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दिल्ली विधानसभा चुनाव : आम आदमी पार्टी बनाम जुमला पार्टी

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दिल्ली विधानसभा चुनाव : आम आदमी पार्टी बनाम जुमला पार्टी

8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव होना है. इसके लिए अनेक पार्टियां चुनावी मैदान में उतर चुकी है. परन्तु सबसे मजेदार यह है कि आम आदमी पार्टी के सिवा किसी भी राजनैतिक दलों के पास दिल्ली की आम जनता के लिए कुछ भी नहीं है, सिवा अरविन्द केजरीवाल सरकार को बदनाम करने के. उस पर अनर्गल प्रलाप और आरोप लगाने के. दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने आम जनता के सामने गारंटी कार्ड पेश किया है. देश की आम जनता को इस गारंटी कार्ड को जानना और समझना चाहिए, ताकि वह अपने राज्यों और केन्द्र की सरकारों से यह उम्मीद करें अथवा मांग करें. विदित हो कि अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा दी गई यह गारंटी कार्ड चुनावी घोषणा-पत्र नहीं है, बल्कि यह इस बात की गारंटी है जो यह दावा करता है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार अगले पांच साल इस योजना को जारी रखेगी.

अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की आम आदमी के लिए 10 बिन्दुओं में बिन्दुवार बतलाया है –

1. 24 घंटे बिजली: 200 यूनिट फ्री बिजली जारी रहेगी, हाईटेंशन तारों के जंजाल से मुक्त कराएंगे दिल्ली

2. हर घर में टोटी से पानी 24 घंटे नल में पानी मिलेगा, ताकि बिना आरओ के पानी पी सकें, 20,000 लीटर पानी मुफ्त रहेगा.

3. अच्छी शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार की : दिल्ली में पैदा होने वाले हर बच्चे को ग्रैजुएशन तक तक की शिक्षा चाहे वह स्कूल निजी हो या सरकारी देने की गारंटी

4. मुफ्त चिकित्सा की गारंटी :दिल्ली के हर नागरिक को अच्छे से अच्छा इलाज और मुफ्त इलाज की गारंटी देने के साथ ही और नए मोहल्ला क्लिनिक, पॉलीक्लिनिक आदि खोला जायेगा.

5. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यातायात लागू करने की जिम्मेदारी : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यातायात लागू करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की होगी. दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क बनेगा, बसें ज्यादा खरीदी जाएंगी, महिलाओं की सुरक्षा का भी इंतजाम होगा, महिलाओं को फ्री बस यात्रा अगले पांच साल जारी रहेगी, स्टूडेंट्स को भी फ्री यात्रा दी जाएगी.

6. प्रदूषण को कम करने की कोशिश : दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए 2 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगायेगी, वैक्यूम क्लिनिंग कराएंगे और यमुना को भी प्रदूषण से मुक्ति दिलाएंगे.

7. कचरा मुक्त दिल्ली : दिल्ली को कचरा से मुक्त करने की गारंटी दिल्ली सरकार देती है. यहां तक कि हर गली, नाली और रास्तों को कचरा से मुक्त करना इस गारंटी में शामिल है.

8. सीसीटीवी कैमरा : महिला सुरक्षा के लिए डेढ़ लाख कैमरे लग चुके हैं, डेढ़ लाख और लगाएं जायेंगे. इसके साथ ही स्ट्रीट लाइट और मोहल्ला मार्शल लगाएंगे जैसे बसों में मार्शल लगे हैं.

9. कच्ची काॅलोनियों में भी सुरक्षा इंतजाम की गारंटी : कच्ची कॉलोनी में सड़क, पानी, नाली, सीसीटीवी, स्ट्रीट लाइट, मोहल्ला क्लिनिक बनाएंगे.

10. झुग्गी की जगह मकान का बन्दोबस्त : झुग्गीवालों को जहां झुग्गी है वहीं मकान बनाकर देंगे.

इसके उलट दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी उपयोगिता साबित करने के लिए तमाम दूसरे दलों के पास भी दिल्ली की जनता के कुछ है. मसलन, केन्द्र की सरकार पर विराजमान भाजपा के पास भरपूर जुमलों की खेती है, जिसकी फसल वह वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में काट चुकी है. अब एक बार फिर भाजपा अपने उम्मीदवारों को दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसी जुमलों के सहारे उतारा है. मसलन, भाजपा सांसद प्रसिद्ध डांसर व गवैया मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने जितना दिया है, उससे पांच गुना अधिक देंगे जैसे, बिजली, पानी वगैरह. लेकिन जब दिल्ली की जनता को बिजली और पानी मुफ्त मिल रही है तो यह क्या पांच गुनी मुफ्त देगी, यह भाजपा नहीं बताती है.

