बलात्कार मोदी राज्य के राम राज्य का प्रमुख पहचान बन चुकी है. संभवतः बलात्कार के बिना मोदी के रामराज्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती. जब भाजपा के नेता घोषणा करते हैं कि ‘‘राम भी आ जाये तो बलात्कार नहीं रूक सकता’’, तब इसका आशय यही होता है. निहालचंद जैसे बलात्कारी और हत्यारे को जब केन्द्र में मंत्री पद से नवाजा जाता है, और पुलिस सम्मन हाथ में लेकर ढ़ूंढ़ती रह जाती है, तब मोदी के रामराज्य की परिकल्पना साकार रुप धारण करती है. आरएसएस के विचारक गोलवलकर के हिन्दु राष्ट्र में बलात्कार को खास हथियार के बतौर नवाजा है, जिसका उपयोग एससी, एसटी, ओबीसी की महिलाओं पर खास तौर पर आजमाये जाने की वकालत की है.
हिन्दू राष्ट्र के बतौर महिलाओं के खिलाफ बलात्कार को प्रोत्साहित करने, खासकर छोटी-छोटी बच्चियों को निशाना बनाने की कवायद आरएसएस और मोदी के रामराज्य का प्रमुख अंग है. कठुआ और उन्नाव में बच्चियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के पक्ष में जिस प्रकार हिन्दुओं को एकजुट करने का अभियान चलाया गया, वह बेहद खास है. इस अभियान के आयोजकों को विभिन्न पदों से पुरस्कृत कर मोदी सरकार ने वकायदा यह घोषणा कर दी कि बलात्कार को प्रोत्साहित किया जायेगा. यह बेहद खास है कि खुद मोदी पर लड़कियों की जासूसी कराने, अपने सहयोगियों की पत्नी को रखैल बनाकर रखने आदि के आरोप लगे हुए हैं.
देश भर में भाजपा के मंत्री, सांसद, विधायक, नेता और कार्यकर्त्ताओं को बलात्कार करने की खुली छूट दी गई है. इनके बलात्कार की सर्वोपरिता की एक झलक भाजपा नेताओं के निकटतम ब्रजेश ठाकुर के द्वारा बिहार के मुजफ्फरपुर में अनाथ बच्चियों के साथ हृदयविदारक कुकृत्य करने के बाद पुलिस हिरासत में ब्रजेश ठाकुर का मुस्कुराता चेहरा मोदी सरकार के ‘रामराज्य’ का सबसे विद्रुप चेहरा है. ब्रजेश ठाकुर के बच्चियों के साथ कुकृत्यों की भयावहता पीड़ित बच्चियों के शब्दों में इस प्रकार है –
⁃ आंटी कहती थी ‘कीड़े की दवाई’ है और खाना में मिला कर देती थी. दवा खाते ही नींद आने लगती थी. सुबह को जब आँख खुलती थी तो हमारे कपड़े फ़र्श पर फेंके हुए दिखते थे. हम नंगे होते थे बिस्तर पर.
⁃ ब्रजेश अंकल हम को अपने ऑफ़िस में ले जाते थे. वहाँ जा कर हमारे प्राइवेट पार्ट को इतने ज़ोर से स्क्रैच करते थे कि ख़ून निकल आता था.
⁃ खाना खिला कर हमें ब्रजेश अंकल के रूम में ज़बरदस्ती भेजा जाता था. वहाँ रात को कोई मेहमान आने वाला होता था.
⁃ जब हम गन्दा काम (सेक्स) के लिए मना करते थे तो हमारे पेट पर आंटी लात से मारती थी.
⁃ हमें कई रोज़ भूखा रखा जाता था. खाना माँगने पर गर्म तेल और गर्म पानी हम पर फेंक देती थी आंटी.
इन बलात्कार में छोटी-छोटी बच्चियां खासतौर पर निशाने पर ली गई है. इन बल्कृत बच्चियों में कई बच्चियां गर्भवती पाई गई है, और कईयों की हत्या तक कर दी गई है, जिनके अस्तित्व तक को नकारने की भरपूर कोशिश हो रही है. इसमें न केवल मीडिया, नेता, राजनेता और सरकारी नौकरशाहों की पूरी मिलीभगत ही सामने आई है बल्कि इन बच्चियों को शिकार बनाने में इन लोगों की भूमिका भी पाई गई है, जिसपर किसी ठोस कार्रवाई की बात मुमकिन नहीं लगती क्योंकि बलात्कार और हत्या ही मोदी के रामराज्य का सपना है.
निःसंदेह देश में जितने भी बलात्कार की घटनायें घटित हो रही है, उसमें जिन किसी भी लोगों की भूमिका होती है, भाजपा की मोदी सरकार उस पर खासतौर पर मेहरबान होती है और उसे प्रोत्साहित करती है. यही कारण है कि जब दिल्ली सरकार समूचे दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगाने की कोशिश कर रही है, ताकि महिलाओं के खिलाफ घट रही अपराध, खासकर बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश लग सके तब केन्द्र की मोदी सरकार और उसके दलाल एलजी बैजल सच्चे हृदय से सीसीटीवी लगाने की इस कोशिश के खिलाफ जुट गया है क्योंकि मोदी सरकार और आरएसएस के रामराज्य में बलात्कार की भूमिका पर कोई रूकावट न डाल सके. आखिर यूं ही भाजपा के विधायक देश के बुद्धिजीवियों को गोली मार कर हत्या करने का ऐलान नहीं करता है ?
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