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अमित शाह : एक गुंंडे का इतिहास बोध

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अमित शाह : एक गुंंडे का इतिहास बोध

लखनऊ में नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि ‘इस बिल को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, मायावती, सपा और कम्युनिष्ट कांव-कांव चिल्ला रहे हैं. मैं आज लखनऊ की भूमि से डंके की चोट पर कहता हूंं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है.’

एक हत्यारा अपराधी के शब्दों का चयन ऐसा ही होता है. सत्ता हासिल करते ही वह खुद को खुदा समझने लगता है और उसका मानना होता है कि उसके शब्द ही कानून है. उसका शब्द ही इतिहास है. उसका मानना ही अंतिम सत्य है, इसके सिवा और जो कुछ भी है, वह उसका विरोधी है, उसे खत्म करना ही उसका अंतिम लक्ष्य है. यही कारण है कि वह यह कहने की मूर्खता कर रहा है कि ‘जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है.’

यह गुंडा जो आज देश की सत्ता पर आरुढ़ हो गया है, अगर उसे विरोध का डर नहीं होता तो उसके द्वारा देश भर में घूम-घूमकर नागरिकता कानून पर ‘जागरुकता’ पैदा करने के नाम पर सभायें नहीं करनी होती, जहां लोगों को बरगला कर लाया जाता है. यह देश की करोड़ों लोगों के अनवरत विरोध का ही नतीजा है कि उसे ‘मिस कॉल’ के फर्जीवाड़े की मदद से नागरिकता कानून पर जनसमर्थन जुटाना पड़ रहा है.

दरअसल एक अपराधी गुंडा का चरित्र ही ऐसा होता है. लोगों के शांत समूहों को देखकर उसे यह भ्रम हो जाता है कि वह जो चाहे अपनी मनमर्जी इन शांत लोगों के साथ कर सकता है. परन्तु ज्यों ही जनसमूह उसके खिलाफ उठ खड़ा होता है, वह भय से कांपने लगता है और इतिहास के बड़े व प्रतिष्ठित लोगों का समर्थन लेने के लिए उनके वक्तव्यों को अपने मनमाफिक बोलने लगता है. ठीक यही दशा अमित शाह जैसे गुंंडे का है.

गुंडा अमित शाह का ‘डंके’ की चोट पर संसद में कहता है कि वह ‘CAA पर एक ईंच पीछे नहीं हटेगा और CAA के बाद पूरे देश में NRC लागू करेगा.’ देश के करोड़ों लोगों के विरोध को देखकर बड़ा गुंडा नरेन्द्र मोदी कहता है ‘NRC पर कहीं और कभी भी चर्चा ही नहीं हुआ है, कि लोगों को भड़काया गया है.’ फिर कुछ दिन बाद छोटा गुंडा दिलीप घोष कहता है ‘CAA-NRC का विरोध करने वालों को कुत्ते की मौत मारेंगे.’ एक बार फिर गुंडा अमित शाह देश में ‘जागरूकता’ फैलाने और NRC-CAA पर जनसमर्थन हासिल करने के लिए मोबाईल फोन पर ‘मिस कॉल’ का फर्जीवाड़ा करत है और देशभर में सभायें करता है. यह वह केवल विरोध के भय से कर रहा है.

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One Comment

  1. संदीप

    January 22, 2020 at 10:11 am

    शब्द संभालकर बोला जाए तो बेहतर है ,
    तुमको आज की परिस्थितियों को देखकर अलग अलग जगह और समय से यह पोस्ट रखनी चाहिए

    Reply

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