‘शिक्षित जनता ही असली ताकत है’ आजादी के आन्दोलन में हर दलों की यह बुनियादी समझ थी, इसके लिए वह आम जनता के बीच रहकर उसे लगातार शिक्षित करती रहती थी. वह विश्व की राजनीतिक स्थिति और देश की जनता को जानने के लिए खुद भी लगातार अध्ययन किया करते थे. स्वयं भगत सिंह जेल में रहते हुए भी लगातार विश्व की महान रचनाओं और पुस्तकों का अध्ययन किया करते थे. फांसी पर चढ़ने के ठीक पूर्व वह लेनिन की रचनाओं को पढ़ रहे थे. परन्तु आजादी के बाद तमाम राजनीतिक दलों को शिक्षित जनता खतरा लगने लगे, और वह देश की आम जनता को शिक्षित – राजनैतिक तौर पर – न होने देने के लिए तमाम तरह के उपायों में लग गया. परिणाम आज देश के सामने इस रूप में सामने आया है कि अशिक्षित और अयोग्य लोग शासन में आ गये हैं, शासन में आये इन अशिक्षित और अयोग्य लोगों ने गुण्डों की संगठित फौज खड़ा कर लिया है, जो गाली-गलौज से लेकर हत्या तक उतारू है.
इन अशिक्षित और अयोग्य लोगों ने अपनी अयोग्यता को छिपाने के लिए शिक्षित और योग्य लोगों पर हमलों का दौर बढ़ा दिया है. उच्चस्तरीय शैक्षणिक संस्थानों को खत्म करने या महत्वहीन करने के लिए बजाप्ता एक मुहिम चला दिया है, जिसके लिए अयोग्य लोगों को विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर तैनात कर दिया है, जो शैक्षणिक माहौल को खत्म करने के लिए पूरा जोर लगा रहे है. जेएनयू से लेकर बीएचयू तक के कुलपतियों के ‘चरित्र’ और ‘योग्यता’ से सारा देश परिचित हो गया है.
प्रधानमंत्री मोदी जिनकी डिग्री संदेह के दायरे में है, ने अशिक्षित और संदिग्ध डिग्रीधारी उम्मीदवार स्मृति ईरानी को – जिसे जनता ने नकार दिया था – को लाकर शिक्षा मंत्रालय – मानव संसाधन विकास मंत्रालय – के सर पर बिठा दिया. इसके साथ ही देश के तमाम संस्थानों जिसपर देश का भविष्य निर्भर करता है, के सर पर ऐसे लोगों को तैनात किया जा रहा है, जिनकी योग्यता केवल आरएसएस की सेवा है.
संबित पात्रा जिनकी योग्यता केवल भाजपा और आरएसएस के हर गलत स्टैंड को उल्टे-सीधे तरीके से सही साबित करने के लिए आये दिन न्यूज स्टूडियों में बहस करते नजर आना हैं, को इस आधार पर गैस और आॅयल के डायरेक्टर पद पर नियुक्त कर दिया गया कि मानो वह गैस और आॅयल के क्षेत्र का विशेषज्ञ हो, साजिया इल्मी, जिनकी योग्यता दिल्ली के आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल का खिलाफत करना मात्र है, को इंजिनियर्स आॅफ इंडिया का स्वतंत्र डायरेक्टर नियुक्त कर दिया, जिनका इंजिनियरिंग से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है. इस तरह के अनेकों ऐसे मामले आये हैं जिसमें योग्यता का पैमाना एकमात्र मोदी सरकार की जी-हूजूरी करना है.
हजारों शिक्षण संस्थानों को खत्म कर दिया है या खत्म करने के कागार पर पहुंचा दिया है. शिक्षकों के हजारों पदों का या तो खत्म कर दिया अथवा खत्म करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है. शिक्षण संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं तक को खत्म कर दिया है. शिक्षण के कामों को ठेके पर दे दिया है, जो लगातार शैक्षणिक स्तरों के गिरावट को दर्शाता है.
अशिक्षित और अयोग्य शासक देश भर में अशिक्षित और अयोग्य लोगों को पैदा कर रही है. हर रोज नये-नये लफ्फाज पैदा हो रहे हैं जो एक से बढ़कर एक लफ्फाजी से भरे हुए बयान जारी करते हैं और लोगों को बेवकूफ बनातें हैं और जनता की पीड़ा पर ठहाका लगाते हैं. नोटबंदी और जीएसटी के कारण 50 लाख से ज्यादा लोगों का रोजगार छीन गया. पर मोदी सरकार के मंत्री पीयूष गोयल ठहाका लगाते हुए कहते हैं कि ‘‘नौकरी जाना अच्छा संकेत हैं.’’ तो वहीं जनता के नकारे हुए पर वर्तमान के कन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली कहते हैं कि ‘‘अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत पायदान पर है.’’ समझ में नहीं आता दाने-दाने को मोहताज कर दिये गये लोग जब भूख से दम तोड़ रहे हैं, वे अपना सिर धुने या इस बेवकूफ मंत्री के सर पर जूता मारे ?
