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शुद्धतावाद के नाम पर हिंदू धर्म सभी के साथ नफरत का व्यापार करता है

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शुद्धतावाद के नाम पर हिंदू धर्म सभी के साथ नफरत का व्यापार करता है
शुद्धतावाद के नाम पर हिंदू धर्म सभी के साथ नफरत का व्यापार करता है
हिमांशु कुमार, सामाजिक कार्यकर्त्ताहिमांशु कुमार, प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक

एक वीडियो देख रहा था जिसमें योगी आदित्यनाथ बोल रहा है कि हमारे पास पहले बल भी था, वैभव भी था, सब कुछ था लेकिन विधर्मियों ने आकर सब नष्ट कर दिया. इससे बड़ा झूठ कोई नहीं हो सकता. योगी का इशारा मुसलमानों की तरफ है.

पहली बात तो यह कि भारत के जिस बल की बात योगी कर रहा है या संघी करते हैं, वह सिपाहियों की ताकत थी. सिपाही राजा के पैसे से लड़ते थे. राजा लोग आपस में एक दूसरे से औरतों या सीमा बढ़ाने के लिए लड़ते रहते थे. राजपूत राजपूतों से लड़ते थे, मराठा मराठा से लड़ते थे या एक दूसरे से भी लड़ते थे. मुगल बादशाहों ने अपना राज स्थापित किया तो इन हिंदू राजाओं ने या तो उन्हें टैक्स दिया या कुछ आजाद रहे लेकिन बने रहे और आजादी के समय उनका भारत में विलय किया गया. वैभव या धन राजाओं या पुरोहितों या व्यापारियों के पास ही था.

भारत के किसी मुगल बादशाह ने ना तो भारत के कुटीर उद्योग नष्ट किए, ना खेती का नुकसान किया, ना जनता का धन लूटा. यह काम अंग्रेजों ने जरूर किया लेकिन आमतौर पर भारत की आम जनता गरीब ही थी. भारत की जाति व्यवस्था के कारण मेहनतकश लोगों को गरीब बना कर रखा गया था. संघी लोग झूठा इतिहास बताते हैं और मुसलमानों के खिलाफ फालतू की नफरत फैलाते रहते हैं. इनसे सावधान रहिए और इतिहास की सच्ची समझ के साथ इनसे बहस कीजिए. एनसीईआरटी की सामाजिक विज्ञान की आठवीं, नौवीं, दसवीं की किताब पढ़ जाइए. सब साफ हो जाएगा.

एक अन्य वीडियो है जिसमें एक हिंदू ब्राह्मण महिला प्रवचन कर रही है और कह रही है कि हमें लड़के लड़की में फर्क नहीं करना चाहिए. उस महिला ने अपने बाल खुले रखे हुए हैं. नीचे कमेंट में हिंदुओं द्वारा उसे भद्दी भद्दी गालियां दी जा रही है कि तूने बाल खोले हुए हैं ? तू अच्छी महिला नहीं हो सकती ! यह भी कहा जा रहा है कि हमारे धर्म में महिलाओं से कोई भेदभाव नहीं किया जाता, तू झूठा प्रचार कर रही है.

मैंने बोला था ना कि यह भाजपा ने जो हैवानों की फौज खड़ी कर दी है, यह मुसलमानों से निबटने के बाद दलितों, ओबीसी और महिलाओं को मारेगी. मारने के लिए यह भीड़ कोई भी बहाना ढूंढ लेगी. किसी को जात के नाम पर, किसी को विचारधारा के नाम पर, किसी को पार्टी के नाम पर मारा जाएगा. अभी और मजे आने वाले हैं. हिंदुओं और ज्यादा बदमाश बनते जाओ.

अब साध्वी ऋतंभरा ने कहा है कि हर हिंदू को 4 बच्चे पैदा करने चाहिए, जिसमें से 2 बच्चे विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस को दे देने चाहिए. जाहिर है दो बच्चे मुसलमानों के खिलाफ दंगा करने के लिए मांगे जा रहे हैं.

सोशल मीडिया पर हिंदू नाम से जितने भी ग्रुप हैं उन सब में मुसलमानों के खिलाफ पोस्ट मिलेंगी लेकिन मुसलमानों के नाम से बने किसी ग्रुप में आपको हिंदूओं को गालियां देने वाली पोस्ट नहीं मिलेंगी. ‘क्लब हाउस’ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी हिंदू नाम से बने हुए ग्रुपों में मुसलमानों को गालियां दी जाती थी लेकिन किसी भी मुस्लिम समूह में कभी हिंदुओं को गालियां देते हुए मैंने नहीं सुना.

सफाई कर्मचारी थककर मस्जिद में सो गया है और नमाजी उसे जगाए बिना अपनी नमाज पढ़ रहे हैं.

हिंदू महासभा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी स्थापना के समय ही घोषित किया था कि वह मुसलमानों के खिलाफ अपना संगठन बना रहे हैं. लेकिन मुस्लिम लीग ने अपने पूरे काल में कभी नहीं कहा कि वह हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिम लीग का गठन कर रहे हैं. हिंदू महासभा के नेता मुसलमानों के खिलाफ भाषण देते रहे लेकिन जिन्ना ने कोई भाषण हिंदुओं के खिलाफ नहीं दिया. भारत का कोई मुसलमान हिंदुओं के खिलाफ नहीं है.

