दिल्ली के लोगों का मज़ाक बना के रख दिया है LG और भाजपा ने, मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि आपने वोट LG को दिया था या केजरीवाल को ? अरविंद केजरीवाल का यह चुभता सवाल देश के हर नागरिक को सोचने पर विवश कर देता है. फलतः उसकी अपील पर इंदिरा गांधी स्टेडियम में उमरी जनसैलाब ने अपना फैसला सुना दिया.
दिल्ली में दिल्ली की जनता के भारी बहुमत से जीत कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के रूप में भाजपा और कांग्रेस सहित देश की तमाम भ्रष्ट पार्टियों को अपनी मौत की छवि दीखने लगी है. जिसकारण ये तमाम पार्टियां आम आदमी पार्टी को खत्म करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए है. जब देश की तमाम जांच एजेंसियां और पुलिस भी आम आदमी पार्टी का कुछ बिगाड़ नहीं सकी तब उसने दिल्ली की पूरी सत्ता अपने पालतू दलाल एलजी को सौंप दिया, जिसका एकमात्र कार्य है आम आदमी पार्टी के जनलोकप्रिय कार्यों को रोकना ताकि आम आदमी पार्टी को जनता के बीच बदनाम किया जा सके.
सरकारी अधिकारियों को आम आदमी पार्टी सरकार के किसी भी आदेश का पालन नहीं करने का आदेश केन्द्र सरकार दे चुकी है, जिसकारण दिल्ली का विकास कार्य पिछले चार माह से ठप्प पड़ चुका है. एलजी नीचतापूर्ण तरीके से दिल्ली सरकार से मिलने तक से इंकार करती है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और उसके मंत्रिमंडल एलजी दफ्तर पर 9 दिनों से मिलने के लिए बैठा रहा, पर मूर्ख एलजी मिलने तक नहीं आया, उल्टे वहां से उठाकर बाहर फिकवाने का उपाय करता रहा. अंत में दिल्ली उच्च न्यायालय के दलाल जजों द्वारा दिल्ली सरकार के खिलाफ कलंकित फैसला देकर इस न्यायोचित मांग को भी ठुकरा दिया.
सवाल मौजूं है कि जिस कानून और संविधान को केन्द्र सरकार अपने ठेंगे पर रखतीं है, उसी कानून और संविधान से मिली ताकत का गलत इस्तेमाल केन्द्र सरकार भाजपा की दलाली करने वाले आर एस एस और भाजपा के मंजे हूए दलालों को सत्ता के प्रतिष्ठानों सहित न्यायालयों में बिठा रहा है, यह देश के आम आदमी के लिए बेहद खतरनाक है. भारी बहुमत से सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के 9 दिनों तक के अथक प्रयास के वाबजूद जब दलाल एलजी एक मिनट के लिए भी मिलने से साफ इंकार करता है, यहां तक की देश के चार पूर्ण राज्यों के मुख्यमंत्री तक से मिलने से इंकार कर देता तब आसानी से समझा जा सकता है कि वह दलाल आम आदमी से क्यों मिलेगा ?
निःसन्देह दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ काम कर रही केन्द्र सरकार अपने दलाल एलजी के माध्यम से दिल्ली सरकार को पंगु बना दी है. ऐसे में दिल्ली सरकार के पास एक ही विकल्प बचता है कि वह जनता के दरबार में जाये और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का आदेश केन्द्र सरकार को जारी करें.
जनता सब कुछ जानती और समझती है. यही कारण है कि अरविन्द केजरीवाल के अपील पर इंदिरा गांधी स्टेडियम में आम आदमी पूरी ताकत के साथ उमड़ कर आई और अरविन्द केजरीवाल के अपील का समर्थन किया है.
दिल्ली की जनता अरविन्द केजरीवाल के साथ जबतक पूरी ताकत के साथ जुडी रहेगी केन्द्र सरकार के दलाल एलजी और न्यायालय के बिकाऊ जज तक कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते क्योंकि सत्ता को शक्ति आम आदमी देता है और आम आदमी के निगाह में केन्द्र सरकार और उसका दलाल एलजी और मक्कार नौकरशाह बुरी तरह बेनकाब और बदनाम हो चुका है.
