केन्द्र की मोदी सरकार अपने जनविरोधी चेहरे पर नकाब डालने के लिए 3 हजार करोड़ रूपये से निर्मित विश्व की सबसे बड़ी मूर्त्ति स्टेचू ऑफ यूनिटी को गुजरात की आदिवासी जनता के सीने पर गाड़ दिया है तो वहीं आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार महज 750 करोड़ रूपये से देश के सबसे बड़े अस्पताल का निर्माण दिल्ली में करने जा रही है. यह एक बुनियादी फर्क होता है गुंडों-बलात्कारियों-हत्यारों की भ्रष्ट सरकार और आम आदमी के हितों खातिर आम आदमी की सरकार में.
स्टेचू ऑफ यूनिटी के नाम पर देश, समाज, जाति, धर्म और परिवार तक को बांटने वाले संघी जब स्टेचू ऑफ यूनिटी की बात करते हैं तब देश की आम जनता को यह समझ लेना चाहिए कि वह किस तरह एक गुंडे और बदमाश व्यक्ति को देश की सत्ता पर बिठा रखा है. स्टेचू ऑफ यूनिटी के आड़ में केन्द्र की मोदी सरकार जहां अपनी नाकामियों को छिपाने का प्रयास कर रही है, वहीं स्टेचू ऑफ यूनिटी के आड़ में गुजरात में आदिवासियों, गांव वालों की पीड़ा अब किसी से छिपी नहीं रह गई है.
पटेल की मूर्ति के लिए सरदार सरोवर डैम पर बहुत तोड़फोड़ की गई है, जिसे लेकर गांव वाले खासे नाराज़ हैं. गांव के लोगों का कहना है कि अगर सरदार पटेल आज जिंदा होते तो मूर्ति के लिए हुए भारी तोड़फोड़ को देखकर रो पड़ते. गांववालों ने चिट्ठी में 31 अक्टूबर को पीएम मोदी का स्वागत नहीं करने की बात कही है. गांववालों ने चिट्ठी में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ! बहुत दुख के साथ हम गांववाले आपको बताना चाहते हैं कि 31 अक्टूबर को जब आप अहमदाबाद आएंगे, तब हम आपका स्वागत नहीं करेंगे. आप अवांछित अतिथि की तरह बेशक आइए, लेकिन आपका स्वागत नहीं होगा. गांववासियों ने आरोप लगाया कि आम आदमी कितनी मेहनत से पैसे कमाता है और टैक्स चुकाता है. मगर सरकार मूर्ति जैसे प्रोजेक्ट पर पानी की तरह पैसा बहा देती है. जबकि, अहमदाबाद के कई गांवों में अभी बुनियादी सुविधाएं ही नहीं पहुंची हैं. ऐसे में क्या सरकार को मूर्ति के बजाय गांव की बुनियादी सुविधाओं जैसे पीने के पानी, अस्पताल, स्कूल बनाने पर पैसे नहीं खर्च करने चाहिए थे ?
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार अपने नागरिकों खातिर मोदी सरकार के द्वारा रोकने के असंख्य प्रयत्न के वाबजूद सबसे बेहतरीन शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधा मुहैय्या कराई है. अब वहीं वह देश में सबसे बड़े लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल का निर्माण कर रही है, जिसे देश की ही नहीं अपितु विदेश के जरूरतमंदों को मदद मिल सकेगी, वहीं हजारों की तादाद में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार करीब 750 करोड़ रूपये की लागत से लोकनायक अस्पताल परिसर में 25 मंजिला इमारत का निर्माण सुनिश्चित की है, जो चार साल में बनकर तैयार हो जायेगी, जिसमें कुल 4 हजार बिस्तरों की क्षमता होगी, जो देश में सर्वाधिक है.
अब यह देश की जनता के सामने सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न उभर के सामने आया है कि क्या वह हत्यारों और बलात्कारियों की पार्टी को 2019 के आम चुनाव में सिर पर चढ़ायेगी, जो अय्यासी के तमाम संसाधन जुटा लिये हैं अथवा देश की आम जनता की बुनियादी जरूरतों – शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी – को पूरा करने वाली ईमानदार सरकार को सत्ता की चाबी सौंपती है.
Read Also –
अरविन्द केजरीवाल का पत्र जनता के नाम
केजरीवाल के धरने से नंगा होता मोदी का बर्बर चेहरा
[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]
[ लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहे प्रतिभा एक डायरी को जन-सहयोग की आवश्यकता है. अपने शुभचिंतकों से अनुरोध है कि वे यथासंभव आर्थिक सहयोग हेतु कदम बढ़ायें. ]