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भाजपा का भ्रष्टाचार के साथ अदानी का एकाधिकार विकास

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भाजपा का भ्रष्टाचार के साथ अदानी का एकाधिकार विकास
भाजपा का भ्रष्टाचार के साथ अदानी का एकाधिकार विकास
girish malviyaगिरीश मालवीय

आज की सबसे बड़ी खबर यह है कि अडानी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड मटीरियल क्षेत्र में भारत का अबतक का सबसे बड़ा सौदा कर दुनिया की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी होलसिम से अंबुजा सीमेंट और ACC सीमेंट में हिस्सेदारी को 10.5 अरब डॉलर (करीब 82,000 करोड़ रुपये) में खरीद लिया है. अंबुजा सीमेंट और ACC सीमेंट भारत की तीसरे और चौथे नंबर की कंपनियां हैं. इस लिहाज से अब अडानी सीमेंट देश की टॉप की सीमेंट कंपनियों में शुमार हो गईं हैं.

आप को जानकर आश्चर्य होगा कि अडानी सीमेंट नाम की कंपनी को गौतम अडानी 11 जून, 2021 को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, गुजरात के साथ पंजीकृत करा चुके हैं यानी यह सब बहुत पहले से ही डिसाइड हो चुका था, हमें खबर बहुत देर से मिली है. इस डील को सपोर्ट करने के लिए ग्लोबल बैंक बार्कलेज, ड्यूश बैंक जैसे विदेशी बैंक और आईसीआईसीआई और एक्सिस जैसे भारतीय बैंक आगे आए हैं.

भारत में मोदी राज में अडानी जिस तेजी से प्रगति के पथ पर बढ़े हैं और जिस तरह से उनके व्यापारिक साम्राज्य में विस्तार हुआ है, उसकी तुलना अमेरिकी पूंजीपति मैग्नेट जॉन डी. रॉकफेलर से ही की जा सकती है, जिन्होंने 20वीं सदी के अंत में अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव छोड़ा था.

इस डील से तय हो गया है कि पूंजी भारत के मध्य वर्ग की कीमत पर कुछ ही कॉपोर्रेट घरानों में केंद्रित हो गई है. आप देखिए कि जिस भी क्षेत्र में अडानी जा रहा है, वहां एकाधिकार बढ़ रहा है और प्रतिस्पर्धा घट रही है. अब सीमेंट के क्षेत्र में भी अडानी कूद पड़े हैं तो वह वहां भी अनडिस्प्यूटेड किंग बनकर उभरेंगे.

अंबुजा सीमेंट और ACC सीमेंट इन दोनों कंपनियों को मिला दें तो इनकी उत्पादन क्षणता 70 मिलियन टन प्रति वर्ष है. इनके पास 23 प्लांट, 14 ग्राइंडिंग स्टेशन और 80 रेडी मिक्स कॉन्क्रीट प्लांट है और देश भर में 50 हजार चैनल पार्टनर है. देश में इस वक्त 298 मिलिटन टन सीमेंट का उत्पादन हर साल होता है. यानी अडानी ग्रुप अब देश का 23% से ज्यादा सीमेंट उत्पादन अकेले करेगा.

अडानी ग्रुप का मानना है कि भारत में सीमेंट की भारी मांग लगातार बनी रहेगी. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट का बाजार है. हालांकि प्रति व्यक्ति सीमेंट की खपत के मामले में भारत दुनिया के मुकाबले काफी पीछे है. भारत में सीमेंट की खपत 240 किलो प्रति व्यक्ति है, वहीं वैश्विक औसत 525 किलो प्रति व्यक्ति है. इसके विपरीत चीन में प्रति व्यक्ति सीमेंट की खपत 1600 किलो है. मध्य वर्ग के बढ़ने से अडानी को भारत में सीमेंट की मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. अडानी की नए करार करने की भूख और राजनीतिक पहुंच ये बात सुनिश्चित करती है कि वो अब एक केंद्रीय भूमिका निभाएंगे. जैसे कभी अमेरिका में रॉकफेलर ने निभाई थी.

‘अमृत योजना’ के नाम पर भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा खेल

देश में जिस योजना में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है उस योजना का नाम है ‘अमृत योजना.’ कही इसके अंतर्गत बिछाई गई अंडरग्राउंड पाइप लाइन फट रही है, तो कहीं सुचारु रूप से जलापूर्ति करने के लिए दो पाइपों को आपस में जोड़ा ही नहीं जा सका है. ओवरहेड टैंक के निर्माण में भी कई समस्या देखने को मिल रही है. भीषण गर्मी में नागरिकों को शुद्ध पेयजल के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

अमृत योजना से सीवर हो या फिर सामुदायिक शौचालय निर्माण, या नाला सफाई ही हो इन सबके नाम पर सरकारी धन की बंदरबांट हो रही है. कागजों पर सब कुछ ओके दिखाया जा रहा है क्योंकि देश के कई बीजेपी शासित राज्यों में सारे ठेके आरएसएस और बीजेपी से जुड़े लोगों को बांटे गए हैं.

