगों को अधमरा कर दिया गया. 22 अगस्त को ही प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में एक व्यक्ति को चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मारा डाला गया. 21 अगस्त को राजधानी दिल्ली के महरौली इलाके में मंजू गोयल (44 साल) को चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मार डाला गया. अगस्त माह में ही दिल्ली और उसके आस-पास में बच्चा चोरी के आरोप में दर्जनों लोगों को पीटा गया, जिसमें तीन लोगों की जानें चली गई. अगस्त माह में दिल्ली के अन्दर कई लोगों ने मेट्रो ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. 25 अगस्त को मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के भावखेड़ी गांव में 12 वर्षीय रोशनी और 10 वर्षीय अविनाश को इसलिए मार दिया जाता है कि वह सड़क पर शौचालय कर रहे थे लेकिन प्रधानमंत्री की नजर में भारत में ‘सब अच्छा और चंगा’ है.

अगस्त को झारखंड के खूंटी जिले के कर्रा थाना अन्तर्गत सुवारी जलटंडा गांव में तीन लोगों को गऊकशी के आरोप में पकड़ कर पिटाई कर दी गई, जिसमें लापुंग गोपालपुर गांव के केलेम बरला (34) की मौत हो गई. केलेम बरला विकलांग थे और अपने बहन के ससुराल सुवारी जलटंडा मिलने आये हुए थे. फिलिप होरो स्नान करने गये थे, जहां पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने फागू कच्छप के साथ पकड़ कर पिटाई कर दी. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर तीनों युवकों को अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रांची में रिम्स के लिए रेफर कर दिया गया, जहां पर केलेम की मौत हो गई. पुलिस ने पांच-छह लोगों को पूछ-ताछ के लिए थाने लाई थी, लेकिन बजरंग दल के उपद्रवी थाने पहुंच गये, जिसको काफी मशक्त के बाद पुलिस उन्हें छुड़ा पाई. झारखंड में यह कोई इकलौती घटना नहीं है. झारखंड में इससे पहले गऊकशी, बच्चा चोरी और डायन के नाम पर हजारों हत्यायें हो चुकी हैं. पुलिस आंकड़े के अनुसार डायन के नाम पर 1990 से 2000 तक 522 और सन् 2001 से 2019 तक 1800 महिलाओं की हत्यायें की जा चुकी हैं लेकिन भारत में सब कुछ ठीक और चंगा है.

22 अगस्त को जो खूंटी पुलिस मॉब लिचिंग रोकने में असमर्थ रहती है, वही खूंटी पुलिस 22 अगस्त की शाम में एस. पी. आशुतोष शेखर के निर्देश पर रांची के सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के घरों पर जा कर पुछताछ कर रही थी. उधर मॉब लिचिंग के हत्यारोपियों को छुड़ाने के लिए उपद्रवी थाने घेरे हुए थे लेकिन भारत में सब कुछ ठीक-ठाक है. अपराधी खुलेआम घूमे और पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता जेल में रहे, फिर भी सब चंगा है.

18 मार्च, 2016 को लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के झाबर गांव में पशु व्यापारी मजलूम अंसरी और 12 साल के इम्तेयाज खान की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और लोगों में भय पैदा करने के लिए उनके लाश को पेड़ पर लटका दिया गया. 18 जून, 2019 को सरायकेला खरसवां जिले के घातकीडीह गांव में 24 साल के तबरेज अंसारी को पोल में बांधकर पीटा गया और जय श्री राम, जय हनुमान के नारे लगवाए गए. पिटाई के 4 दिन बाद तबरेज अंसारी की मौत हो गई, जिसको बाद में झारखंड पुलिस हार्ट अटैक का मामला बताकर दोषियों पर से धारा 302 को हटा लिया, जो काफी चर्चित रहा. काफी आलोचनाओं के बाद झारखंड पुलिस को लगा कि मौत हार्ट अटैक से नहीं पिटाई से हुई थी तो वह धारा 302 फिर से लगाने की बात कह रही है. तबरेज अंसारी की  मौत का मामला जब राज्य सभा में उठा और झारखंड में बढ़ते मॉब लिचिंग पर चिंता जाहिर की  गई तो प्रधानमंत्री मोदी ने 26 जून को राज्य सभा में व्यथित होकर कहा – ‘सदन में कहा गया कि झारखंड मॉबलिचिंग का अड्डा बन गया है. माननीय सभापति जी, युवक की हत्या का दुख यहां सबको हैं, मुझे भी है और होना भी चाहिए. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा भी मिलनी चाहिए लेकिन, क्या एक झारखंड राज्य को दोषी बता देना शोभा देता है ?’ जिस राज्य में हर दो-तीन दिन पर पीट-पीट कर एक आदमी को मार दिया जाता है उस राज्य को क्या कहा जायेगा ?

