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कोरोना और लॉकडाऊन का संबंध नियंत्रण से है, बीमारी से नहीं

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विश्व बैंक ने कोरोना प्रोजेक्ट के लिए 03 अप्रैल, 2020 को 100 करोड़ डॉलर भारत को देने का एलान किया. 100 करोड़ डॉलर का मतलब हुआ 76 अरब 41 करोड़ 90 लाख रुपए. सीधे – सीधे 7600 करोड़ रुपए समझिए.

विश्व बैंक फिलहाल एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. जिसका नाम है- COVID-19 Emergency Response Project. इस project के approval की तारीख 02 अप्रैल, 2020 है और प्रोजेक्ट समाप्ति की तारीख 29 अप्रैल 2022 है. प्रोग्राम समाप्ति की तारीख 31 मार्च 2025 है.

अब आप सोचिए जिस विषय को आप बीमारी समझ रहे हैं, उसे बीमारी के रूप में नहीं बल्कि प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार किया गया है. 2025 तक की तारीख पहले से मुकर्रर है. तारीख पहले से तय है. 2021-30 का दशक इसी उथल – पुथल के बीच रहेगा.

कोई सरकार कुछ नहीं कर पायेगी. सब अंतराष्ट्रीय स्तर पर तय हो रहा है. आप सोचते थे 21 दिन में लॉकडाउन खत्म हो जाएगा. उस वक्त भी कहता था यह खत्म नहीं होगा. फिर कह रहा हूं लॉकडाउन अब कभी खत्म नहीं होगा. यह अब जीवन का हिस्सा है और आगे भी जारी रहेगा. इसका संबंध नियंत्रण से है. बीमारी से नहीं.

चूंकि New World Order, Agenda 21 में world bank बड़ी भूमिका में है इसलिए 2025 तक हमलोग अभी इसी मॉक ड्रिल से गुजरेंगे. यह दशक संघर्ष भरा होगा. वे अपने हिसाब से चलते हैं. हमारी आपकी बातों से उन्हें कोई मतलब नहीं है. आपको नियंत्रित करने के लिए उनके पास psychological warfare का हथियार है. आप उनके मनोवैज्ञानिक गिरफ्त में हो.

  • संजय मेहता

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