गुजरात भाजपा के कृषि राज्यमंत्री तो यहां तक कह दिये कि ‘‘जब देश आजाद हुआ तो ज्यादातर कांग्रेसी चाहते थे कि नरेन्द्र भाई मोदी प्रधानमंत्री बने.’’ तो वहीं हजारों बच्चों की अस्पतालों में महज पैसों के लिए हत्या करने देने वाली उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केरल की एक सभा में – जहां शत् प्रतिशत शिक्षित लोग हैं – शेखी बघारते हुए कहते हैं कि ‘‘अस्पताल में बच्चों की देख-रेख केरल को हमसे सीखना चाहिए.’’ क्या हत्या और बलात्कार के आरोपी मुख्यमंत्री केरल की जनता को यह कहना चाहते हैं कि अस्पतालें में बच्चों की हत्या कैसे की जानी चाहिए ? क्या वह केरल में बच्चों की हत्या करने की तरकीब बताने गये थे ?
16 हजार गुना कमाने वाले अमित शाह के सुपुत्र जय शाह के भ्रष्टाचार को सदाचार और उचित बताने वाली भाजपा और उसके प्रधानमंत्री मोदी देश के व्यवसायियों को सीख देते हुए कहते हैं कि ‘‘लड़की अचार की बोतल लेकर खड़ी हो जाए तो बिक्री और ज्यादा बढ़ जाती है.’’ मोदी का यह मंत्र महिलाओं के बारे में यह सोच बतलाता है कि उनके ‘बेटी पढ़ाओं और बेटी बचाओ’ का उनके नजर में क्या महत्व रखता है ? यह छेड़छाड़ के खिलाफ बीएचयू में विरोध प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को देशद्रोही बताने वाले कुलपति ने देश की जनता को अच्छी तरह बता दिया है. दिल्ली के जीबीरोड में चल रहे वेश्यावृति के व्यापार में केन्द्र के एक भाजपा मंत्री का भी शामिल होना, छेड़छाड़ करने के आरोपियों में भाजपा नेता के बेटा विकास बरला का नाम आना और पूरे देश भर में भाजपा के नेताओं, मंत्रियों, विधायकों, कार्ययकर्ताओं आदि बलात्कारियों केे संरक्षण में देश के प्रधानमंत्री मोदी की पूरी सहमति दिखती है.
आज नकारे हुए और अयोग्य-अशिक्षित लोगों देश की जनता पर शासन कर रहे हैं. वे खुद की ही तरह देश की जनता को भी अयोग्य-अशिक्षित बनाना चाहते हैं, ताकि जाति, धर्म, गाय, गोबर, सेना आदि जैसे जुमले-लफ्फाजियों के सहारे लोगों को आसानी से बरगलाया जा सके. देश में कोई सवाल न उठा सके. भाजपा नकारे हुए अयोग्य-अशिक्षित लोगों का एक ऐसा समूह बनाना चाहता है जिसमें सवाल उठाना ही अपराध बन जाये. उसे ‘देशद्रोही’ और ‘आतंकवादी’ का नाम देकर सहज ही मौत के घाट उतारा जा सके.
जनता का जागरूक होना इस शासक वर्ग के लिए खतरे की घंटी है इसलिए आज देश का शासक वर्ग आम जनता को अशिक्षित और बेवकूफ बनाये रखने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है क्योंकि अशिक्षित और अयोग्य जनता ही इस शासक वर्ग की असली ताकत है, जिसका नेतृत्व आज आरएसएस और आरएसएस की कोख से निकले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं.
S. Chatterjee
November 1, 2017 at 3:00 pm
अंधेरे के परजीवी चराग़ों के दुश्मन होते हैं।
Rajesh Bharadwaj
November 1, 2017 at 4:31 pm
अशिक्षित लोगों को प्रतिष्ठा देकर शिक्षा को निरर्थक और अनावश्यक साबित किया। शिक्षा बजट में कटौती किया, धर्म और अन्धविश्वास को हर प्रकार से समर्थन दे रहे हैं तथा और भी कई तरीकों से शिक्षा को हतोत्साहित करने में लगे हुए हैं।
Rohit Sharma
November 1, 2017 at 4:36 pm
“दाग अच्छे है” ब्यूटीफुल मोदी सरकार?
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