प्रधानमंत्री जी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा की बात करते हैं लेकिन उन्हीं के मंत्री जयंत सिन्हा मॉब लिचिंग के मामले में जमानत मिलने पर उन ‘दोषियों’ को जाकर फूल माला पहनाकर स्वागत करते हैं. वे यह भी स्वीकार करते हैं कि उन्होंने इनकी आर्थिक मदद की थी. गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के सांसद निशिकांत दूबे ने मॉब लिचिंग की एक घटना के अभियुक्तों को आर्थिक मदद देने की सार्वजनिक घोषणा की थी और वे तीसरी बार लोकसभा पहुंच चुके हैं. ये सब घटनाएं सार्वजनिक होने के बाद भी प्रधानमंत्री चुप रहते हैं, अपने सांसदों और मंत्रियों की जवाबदेही तय नहीं कर पाते हैं. दिल्ली के लाल किले से अपने पहले सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘बहुत लड़ लिये, कट लिये, मर लिये, इसको 10 साल तक के लिए रोक दें’. लेकिन यह रूकने की बजाय बढ़ता गया और लोग आए दिन सड़क पर, गल्ली-मोहल्ले, कस्बों में मार दिये जा रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने 6 अगस्त, 2016 को कहा था कि ’80 प्रतिशत गौरक्षक फर्जी हैं, हम उनका डोजियर तैयार करने के लिए बोले हैं. उनके दूसरे कार्यकाल की शुरूआत हो गई, घोषणा किए हुए तीन साल गुजर गये, लेकिन प्रधानमंत्री का डोजियर तैयार नहीं हुआ और ना ही गऊ हत्या के नाम पर लोगों की हत्याएं बंद हुईं क्योंकि भारत में सब कुछ ठीक-ठाक है. 2018 में भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मॉब लिचिंग पर कानून लाने की बात कही थी लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है. बलात्कार के आरोपी चिन्मायनन्द काफी हो-हल्ला के बाद गिरफ्तार होकर अस्पताल में हैं तो दूसरी तरफ कोर्ट में बयान दर्ज कराने वाली पीड़िता फिरौती के आरोप में जेल में है, क्योंकि यह ‘नया भारत’ है.

‘मुजरिम वो नहीं जो जेल में है,
मुजरिम वो भी नहीं जो फरार है
असली मुजरिम तो तख्तो-ताज पर सवार है’

  • सुनील कुमार

Read Also –

कश्मीरियों के नरसंहार की साजिश के खिलाफ सवाल
पीएमसी (पंजाब और महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक)
पहलू खान की मौत और भारतीय न्यायपालिका के ‘न्याय’ से सबक
इंसाफ़ के पहलू, अमेरिका का लिंचिंग म्यूज़ियम

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

कामरेडस जोसेफ (दर्शन पाल) एवं संजीत (अर्जुन प्रसाद सिंह) भाकपा (माओवादी) से बर्खास्त

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पंजाब और बिहार के अपने कामरेडसद्वय जोसेफ (दर्शन पाल…