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दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति भूखमरी, गरीबी व बीमारी से पीड़ित देश के साथ सबसे बड़े भद्दे मजाक का प्रतीक है

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दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति भूखमरी, गरीबी व बीमारी से पीड़ित देश के साथ सबसे बड़े भद्दे मजाक का प्रतीक है

गुजराती आदिवासियों की छाती पर खड़ी दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति भूखमरी, गरीबी व बीमारी से पीड़ित देश के साथ सबसे बड़े भद्दे मजाक का प्रतीक बन गया है. गुण्डे और बलात्कारियों की बनी यह सरकार अपने गद्दारी और तमाम नाकामियों को ढंकने के लिए एक कांग्रेसी सरदार बल्लभ भाई पटेल को आम जनता के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रही है. इससे पहले बलात्कारियों और गुण्डों की सरकार अमर शहीद भगत सिंह को अपनाने की काशिश की परन्तु, देश की आम जनता के पक्ष में डट कर खड़े अमर शहीद भगत सिंह को हाईजेक करना इन गद्दारों, गुण्डों, बलात्कारियों और हत्यारों की इस खूनी मोदी सरकार के बूते से बाहर की बात हो गई.



ऐसे में सरदार बल्लभ भाई पटेल को हाईजेक करना ज्यादा आसान लगा क्योंकि सरदार बल्लभ भाई पटेल के हाथ भी देश के कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों के खून से सने हुए है, चाहे वह तेभागा का आन्दोलन हो या तेलंगाना का क्रांतिकारी कम्युनिस्ट आन्दोलन. वहीं आरएसएस पर सीधा हमला करते हुए बल्लभ भाई पटेल ने साफ शब्दों में आरएसएस संस्थापक को उसका आईना दिखाया था और उसपर गांधी की हत्या के बाद प्रतिबंध भी लगाया था. सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा गोलवलकर को लिखा गया पत्र यहां प्रस्तुत है, जिसमें संघियों का चेहरा साफ-साफ दिखाया गया है. –



“नई दिल्ली, 11 सितंबर, 1948
औरंगजेब रोड
भाई श्री गोलवलकर,

“आपका खत मिला जो आपने 11 अगस्त को भेजा था. जवाहरलाल ने भी मुझे उसी दिन आपका खत भेजा था. आप राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर विचार भली-भांति जानते हैं. मैने अपने विचार जयपुर और लखनऊ की सभाओं में भी व्यक्त किए हैं. लोगों ने भी मेरे विचारों का स्वागत किया है. मुझे उम्मीद थी कि आपके लोग भी उनका स्वागत करेंगे, लेकिन ऐसा लगता है मानो उन्हें कोई फर्क ही न पड़ा हो और वो अपने कार्यों में भी किसी तरह का परिवर्तन नहीं कर रहें. इस बात में कोई शक नहीं है कि संघ ने हिंदू समाज की बहुत सेवा की है. जिन क्षेत्रों में मदद की आवश्यक्ता थी उन जगहों पर आपके लोग पहुंचे और श्रेष्ठ काम किया है. मुझे लगता है इस सच को स्वीकारने में किसी को भी आपत्ति नहीं होगी. लेकिन सारी समस्या तब शुरू होती है जब ये ही लोग मुसलमानों से प्रतिशोध लेने के लिए कदम उठाते हैं. उन पर हमले करते हैं. हिंदुओं की मदद करना एक बात है लेकिन गरीब, असहाय लोगों, महिलाओं और बच्चों पर हमले करना बिल्कुल असहनीय है.