भारत का कोई मुसलमान किसी मंदिर पर अपना इस्लामी झंडा लगाने की तमन्ना नहीं रखता. भारत में किसी भी मुस्लिम त्यौहार पर कभी हिंदू मंदिरों पर पत्थरबाजी नहीं होती. भारत में दंगे एक तरफा हमला है जो मुसलमानों पर किया जाता है. बहाना बनाया जाता है फर्जी इतिहास का, कि कई सौ साल पहले मुगल बादशाहों ने ‘यह’ जुल्म किया था. या बहाना बनाया जाता है कि पाकिस्तान में हिंदुओं पर यह जुल्म हुआ.

आज का भारतीय मुसलमान ना मुगल बादशाहों के किसी भी काम के लिए जिम्मेदार है, ना पाकिस्तान में घटने वाली किसी घटना के लिए जिम्मेदार है. भारत के हिंदुओं को यह साफ-साफ समझ लेना चाहिए कि मुसलमान भारत में करीब 25 करोड़ है, ना इन्हें आप जान से मार सकते हैं, ना भारत से बाहर निकाल सकते हैं. हिंदुओं को मुसलमानों के साथ ही रहना होगा इसलिए साथ मिलकर कैसे रहा जाता है, वह सीख लीजिए. आप जितनी जल्दी मिलकर रहना सीखेंगे, उतनी जल्दी आपकी जिंदगी में सुकून आएगा और आप तरक्की करेंगे.

वैसे तो आपको हजारों सालों से दूसरों से नफरत करने की आदत डाली गई है जातियों के नाम पर. भारत के हिंदुओं ने नफरत करके जीना ही अपने जीने का तरीका बना लिया है. लेकिन अब भारत में संविधान है, जो सबको बराबर कहता है. दुनिया में सब बराबरी की तरफ बढ़ रहे हैं. दुनिया बदल रही है. भारत के हिंदुओं को अपनी पुरानी गंदी सोच छोड़नी पड़ेगी.

गांव में आज भी मुसलमानों की शादियों में हिंदुओं के लिए एक पंडाल अलग से लगता है, जिसमें हिंदू हलवाई अलग से खाना बनाता है और हिंदू पड़ोसी उसमें खाते हैं. लेकिन मैंने एक भी शादी ऐसी नहीं देखी जिसमें हिंदुओं ने मुसलमानों के लिए अलग से हलाल खाने की व्यवस्था की हो. अगर उदार हिंदू मुसलमानों को अपनी शादी में बुलाते भी हैं तो मुसलमान खुद ही खुशी-खुशी शाकाहारी खाना खाते हैं. वह कभी इस बात की शिकायत नहीं करते कि हमारे लिए अलग व्यवस्था क्यों नहीं की गई ?

मैंने अनेकों जगह सांप्रदायिक हिंसा के बाद राहत का काम किया है. पीड़ित मुसलमान यह जानने के बाद कि मैं हिंदू हूं मेरे लिए दुकान से कोल्ड ड्रिंक मंगवाते थे क्योंकि उन्हें स्वाभाविक तौर पर लगता है कि मैं उनके घर की बनी हुई चाय नहीं पीऊंगा. यह देख कर मेरा दिल बहुत टूटता था और मैं अक्सर चाय नापसंद करने वाला होकर भी उनका यह वहम तोड़ने के लिए उनके घर की चाय पीता था.

अपने किसी मुसलमान दोस्त को लेकर हिंदू मंदिर में जाने की मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई. अलबत्ता मैं खुलेआम बिना डरे अपने मुस्लिम दोस्तों के साथ उनकी मस्जिद में गया. मैं आराम से एक तरफ बैठा रहा. उन लोगों ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी नमाज पढ़ी. उन्हें एक हिंदू के वहां बैठे रहने से कोई परेशानी नहीं हुई.

शुद्धतावाद हिंदू धर्म का मूल आधार है. यहां शुद्धता के नाम पर दूसरी जातियों वर्णों से नफरत की गई. महिलाओं को पाप योनि कहा गया. यहां तक कि अपने ही शरीर के बाएं हिस्से को अशुद्ध कहा गया है. जो सबको अशुद्ध कहकर दूर करता जाएगा, वह अकेला हो जाएगा और कमजोर हो जाएगा. यही हिंदू धर्म का सबसे बड़ा संकट है.

हिंदू धर्म के सामने खतरा मुसलमानों, ईसाइयों या कम्युनिस्टों की तरफ से नहीं है, इसके भीतर से है. वह इसकी बनावट में ही मौजूद है. यह दूसरों को स्वीकार ही नहीं कर सकता. यह सब को दुत्कारता है. अपने ही धर्म के दलितों को जानवरों से भी बुरी हालत में रखने की वजह से लोग बराबरी की तलाश में या तो मुसलमान बने या ईसाई बने.

खुद में सुधार करने की बजाए अगर आप दूसरों की मस्जिदों पर हमला करते फिरेंगे और उन पर झंडा लगाकर खुद को फैलाने की कोशिश करेंगे तो वह कोशिश बेकार जाएगी. आपके अपने जो लाखों मंदिर है, उनमें आप अपने ही धर्म को मानने वाले करोड़ों दलितों के घुसने पर रोक लगा कर बैठे हुए हैं।. प्रेम धर्म है, दंगा करना धर्म नहीं है. आप सोचते हैं दंगा करने से आपका धर्म फैल जाएगा तो आप गलतफहमी में है.

ऊपर का प्यारा दृश्य देखिए, सफाई कर्मचारी थककर मस्जिद में सो गया है और नमाजी उसे जगाए बिना अपनी नमाज पढ़ रहे हैं. सीखिये धर्म किसे कहते हैं.

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