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कोरोना नियंत्रण हेतु जमीनी तैयारियों के लिए सुझाव

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कोरोना नियंत्रण हेतु जमीनी तैयारियों के लिए सुझाव

पं. किशन गोलछा जैन, ज्योतिष, वास्तु और तंत्र-मंत्र-यन्त्र विशेषज्ञ

कोरोना अब दिमाग पर भी प्रभाव डालने लगा है (रात-दिन कोरोना को लेकर हिन्दू-मुस्लिम डिबेटों और समाचारों से अब नींद में भी कोरोना के ही विचार चलते रहते हैं. ऐसे ही कल रात नींद में विचार करते करते कोरोना को नियंत्रित करने का बड़ा ही जबरदस्त उपाय सुझा, सो लिख भी रहा हूंं और उसका ग्राफ भी बनाकर सलंग्न कर रहा हूंं, यथा –

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी अगर सच में ईमानदार है और कोरोना के खिलाफ फाइट में सचमुच गंभीरता रखते हैं, तो मात्र 15 दिनों में भारत को कोरोना से मुक्त किया जा सकता है लेकिन जिस हिसाब से धन इकट्ठा करने के लिये मोदी केयर के नाम से खाता बनाया है और वर्ल्ड बैंक से लोन उठाया है, उस हिसाब से मुझे नहीं लगता कि मोदीजी ईमानदार हैं और गंभीरता के साथ भारत से कोरोना ख़त्म करना चाहते हैं.

वे तो इस मौके की आड़ में धन एकत्रित करने में लगे हुए है, वरना सीधा अपनी देख-रेख में सभी सांसदों और विधायकों को काम में लगाकर एक सप्ताह में पूरे भारत की जनसंख्या की स्क्रीनिंग की जा सकती है और वो भी कम-से-कम संसाधनों और मेडिकल स्टाफ के साथ. इसमें किसी भी अस्पताल पर जोर नहीं पड़ेगा और न ही त्राहि-त्राहि मचेगी और जांंच के अगले सप्ताह तक सभी की जांंच रिपोर्ट भी सरकार के सामने होगी, जिसकी तीन केटेगिरी होगी यथा –

1. नॉन इन्फेक्टेड पब्लिक – ये तो सीधे तौर पर फ्री हो जायेंगे.

2. वीक इम्युनिटी पब्लिक – ये सीधे तौर पर फ्री नहीं होंगे बल्कि इन्हे एमएलए द्वारा निगहबंदी में रखा जाये ताकि कमजोर इम्युनिटी की वजह से जब भी इनके इन्फेक्टेड होने के चांस लगे, इन्हें तुरंत क्वारंटाइन किया जा सके.

3. इन्फेक्टेड पब्लिक – इन्हें सांसद द्वारा सीधे केंद्र सरकार अपनी देखरेख में रखे और जो भी संभव हो इलाज करे और ठीक होने तक आइसोलेसन सेंटर में ही रखे.

अब स्क्रीनिंग होगी कैसे ? इसके लिये भी बड़ा ही सिम्पल तरीका है कि इसकी जिम्मेदारी सीधे-सीधे पार्षदों को दे दी जाये, साथ ही इलाके के एसएचओ और डॉक्टर के साथ साथ सफाईकर्मी और स्क्रीनिंग करने वाले मेडिकल स्टाफ मय टेस्टिंग मशीन एक कमेटी बनाकर दे और वो सीधा एमएलए और एमपी की देखरेख में हो और सभी पार्षद अपने-अपने वार्ड में स्क्रीनिंग का कार्य करवाये तथा वार्ड पब्लिक को तीन केटेगिरी में ट्रांसफर कर एक को विधायक और दूसरे को सांसद की देखरेख में ट्रांसफर करे.

अर्थात इतना कार्य करने के बाद पार्षद अपनी जवाबदारी से मुक्त हो जायेंगे और वीक इम्युनिटी वालों के लिये विधायक जिम्मेदार होगा, जबकि इन्फेक्टेड लोगो के लिये सांसद जिम्मेदार होगा और इस तरह सिर्फ कुछ हज़ार इन्फेक्टेड लोगों को बाकी की पब्लिक से दूर कर कोरोना तीसरे स्टेज पर पहुंंचने से पहले ही नियंत्रित कर लिया जाये और इन्फेक्टेड लोगो के ठीक होने पर उन्हें भी फ्री कर दिया जाये.

इससे न तो सरकार को एक्स्ट्रा फण्ड की जरूरत पड़ेगी और न ही एक्स्ट्रा स्टाफ की और इन्फेक्टेड लोग ज्यादा से ज्यादा एक महीने में ठीक हो जायेंगे ! ज्यादा अच्छे से समझने के लिये सलंग्न ग्राफ देखे –

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