अरविन्द केजरीवाल के द्वारा आम आदमी के नाम लिखे पत्र को जरूर देखना चाहिए, जो यहां प्रस्तुत है –
“प्यारे दिल्लीवासियों, 1947 में देश आजाद हुआ. पूर देश में जनतंत्र लागू हो गया. पूरे देश में जनता वोट देकर अपनजी सरकारें चुनने लगी. वो सरकारें जनता के हिसाब से काम करन लगी. पर दिल्ली को पूरी आजादी नहीं मिली.दिल्ली में अंग्रेजों के वायसराय का हटा के एलजी का राज कायम कर दिया गया.
दिल्ली में जनता का राज क्यों नहीं ? दिल्ली में जनता अपनी सरकार तो चुनती है पर उस सरकार की चलती नहीं है. जनता जो मर्जी सरकार चुनें, दिल्ली में चलती एलजी की है. मतलब दिल्ली के लोगों के वोट की कीमत जीरो है. ये दिल्ली के लोग आधे नागरिक क्यों हैं ?
दिल्ली के लोगों का सरेआम अपमान : रोज सरेआम दिल्ली के लोगों का अपमान होता है, जैसे –
दिल्ली के लोग कहते हैं कि हमें सीसीटीवी कैमरे चाहिए. जैसे ही लोगों की चुनी हुई सरकार सीसीटीवी कैमरे लगाना शुरू करती है, एलजी कहते हैं, ‘सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाने दूंगा.’
दिल्ली के लोग कहते हैं, ‘हमें मोहल्ला क्लिनिक चाहिए.’ एलजी कहते हैं, ‘मोहल्ला क्लिनिक नहीं बनने दूंगा.’
दिल्ली के लोग कहते हैं, ‘हमें स्कूल चाहिए.’ एलजी कहते हैं, ‘स्कूल नहीं बनने देंगे.’
दिल्ली के लोग कहते हैं, ‘हमें राशन चाहिए.’ एलजी कहते हैं, ‘हम राशन नहीं देंगे.’
दिल्ली के लोग कहते हैं, ‘हमारी कच्ची कॉलोनियां पक्की कर दो.’ एलजी कहते हैं, ‘मैं कच्ची कॉलोनियां पक्की नहीं होने दूंगा.’
हमारी खून-पसीने की कमाई केन्द्र सरकार ले जाती है. जितना शोषण आज केन्द्र सरकार दिल्ली के लोगों का कर रही है, उतना शोषण तो अंग्रेजों ने भी नहीं किया था. अंग्रेज हमारे उपर खूब टैक्स लगाते थे और सारा पैसा इंगलैंड भेजा करते थे. आज वो ही हाल दिल्ली वालों का केन्द्र सरकार ने कर रखा है. हर साल 1,30,000 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार दिल्ली वालों से इन्कम टैक्स ले जाती है और केवल 325 करोड़ दिल्ली के विकास के लिए वापस देती है. ऐसे तो अंग्रेजों ने भी नहीं किया था. ये हमारे खून-पसीने की कमाई है. क्या दिल्ली वाले इसी तरह लूटते रहेंगे और हम चुप रहेंगे.
हर दिल्ली वाले को एक-एक मकान : हम ये नहीं कह रहे हैं कि सारा का सारा पैसा हमको वापस करो. कम से कम 30 प्रतिशत पैसा वापस दे दो दिल्ली के विकास के लिए. 1,30,000 करोड़ रूपये का 30 प्रतिशत 40,000 करोड़ रूपये बनता है. हर साल अगर 40,000 करोड़ रूपये आने लगे तो 5 साल में हर दिल्ली वालों को हमारी सरकार एक-एक मकान बनाकर दे देगी.