वह दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आतंकवाद को आयात करने का निश्चय किया था. उस आतंकवाद के सहारे वह दिल्ली में आतंकवादियों को कश्मीर की धाटी से मंगाकर बम-विस्फोट कर आतंक पैदा करना और इसके सहारे राष्ट्रवाद और देशभक्ति जैसे फर्जी मुद्दा सुलगाकर दिल्ली की जनता को दहशत में डालकर चुनाव जीतना चाह रही थी, परन्तु उसकी हवा कश्मीर में डीएसपी दविन्दर सिंह को गिरफ्तार कर कश्मीर की पुलिस ने निकाल दी. इससे सन्नाटे में आयी भाजपा और उसके अनुषांगिक संगठन व गोदी मीडिया अब दुश्प्रचार पर उतारू हो गई है. परन्तु मोदी-शाह और उसके गोदी मीडिया व फर्जी सोशल मीडिया पर फैलाये गये दुश्प्रचार भी जब निष्प्रभावी व हास्यास्पद हो गये तब केन्द्र की मोदी सरकार ने नई तरकीब भिड़ाई.

इस नई तरकीब में केन्द्र सरकार ने दिल्ली में रासुका जैसे काले कानून को लागू कर दिया, जिसके तहत हर उस सख्स को बिना किसी वजह के डराने-धमकाने व गिरफ्तार कर जेल में बन्द करने का पूर्ण व्यवस्था कर लिया. इस काले कानून के तहत उन लोगों को निशाना बनाया जायेगा, जो किसी भी रूप में भाजपा के विरूद्ध है अथवा, उसके वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है. यह कानून उन लोगों को भी निशाना बनायेगी, जो केन्द्र की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं. केन्द्र की मोदी-शाह की यह आपराधिक सरकार इस काले कानून को लागू करने के लिए न केवल दिल्ली की पुलिस का ही इस्तेमाल करेगी अपितु पुलिस के भेष में अथवा खुलेआम अपने गुंडों को भी इस्तेमाल करेगी, यह पिछले दिनों की पुलिसिया कार्रवाई के दौरान भी स्पष्ट हो गई है.

इसके अतिरिक्त केन्द्र की मोदी-शाह के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ रही भाजपा (क्योंकि दिल्ली भाजपा के पास मुख्यमंत्री के बतौर कोई चेहरा नहीं है), दिल्ली की जनता के लिए इसके अलावे और भी तोहफें हैं. मसलन, वह दिल्ली में सीसीटीवी लगाने का जबर्दस्त विरोधी है क्योंकि दिल्ली के सारे गुण्डे भाजपा में ही शामिल होने के कारण उसके अपराध में यह सीसीटीवी अडंगा डालता है. यही कारण है कि वह शुरूआत से ही सीसीटीवी लगाने का विरोध करता आया है. वह मुफ्त बुनियादी सेवा देने के भी विरोध में है. मसलन, पानी, बिजली, मुफ्त ईलाज, टेस्ट, दवाईयां. वह शिक्षा के लिए निजी स्कूलों को प्रोत्साहन और सरकारी स्कूलों को कबाड़ी बना देना चाहता है ताकि दिल्ली के लोग अपने बच्चों को मुफ्त शिक्षा सरकारी स्कूलों में न दे सके. भाजपा हर उस मानवीय मूल्यों के खिलाफ इस विधानसभा चुनाव में उतरी है, जिसकी दिल्ली के आम नगारिक जरूरी महसूस करते हैं. वह मेट्रों व बसों में महिलाओं को दिये गये फ्री सेवा का भी विरोधी है.

आम आदमी पार्टी और भाजपा के अतिरिक्त दिल्ली विधानसभा चुनाव में चनाव लड़ी अन्य किसी भी पार्टी के पास इसके सिवा और कोई मुद्दा नहीं है कि वह किसी भी तरह आम आदमी पार्टी के मतदाताओं के मतों को काटकर दिल्ली में भाजपा की सरकार बना डाले. चाहे वह पार्टी जदयू की हो, कांग्रेस की ही क्यों न हो. इस चुनाव में दिल्ली के आम आदमी के सामने सीधी दो पार्टियां हैं, एक आम आदमी पार्टी जो दिल्ली की जनता के बुनियादी हितों की गारंटी करना चाहती है, दूसरी भाजपा व अन्य पार्टियां हैं जो दिल्ली समेत पूरे देश के अपराधियों के हितों की हिफाजत करना चाहती है. फैसला दिल्ली की जनता को करना है कि वह फैसला खुद के हित में करती है अथवा, अपराधी, गुण्डों, बलात्कारियों, भ्रष्टाचारियों के हित में.

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