भ्रष्टाचार का आलम यह है कि खुद बीजेपी सांसद ही अपने प्रदेश के मुख्य्मंत्री से पूछ रहे है कि मेरे क्षेत्र में अमृत योजना में अलॉट किया गया सैकड़ों करोड़ रुपए कहां है ? आपने किधर गायब कर दिया ? रोहतक सांसद अरविंद शर्मा जी भरी सभा में यह प्रश्न पूछा हैं. अमृत योजना के तहत हरियाणा को 2565 करोड़ रुपए मिले हैं. यह राशि सीवरेज सिस्टम, पेयजल आपूर्ति, ड्रेनेज और पार्कों के रख रखाव पर खर्च होने थे लेकिन काम कहीं भी नहीं दिख रहा.

ऐसा सिर्फ हरियाणा में ही नहीं है, सब प्रदेशों में यही हाल है. दरअसल शहरों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में अमृत योजना की शुरूआत की थी. इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक घर को पाइप लाइन द्वारा जलापूर्ति एवं सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना है. इसके अतिरिक्त इस योजनांतर्गत हरियाली विकसित करना तथा पार्कों का सौंदर्यीकरण भी शामिल है. इस योजना में उपलब्ध फंड की जमकर बंदरबांट चल रही है. एक बार आप इस योजना के बारे में आप गूगल कर लीजिए, ‘ना खाऊंगा और न खानें दूंगा’ की सच्चाई सामने आ जाएगी और हर तरफ सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार ही नजर आएगा.

इलेक्ट्रिक गाड़ी पर नया खेल

एमजी मोटर इंडिया अगले साल तक ये छोटी इलेक्ट्रिक कार MG E230 ला सकती है, जिसमें सिर्फ दो दरवाजे होंगे. एमजी की इस छोटी इलेक्ट्रिक कार में 20kWh का बैटरी पैक देखने को मिल सकता है, जिससे सिंगल चार्ज पर करीब 150 किलोमीटर तक की रेंज मिलेगी. इसकी बैटरी वॉटरप्रूफ होगी और स्मार्ट बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम से लैस होगी. कीमत 10 लाख से कम रखने की बात की जा रही है.

लेकिन वहीं दूसरी ओर यदि आपके पास बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक दो पहिया-चार पहिया गाड़ी है या आप खरीदने जा रहे हैं तो जान लीजिए कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने नया नियम लागू कर दिया है कि इलेक्ट्रिक गाड़ी को चार्ज करने के लिए अलग से बिजली कनेक्शन लेना जरूरी हैं. ऐसी गाड़ियों के मालिक अब से घरेलू बिजली से गाड़ी चार्ज नहीं कर सकेंगे. जो भी घरेलू बिजली से गाड़ी को चार्ज करता पाया जाएगा उसकी गाड़ी जब्त कर ली जाएगी. मध्य प्रदेश ऊर्जा विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है.

भ्रष्टाचार की खुली छूट भी और बदनाम होने का डर भी

अविनाश दास पर सिर्फ इतनी सी बात पर केस दर्ज कर दिया गया कि उन्होंने अपने टि्वटर हैंडल से करोड़ों रुपए के रिश्वत कांड में आईएस पूजा सिंघल की अमित शाह के साथ एक तस्वीर शेयर कर दी. इस तस्वीर के साथ उन्होनें बस इतना सा कैप्शन दिया था कि ‘घर से करोड़ों का कैश पकड़ाने से थोड़े दिन पहले पूजा सिंघल की एक तस्वीर.’

पुलिस के मुताबिक इस तस्वीर को साझा करने के पीछे की मंशा यह है कि ‘कथित तौर पर लोगों को गुमराह किया जा सके और शाह की प्रतिष्ठा को बदनाम किया जा सके.’ जबकि यह कोई फेक तस्वीर नहीं थी. यह फोटो 2017 की थी जब गृहमंत्री झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित गरीब कल्याण मेला में शामिल होने पहुंचे थे. उस दौरान मंच पर बैठे अमित शाह के पास आईएस पूजा सिंघल कुछ कहने आई थी. मात्र एक फोटो शेयर करने पर इस तरह से मुकदमे दर्ज किया जाना यह बता रहा है कि सरकार अंदर ही अंदर कितनी डरी हुई है.

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