बेरोजगारों को नौकरी : आज हमारे बच्चों को नौकरियां नहीं मिल रही. हर साल दिल्ली सरकार में हजारों नौकरियां निकलती है. क्या आप मानते हैं कि दिल्ली सरकार की नौकरियों में दिल्ली के मतदाताओं के बच्चों के लिए 85 प्रतिशत रिजर्वेशन होना चाहिए ? पूर्ण राज्य होगा तो हम दिल्ली के मतदाताओं के बच्चों के लिए 85 प्रतिशत आरक्षण करेंगे. इस से हर साल हमारे हजारों बच्चों का नौकरी मिलने लगेगी.
हर बच्चे को कॉलेज में एडमिशन : मुझे बहुत दुःख होता है जब 97 प्रतिशत अंक मिलने पर भी हमारे बच्चों को कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिलता. हमने केन्द्र सरकार से दिल्ली में नई यूनिवर्सिटी खोलने का इजाजत मांगे. पर खोलने नहीं देते. दिल्ली पूर्ण राज्य होगा तो हम दिल्ली में इतनेे नये कॉलेज बनवा देंगे कि 70 प्रतिशत वाले बच्चों को भी कॉलेज में प्रवेश मिल जाएगा.
दिल्ली में हमारी सरकार कितनी बार केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेज चुकी है कि कच्ची कॉलोनियों को पक्का किया जाये लेकिन केन्द्र सरकार करती ही नहीं. पूर्ण राज्य बनने पर ये काम एक महीने में पूरा हो सकता है.
अपराध मुक्त दिल्ली : आज दिन व दिन दिल्ली में अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं. खासकर महिलाओं के खिलाफ रोज अपराध बढ़ रहे हैं पुलिस कुछ करती नहीं. जनता अपने मंत्रियों या विधायकों के पास जाती है तो जो कुछ कर नहीं सकते क्योंंकि पुलिस सीधे एलजी साहिब के अधीन आती है. एलजी साहेब किसी से मिलते नहीं हैंं. तो जनता बेचारी कहां जाएं ? पूर्ण राज्य होगा तो पुलिस सीधे जनता के प्रति जवाबदेही होगी. अगर कोई पुलिस वाला काम नहीं करेगा तो जनता अपनी चुनी हुई सरकार को कहकर उसको बदलवा सकती है या उसपर दवाब बना सकती है.
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने धोखा दिया : बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अभी तक धोखा दिया है. दोनों पार्टियां हर चुनाव के पहले अपने घोषणापत्र में कहती है कि अगर चुनाव जीत गये तो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. पिछले 20 सालों में केन्द्र में दोनों पार्टियों की सरकार रही लेकिन किसी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया.
पिछले लोकसभा चुनाव के पहले मोदी ने भी वादा किया था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. जनता ने मोदी जी पर यकीन करके उनको सातों सीट जिता दी. लेकिन जीतने के बाद मोदी जी अपना वादा भूल गये.
मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के पहले शीला दीक्षित जी के समय दिल्ली आधा राज्य होता था. मोदी जी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य तो नहीं बनाया, जो आधा राज्य था वो भी नहीं छोड़ा. एक-एक करके दिल्ली की चुनी हुई सरकार की सारी शक्तियां छीनते गये. आज दिल्ली 10 प्रतिशत राज्य भी नहीं बचा. जनता द्वारा चुनी हुई सरकार से मोदी जी ने एंटी करप्शन ब्रांच छीन ली, अब अधिकारियों पर चुनी हुई सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. अधिकारी दिल्ली की चुनी हुई सरकार के आदेश नहीं मानते. मोदी जी ने सारी पावर एलजी को दे दी.
पूर्ण राज्य के लिए संघर्ष करना पड़ेगा : आज सबसे अहम प्रश्न है कि दिल्ली में किसकी चलनी चाहिए – एलजी की या दिल्ली के लोगों की ? अब समय आ गया है जब दिल्ली की जनता को अपने सम्मान, अपने हक और अपने बच्चों के भविष्य के लिए लड़ना पड़ेगा. – अरविन्द केजरीवाल.
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