“इसके अलावा देश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस पर आपलोग जिस तरह के हमले करते हैं उसमें आपके लोग सारी मर्यादाएं, सम्मान को ताक पर रख देते हैं. देश में एक अस्थिरता का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है. संघ के लोगों के भाषण में सांप्रदायिकता का जहर भरा होता है. हिंदुओं की रक्षा करने के लिए नफरत फैलाने की भला क्या आवश्यक्ता है ? इसी नफरत की लहर के कारण देश ने अपना पिता खो दिया. महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई. सरकार या देश की जनता में संघ के लिए सहानुभूति तक नहीं बची है. इन परिस्थितियों में सरकार के लिए संघ के खिलाफ निर्णय लेना अपरिहार्य हो गया था.



राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर प्रतिबंध को छह महीने से ज्यादा हो चुके हैं. हमें ये उम्मीद थी कि इस दौरान संघ के लोग सही दिशा में आ जाएंगे. लेकिन जिस तरह की खबरें हमारे पास आ रही हैं उससे तो यही लगता है जैसे संघ अपनी नफरत की राजनीति से पीछे हटना ही नहीं चाहता. मैं एक बार पुन: आपसे आग्रह करूंगा कि आप मेरे जयपुर और लखनऊ में कही गई बात पर ध्यान दें. मुझे पूरी उम्मीद है कि देश को आगे बढ़ाने में आपका संगठन योगदान दे सकता है बशर्ते वह सही रास्ते पर चले .आप भी ये अवश्य समझते होंगे कि देश एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है. इस समय देश भर के लोगों का चाहे वो किसी भी पद, जाति, स्थान या संगठन में हो उसका कर्तव्‍य बनता है कि वह देशहित में काम करे. इस कठिन समय में पुराने झगड़ों या दलगत राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है. मैं इस बात पर आश्वस्त हूं कि संघ के लोग देशहित में काम कांग्रेस के साथ मिलकर ही कर पाएंगे न कि हमसे लड़कर. मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि आपको रिहा कर दिया गया है. मुझे उम्मीद है कि आप सही फैसला लेंगे. आप पर लगे प्रतिबंधों की वजह से  मैं संयुक्त प्रांत सरकार के जरिए आपसे संवाद कर रहा हूं. पत्र मिलते ही उत्तर देने की कोशिश करूंगा.

आपका

वल्लभ भाई पटेल”
[ संदर्भ: Justice on Trial: Historic Document of Guruji-Government Correspondence]


इसके वाबजूद देश की सत्ता पर काबिज सरकार गद्दारों, गुण्डों, बलात्कारियों और हत्यारों की इस खूनी मोदी सरकार अगर प्रखर कांग्रेसी सरदार बल्लभ भाई पटेल को हाईजेक करने की कोशिश कर रहा है तो इसका एक ही तात्पर्य है कि अच्छाईयों को मारने के लिए अच्छे लोगों के कुछ जनविरोधी कदमों का उपयोग कर रहा है, ताकि उसके माध्यम से वह खुद को जस्टिफाई कर सके और देश के संविधान को खत्म कर मनुवादियों के मनुस्मृति को संविधान का दर्जा देकर एक बार फिर देश में हिन्दु ब्राह्मणवादियों के शोषण-अत्याचार को जारी कर सके.

आरएसएस पोषित भाजपा की केन्द्रीय मोदी सरकार देश की विशाल दलित, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं के खिलाफ उत्तरोत्तर बढ़ते कदम सरदार बल्लभ भाई पटेल की आशंकाओं को सही साबित करता है और भाजपा की सरकार इतिहास को मिटाने और बरगलाने की मुहिम में जुटा हुआ है. यही कारण है कि भाजपा की जनविरोधी यह मोदी सरकार सरदार बल्लभ भाई पटेल की विशालकाय मूर्ति गुजरात की आदिवासियों की छाती में गाड़ दिया है ताकि देश में भयानक भूखमरी, बेरोजगारी, अशिक्षा, अचिकित्सा, उसकी हत्या, नरसंहार, बलात्कार आदि को लोग भूल जायें और एक बार फिर 2019 में भाजपा की इस गद्दार देशद्रोही सरकार एक बार फिर सत्ता पर काबिज हो सके.



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