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ग्लोबल हंगरी इंडेक्स : मोदी सरकार की नीति से भूखमरी की कगार पर पहुंचा भारत

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ग्लोबल हंगरी इंडेक्स : मोदी सरकार की नीति से भूखमरी की कगार पर पहुंचा भारत

ग्लोबल हंगर इंडेक्स यानी GHI की शुरुआत साल 2006 में इंटरनेशनल फ़ूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने की थी. वेल्ट हंगरलाइफ़ नाम के एक जर्मन संस्थान ने 2006 में पहली बार ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी किया था. इस बार यानी 2018 का इंडेक्स इसका 13वां संस्करण (एडिशन) है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में दुनिया के तमाम देशों में खानपान की स्थिति का विस्तृत ब्योरा होता है. मसलन, लोगों को किस तरह का खाद्य पदार्थ मिल रहा है, उसकी गुणवत्ता और मात्रा कितनी है और उसमें कमियां क्या हैं. GHI रैंकिंग हर साल अक्टूबर में जारी होती है.

GHI Report, 2018

GHI Report, 2014



ग्लोबल हंगर इंडेक्स, 2018 पूरी दुनिया में भारत को भूखमरों की कतार में ला दिया है, जो देश की भारत सरकार, जिसे मोदी सरकार कहा जाता है, पूरी तौर पर जिम्मेदार है. 2014 में जहां इसी इंडेक्स में 55वें स्थान पर काबिज भारत को मोदी सरकार ने धकेल कर 103वें स्थान पर ला खड़ा किया है.

साल दर साल गिर रही है रैंकिंग 
वर्ष            भारत की रैंकिंग
2014           – 55
2015           – 80
2016           – 97
2017          – 100
2018          – 103



GHI-2018 में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति 
चीन                25
श्रीलंका            67
म्यामांर            68
नेपाल              72
बांग्लादेश         86
मलेशिया          57
थाईलैंड           44
पाकिस्तान      106

यूं ही कहा जाता है कि हत्यारे और बलात्कारी न तो किसी धर्म के होते हैं और न ही किसी के सगे होते हैं. ठीक यही हालत मोदी सरकार के साथ है. हत्यारों और बलात्कारियों की यह सरकार देश को पूरी तरह से लूटकर अपने शार्गिदों के बीच बांट कर विदेश में सेटल करा दिया है और बचे-खुचे को भी विदेश में सेटल करने-कराने की तैयारी चल रही है. भूख से मरती देश की जनता अपने भाग्य पर रोते-बिलखते पीछे रह जायेगी.



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मान लीजिए…..मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने में विफल है..
सरकार की हर योजना गरीब की जेब काट सरकरी खजाने को भरने वाली साबित हो रही है
विकास का दावा और कुपोषण तथा भूख से मरते लोग
विकास की तलाश में बन गया भूखमरों का देश भारत

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