Home गेस्ट ब्लॉग ‘हरामखोर लुटेरी सरकार ने हमें बर्बाद कर दिया’

‘हरामखोर लुटेरी सरकार ने हमें बर्बाद कर दिया’

5 second read
0
0
641

'हरामखोर लुटेरी सरकार ने हमें बर्बाद कर दिया'

मैं कैब में सवार हुआ तो उसने पूछा- सर, ओटीपी ?
मेरे बताने के बाद उसने गाड़ी आगे बढ़ा दी. कुछ एक बुरे अनुभवों के बाद अब कैब में मैं काफी सतर्क रहता हूं. ड्राइवर पर कड़ी निगाह रखता हूं. हालांकि, ज्यादातर मेरी तरह शरीफ ही होते हैं लेकिन कल वाला मेरी तरह परेशान आत्मा भी निकला.

मैंने गौर किया कि उसके पास दो मोबाइल है. एक में तो नैविगेशन चल रहा है, दूसरा उसके हाथ में है. एक हाथ से वह गाड़ी चला रहा है और दूसरे हाथ से मोबाइल देख रहा है. मोबाइल स्क्रीन पर एक बच्ची की फ़ोटो है. एक झलक देख कर उसने मोबाइल नीचे रख दिया.

मैंने पूछा, ‘भैया, कितनी देर में पहुंचा दोगे ?’ उसने जवाब दिया, ‘मात्र 20 मिनट में.’ इसके बाद हमारा बातों का सिलसिला चल निकला.

मैंने पूछा, ‘काम कैसा चल रहा है ?’

उसने मुझे टटोलने की गरज से पूछा, ‘आपको क्या लगता है ? इस टाइम में कैसा चल सकता है ?’

मैंने कहा, ‘उम्मीद है कि ठीक ही चल रहा होगा.’

उसने छूटते ही कहा, ‘या तो आपकी नौकरी अच्छी है या फिर आपको हर चीज को उम्मीद से देखने की आदत होगी, तभी आप ऐसा कह रहे हैं.’

– ‘क्यों ? क्या आपका काम अच्छा नहीं चल रहा ?’

– ‘अरे सर क्या बताऊं ? 9 महीने बाद गाड़ी निकाली है. 4 लाख रुपया कर्ज हो गया है. तमाम पैसा फंस गया है. लोकडौन हो गया था तो घर भागना पड़ा. गेहूं बेचकर गाड़ी की किश्त भरी.’

ऐसी कहानियां हर किसी की हैं, लेकिन मैं और सुनना चाहता था. मैंने पूछा, ‘इसका मतलब लॉकडाउन में आपका बहुत नुकसान हुआ ?’

– ‘नुकसान नहीं हुआ सर, मैं बर्बाद हो गया. नोटबन्दी से मेरा स्ट्रगल शुरू हुआ है और खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मेरी चार बेटियां हैं. परिवार मेरे साथ रहता था. तीन बेटियां यहां पढ़ रही थीं. लोकडौन हुआ तो पहले लगा कि 10-15 दिन की बात है, लेकिन जब बढ़ गया तब क्या करता ? किससे भीख मांगता ? परिवार लेकर घर चला गया. ट्रक बुक करके सबको ले गया.’

– ‘हम्म…’

– ‘सर, सबसे बड़ा नुकसान हुआ कि मेरे बच्चे मुझसे बिछुड़ गए. मेरी छोटी सी बेटी है. कल पूछ रही थी कि जब आपको नोएडा वापस जाना था तो हमको घर क्यों लाए ? अपने साथ क्यों नहीं ले गए ? सर, उस छोटी बच्ची को कैसे समझाऊं ? चारों बेटियों के नाम बीमा कराया है. लोकडौन में किश्त नहीं दे पाया. अब एलआईसी वाला कह रहा है कि कर्जा लेकर भरो. कर्जा मिल जाएगा, वरना डूब जाएगा. बताइए सर, मेरा ही पैसा, मुझे ही कह रहा कर्ज लो वरना जो दिया है वो भी डूब जाएगा. मैं हर 6 महीने पे 60 हजार भर रहा था. अब क्या करूं ?’

– ‘तो ? अब क्या करेंगे आप ?’

– ‘क्या करूंगा ? इस हरामखोर लुटेरी सरकार ने हमें बर्बाद कर दिया. इसको खाली अमीरों के बारे में सोचना है. अखबार में निकला था कि अम्बानी की संपत्ति बढ़ गई. हम भोंसड़ी के इधर बर्बाद हो गए, उधर अम्बानी और अमीर हो गया. ये तो इस देश का सिस्टम है. सर आप बताइए, क्या मेरी बेटियों का पैसा डूबना चाहिए ? क्या सरकार को गरीब आदमी की मदद नहीं करनी चाहिए ? लेकिन यहां गरीब के बारे में कोई नहीं सोचता.’

– ‘आपको क्या लगता है, ये अन्याय क्यों हो रहा है ?’

– ‘सर, अन्याय इसलिए हो रहा है कि इस देश की सरकार गरीब के खिलाफ है. मुझे 2014 में ही एक आदमी मिला था आपकी तरह, गुजरात का था. उसने कहा था कि ये आदमी सिर्फ अमीरों के लिए काम करता है लेकिन मैं ही चूतिया था, मैंने इसको वोट दिया. अब लग रहा है कि आज इस बर्बादी में मेरे उस एक वोट का भी योगदान है. पढ़ा-लिखा होकर भी मैंने बेवकूफी की. हम सब उल्लू बने.’

मैंने कहा- ‘वोट देने वाला कभी उल्लू नहीं होता. उल्लू वो होता है जो गलती करने के बाद, बर्बादी होने के बाद भी न समझे कि गलती हुई है.’

उसने कहा- ‘अब जीवन में दोबारा ये गलती नहीं होगी.’

सबसे अंत में उसने कहा- ‘सर, अभी तो सोच रहा हूं कि थोड़ा-सा पैसा जोड़कर पहले घर जाऊं. मेरी बिटिया मुझे बहुत याद करती है.’

मुझे बाबा नागार्जुन याद आए- ‘प्राइवेट बस का ड्राइवर है तो क्या हुआ, सात साल की बच्ची का पिता तो है.’

  • कृष्णकांत

[प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles

Check Also

भारत सरकार बस्तर के बच्चों की हत्या और बलात्कार कर रहा है

आज़ादी के अमृतकाल का जश्न मना रही भारत की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासी युवाओं…